फाल्गुन माह के प्रदोष व्रत पर न करें ये गलतियां, जानें शुभ मुहूर्त
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिंदू धर्म के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। पहला कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर, हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित मानी गई है। प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष दिन व्रत और पूजन से व्यक्ति को जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।
इस समय फाल्गुन महीना चल रहा है और इस माह का पहला प्रदोष व्रत 25 फरवरी को किया जाएगा। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। इस बार फाल्गुन मास का प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का पालन किया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखते हुए संध्या समय, जिसे गोधूलि बेला कहा जाता है, भगवान भोलेनाथ की पंचोपचार या षोडशोपचार पद्धति से पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।
- इस बार की त्रयोदशी तिथि पर विशेष योग बन रहे हैं, जो इसे और भी शुभ बनाते हैं।
- इस दिन त्रिपुष्कर योग और वरियान योग का संयोग बन रहा है, जो दुर्लभ माने जाते हैं।
फाल्गुन प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
- फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 फरवरी को दोपहर 12:47 बजे शुरू होगी।
- इस तिथि का समापन 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे होगा।
- ऐसे में 25 फरवरी को फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा।