कानपुर में शोभायात्रा पर नहीं हुई पत्थरबाजी, प्रारंभिक जांच में नहीं मिला कोई सबूत: पुलिस

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा निकाली गई. इस मौके पर सामने आया की चंद्रेश्वर हाता में नई सडक़ इलाके में शोभायात्रा पर लोगों ने छतों से पत्थर बरसाए. बिल्डिंग से शोभायात्रा में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी की गई. अब पत्थरबाजी के इन दावों को लेकर पुलिस की तरफ से बयान सामने आया है. पुलिस ने पत्थरबाजी की खबरों को अफवाह बताया है.
रविवार शाम को रामनवमी के जुलूस पर पथराव किए जाने के दावे के चलते नई सडक़ इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पुलिस ने कहा है कि जुलूस में पथराव के दावे अफवाह हैं. साथ ही पुलिस ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है.
पुलिस उपायुक्त (ईस्ट) श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि ‘शोभायात्रा’ के आयोजकों से एक लिखित शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जब जुलूस लौट रहा था तो चंद्रेश्वर हाता के नजदीक नई सडक़ के पास इमारतों की छतों से पत्थर फेंके गए. पुलिस ने कहा कि इलाके से कुछ लोगों के भागने के एक कथित वीडियो ने इस अफवाह को जन्म दिया.
डीसीपी ने कहा, दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, शोभायात्रा के बाद जब जुलूस लौट रहा था तो श्रद्धालुओं पर इमारतों से पथराव किए जाने के बाद परेशानी पैदा हुई. हालांकि, अधिकारी ने कहा, पहली नजर में यह अफवाह लगती है, क्योंकि किसी को ईंट या पत्थर से नहीं मारा गया है. उन्होंने कहा, हमने उचित निरीक्षण किया है और सीसीटीवी फुटेज और वीडियो को स्कैन किया है और अब तक आरोपों की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है.
पुलिस ने पब्लिक और मीडिया साथियों से भी अपील की है कि पत्थरबाजी के अगर ऐसे कोई वीडियो हैं जो पुलिस की जांच करने में सहायता कर सकते हैं तो वो उनको वो दें. साथ ही डीसीपी ने कहा कि हम ने लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखे और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें.
एहतियात के तौर पर, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए क्षेत्र में आरक्षित पुलिस बल और पड़ोसी पुलिस स्टेशनों के कर्मियों को तैनात किया गया है. डीसीपी सिंह ने कहा, हालात काबू में है और हम अभी भी सतर्क हैं और स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं. अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. अधिकारी ने कहा, कुछ वीडियो फुटेज वायरल हो रहे हैं, जिसमें कुछ लोग भागते दिख रहे हैं, जिससे विवाद बढ़ गया है. हालांकि, वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है.