World Health Day: हर साल 7 अप्रैल को ही क्यों मनाते हैं वर्ल्ड हेल्थ डे? जानें विस्तार से…

दुनिया भर में हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 मनाया जाता हैं... वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करके बेहतर जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। जो लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है।

4 पीएम न्यूज नेटवर्कः दुनिया भर में हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 मनाया जाता हैं… वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करके बेहतर जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। जो लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इस बार की थीम ”स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” रखा है। इसका मकसद मातृ व शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम किया जा सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी। अच्छा स्वास्थ्य हर समृद्ध समाज की नींव है। इस पर खरगे ने कहा- कि मोदी सरकार ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक करते हुए सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य हर समृद्ध समाज की नींव है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने तंज कसा कि दवाई, इलाज पर महंगाई की भाजपाई गोली। मोदी सरकार ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को ICU में पहुंचा दिया है। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस पर यह जानना जरूरी है कि कैसे मोदी सरकार ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है। दवाई, इलाज पर महंगाई की भाजपाई गोली शीर्षक वाले वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने में फेल रही है। खरगे ने आसमान छूती चिकित्सा महंगाई, स्वास्थ्य सेवा लागत और कम सरकारी खर्च का हवाला देते हुए सत्तारूढ़ दल पर स्वास्थ्य ढांचे को खतरे में डालने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस साल अप्रैल तक 900 जरूरी दवाओं के दाम में इजाफा हुआ। नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि
महंगे इलाज के कारण हर साल 10 करोड़ भारतीय गरीबी के कगार पर पहुंच जाते हैं। लोगों के स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर
18 फीसदी जीएसटी लगती है और मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, पट्टियां, सर्जिकल सामान पर 12 से 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है।
चिकित्सा की बढ़ती लागत अस्पताल के बिल में नजर आती है। एंजियोप्लास्टी और किडनी ट्रांसप्लांट के दाम दो से तीन गुना हो गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट आवंटन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार को सकल घरेलू उत्पाद का 2.5
फीसदी खर्च करना चाहिए। लेकिन 1.84 फीसदी ही आवंटित किया गया है। वहीं पिछले पांच साल में स्वास्थ्य बजट 42 फीसदी की कमी हुई है।

 

 

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