संगम का पानी नहाने लायक नहीं, रिपोर्ट में बड़ा हुआ खुलासा, NGT ने यूपी सरकार को फटकारा
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज के महाकुंभ मेले में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि संगम का पानी कितना दूषित हो चुका है। मिली जानकारी के अनुसार पानी की गुणवत्ता चिंता बढ़ा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा और यमुना का पानी नहाने के लायक नहीं है। संगम में प्रदूषित पानी के मामले पर NGT में आज (19 फरवरी) को सुनवाई हुई, इस मामले पर NGT ने यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए और नाराजगी भी जताई। वहीं यूपी सरकार ने NGT को भरोसा दिया है कि वो CPCB की रिपोर्ट पर तगड़ा एक्शन लेगी। बता दें कि अब मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की वकील ने कहा कि CPCB ने टेस्ट रिपोर्ट नहीं लगाई है। UPPCB ने भी रिपोर्ट फाइल करते हुए अपना पक्ष रखा है। इस पर NGT ने पूछा कि क्या यूपी सरकार CPCB की रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर रही है? CPCB की रिपोर्ट के अनुसार संगम समेत कई जगहों पर फेकल कोलीफॉर्म (खतरनाक बैक्टीरिया) का स्तर 2,500 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर की तय सीमा से बहुत ज्यादा है। इसका मतलब नदियों में सीवेज और गंदगी जमकर मिल रही है। लाखों श्रद्धालु जब पवित्र स्नान करते हैं, तो बैक्टीरिया की मात्रा और बढ़ जाती है।
NGT ने सख्त अपनाया रुख
वहीं इस रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को फटकार लगाई। जल प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर एक पूरी रिपोर्ट दी जाए, लेकिन UPPCB सिर्फ बहानेबाज़ी करता रहा और आधी-अधूरी रिपोर्ट सौंप दी। NGT ने सख्त रुख अपनाते हुए UPPCB के सदस्य सचिव और जल गुणवत्ता से जुड़े सभी अधिकारियों को 19 फरवरी को वर्चुअली पेश होने का आदेश दिया।
उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि संगम का पानी नहाने के लिए उपयुक्त है, प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के 6 पॉइंटस पर पानी नहाने के लिए उपयुक्त है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर 6 पॉइंटस पर पानी के नमूने में डिसलोव ऑक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और फेकल कोलीफॉर्म (एफसी) का लेवल स्वीकार्य मानकों के अनुसार है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘शास्त्री ब्रिज के पास बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड और फिकल कैलिफॉर्म के आंकड़ों में मामूली वृद्धि हुई है। पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी करवाई की जाएगी। नालों के माध्यम से कोई भी प्रदूषित सीवेज सीधे गंगा नदी या यमुना नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है। किसी भी ठोस कचरे को गंगा और यमुना में जाने से रोकने के लिए नियमित निगरानी की जा रही है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- महाकुंभ मेला के अपर जिलाधिकारी (ADM) विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि “हर दिन पानी की जांच हो रही है, और प्रदूषण नियंत्रण में है।
- इसके अलावा हर दो घंटे में मशीनों से पूजा सामग्री और कचरा हटाया जा रहा है, जिससे पानी साफ बना रहे।