आधी रात नियुक्ति पर गंभीर सवाल
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- ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर लग सकता है ग्रहण!
- राहुल गांधी ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को बताया अपमानजनक
- तेजस्वी यादव ने कहा- आयोग बीजेपी सरकार का चियरलीडर बन गया है
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाये जाने के निर्णय से विपक्ष आग बबूला हो गया है। राहुल गांधी ने इसे अपमानजनक और अशिष्ट बताया है। तेजस्वी यादव और उमर अबदुल्ला ने भी इस नियुक्ति पर सवाल उठाये हैं। चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर बड़ती राजनीतिक बमचक को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आज इस पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि 2 मार्च, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को मिलाकर एक चयन समिति बनाने का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में सरकार ने अगस्त 2023 में कानून पारित किया, जिसमें समिति का पुनर्गठन किया गया जिसमें सीजेआई की जगह प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्ति केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया। आज सुप्रीम कोर्ट में 2023 में बने कानून के तहत ही सुनवाई होनी है। ऐसे में इस बात की संभावना बड़ गयी है कि ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ग्रहण लगा सकती है! सरकार ने अपने बनाये कानून के हिसाब से मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कर दी है। जबकि राहुल गांधी ने बाकायदा नोट लिख कर वर्ष 2023 में आये सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने का निवेदन किया था। उन्होंने नोट लिखकर गृहमंत्री अमित शाह को भी दिया था। लेकिन उनके नोट लिखने के दो घंटे के भीतर ही सरकार ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कर दी। राहुल गांधी ने इसे अपमानजनक बताया है।
ज्ञानेश कुमार ने 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला
- कहा- चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा
ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला। सीईसी के रूप में अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा, राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है। उन्होंने कहा इसलिए, भारत के प्रत्येक नागरिक को जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। भारत के संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के अनुसार, भारत का चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा। वे दो अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ चुनाव आयोग का कार्यभार संभालेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कुमार ने देश के मतदाताओं को संदेश दिया। अपने संदेश में मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है और भारत का हर नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के अनुसार चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था, है और हमेशा रहेगा, भारत का चुनाव आयोग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली समिति ने कुमार के नाम की सिफारिश की और राष्ट्रपति के आदेश के बाद 17 फरवरी को उन्हें नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। वे चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। उन्होंने राजीव कुमार का स्थान लिया है। राजीव कुमार के कार्यकाल के दौरान ज्ञानेश पहले से ही चुनाव आयुक्त थे।
तेजस्वी आये समर्थन में
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने भी नियुक्ति की निंदा करते हुए कहा है कि चुनाव आयोग पर लोगों का भरोसा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। आयोग भाजपा सरकार का चीयरलीडर बन गया है। यह जनता के लिए कैंसर बनता जा रहा है।
उमर ने भी राहुल की हां में हां मिलाई
राहुल गांधी का समर्थन करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने असहमति के अपने अधिकार का बचाव किया। अब्दुल्ला ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें असहमति जताने का पूरा अधिकार है। वह सिर्फ सरकारी फैसलों पर मुहर लगाने के लिए नहीं हैं। असहमति एक मौलिक अधिकार है और राहुल गांधी ने इसका प्रयोग किया।
चुनाव आयोग की स्वायत्तता को खत्म कर रही सरकार : सिंघवी
कांग्रेस ने सीईसी और चुनाव आयुक्तों की संशोधित नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली याचिका की समीक्षा करने तक चयन में देरी की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का इरादा चुनाव आयोग की स्वायत्तता को बनाए रखने के बजाय उस पर प्रभाव डालना है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 2023 के कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में आज प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई निर्धारित की है।
बीजेपी ने जारी की लिस्ट
भाजपा ने राहुल गांधी की असहमति पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए ऐतिहासिक रूप से पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा है कि आज्ञाकारी उम्मीदवारों को नियुक्त करने और मौजूदा लोगों को इनाम के तौर पर राजनीतिक नियुक्तियां देने के उनके रिकॉर्ड को देखते हुए, कांग्रेस और गांधी परिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर उपदेश देने वाले आखिरी व्यक्ति होने चाहिए। मालवीय ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों की एक सूची साझा की, जिन्हें कथित तौर पर कांग्रेस शासन के दौरान राजनीतिक पुरस्कार मिले थे। इस सूची में केवीके सुंदरम, विधि आयोग के अध्यक्ष नियुक्त, नागेंद्र सिंह, पद्म विभूषण से सम्मानित, आरके त्रिवेदी, पद्म भूषण प्राप्त, बाद में राज्यपाल बने, वीएस रामदेवी, राज्यपाल नियुक्त, टीएन शेषन, 1996 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, एमएस गिल, यूपीए सरकार में मंत्री बने, जेएम लिंगदोह, कांग्रेस में शामिल हुए व एन गोपालस्वामी, पद्म भूषण से सम्मानित।