सरपंच की हत्या मामले में फंस गए महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे, देना पड़ा इस्तीफा

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में चल रहा बवाल थमने का नाम ले रहा है. यहां की राजनीति किसी न किसी वजह से चर्चा में बनी रहती है. महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की चर्चा से हलचल मची हुई थी. मुंडे से अलग रह रही उनकी पहली पत्नी करुणा मुंडे ने दावा किया था कि वह सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा दे देंगे. सूत्रों की मानें तो सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी मंत्री धनंजय मुंडे को इस्तीफा मांग लिया था.
पत्नी के दावा सही साबित हुआ मुंडे ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बीड में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में नाम जुडने से सरकार पर उनका इस्तीफा लेने का लगातार दबाव बढ रहा था. धनंजय मुंडे बीमार होने के कारण प्रशांत जोशी ने सीएम के पास इस्तीफ़ा दिया.
फैसला सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लिया है. मामले में देर रात डिप्टी सीएम अजित पवार के घर देवगिरी पर एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई इस बैठक में धनंजय मुंडे भी मौजूद थे. इसी दौरान तय हो चुका था कि मुंडे अब मंत्री पद से इस्तीफा देंगे.
संतोष देशमुख हत्या का मुख्य आरोपी वाल्मीकि कराड मंत्री धनंजय मुंडे का करीबी था. खुद धनंजय मुंडे भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वाल्मीकि कराड उनका बेहद करीबी है. अब हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था.
धनंजय मुंडे की पत्नी करुणा शर्मा मुंडे ने रविवार (02 मार्च) को दावा किया था कि धनंजय मुंडे बजट सत्र से पहले इस्तीफा देंगे. यहां तक कि करुणा मुंडे ने ये भी कहा था दो दिन पहले ही अजित पवार ने उनका इस्तीफा ले लिया है. उन्होंने ये भी कहा था कि धनंजय मुंडे इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अजित पवार ने जबरन उनका इस्तीफा लिखवा लिया.
इस्तीफे को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार उनक इस्तीफे कारण बीमारी को बताएगी. धनंजय मुंडे को बेल्स पाल्सी नामक बीमारी हो गई है, जिससे उन्हें लगातार बोलने में दिक्कत हो रही है.
एनसीपी अजित पवार के करीबी मंत्री धनंजय मुंडे जो मौजूदा सरकार में डूड एंड सिविल सप्लाई मिनिस्टर थे. इनके साथ कई बार विवाद जुड चुका है. धनंजय मुंडे कम उम्र से अपने चाचा गोपीनाथ मुंडे के साथ राजनीति में आ गए और गोपीनाथ मुंडे के हर चुनाव में उनके लिए बीड जिले में,परली तहसील में प्रचार करते रहे.
गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद धनंजय मुंडे ने परली विधानसभा सीट पर खुद का क्लेम किया और गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे के सामने एनसीपी (संयुंक्त) पार्टी से चुनाव लड़ा और बीजेपी से खड़ी पंकजा मुंडे को हराया. महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे इसके अलावा कई विवादों में घिरे रहे हैं, जिनमें उनकी वैवाहिक जीवन से जुडे मामले भी है.
धनंजय मुंडे की पहली पत्नी होने का दावा करने वाली करुणा शर्मा ने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था. बांद्रा फैमिली कोर्ट ने इस मामले में फरवरी 2025 में आदेश दिया कि धनंजय मुंडे करुणा शर्मा को 1.25 लाख रुपये प्रति माह और उनकी बेटी को 75,000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता दें. धनंजय मुंडे ने इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि उनकी करुणा शर्मा से कभी शादी नहीं हुई, इसलिए गुजारा भत्ता का आदेश अनुचित है.
बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में भी धनंजय मुंडे का नाम सामने आया है. एसआईटी द्वारा दाखिल चार्जशीट में उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को इस हत्या का मास्टरमाइंड बताया गया है. इस प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेतृत्व से धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की थी.