जाएगी बड़बोले निशिकांत की सांसदी!

  • कांग्रेस ने की मांग, कोर्ट के अवमानना का लगा आरोप
  • राजनीतिक गलियारों में मामले ने तूल पकड़ा बीजेपी ने किया किनारा
  • बीजेपी सांसद निशिकांत ने सुप्रीम कोर्ट के जज पर की थी दंगा फैलाने वाली टिप्पणी
  • भाजपा अब न्यायपालिका को भी अपनी कठपुतली बनाना चाहती है!

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी कर फंस गये हैं। राजनीतिक गलियारों में मामला तूल पकड़ रहा है और बीजेपी ने उनसे किनारा कर लिया है। वक्फ संशोधन बिल इस समय पूरी दुनिया में संवेदनशी मुददा बन गया है और बिल पर सुनवाई अपने अंतिम दौर में हैं। बता दे दुबे ने कहा था कि कोर्ट ही फैसला करेगा तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उसी क्रम में उन्होंने कोर्ट पर गृहयुद्ध करवाने का भी आरोप लगा दिया था। पीएम मोदी की सउदी अरब की यात्रा भी इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ऐसे में एक सांसद का सुप्रीम कोर्ट के जज पर इस तरह का अरोप के मायने तलाशे जा रहे हैं। कांग्रेस ने उनकी सांसदी निरस्त करने की मांग की है।

क्या जा सकती है सांसदी

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1) के अनुसार किसी भी सांसद की सदस्यता निरस्त होने के लिए उसका किसी लाभ के पद पर कार्य करना, किसी अपराध में दोषसिद्धि होकर दो या अधिक वर्षों की सजा मिलना और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत अयोग्य होना शामिल है। यदि निशिकांत दुबे की टिप्पणी को अदालत की अवमानना माना जाता है और इसके लिए उन्हें दोषी ठहराया जाता है, तो यह उनकी अयोग्यता का आधार बन सकता है। अवमानना अधिनियम 1971 के तहत, यदि कोई व्यक्ति न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुँचाता है या उसके आदेशों की अवहेलना करता है, तो उसे अवमानना का दोषी ठहराया जा सकता है। यदि दुबे की टिप्पणी को न्यायालय की अवमानना माना जाता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है।

निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमारी मंजूरी जरूरी नहीं

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा न्यायापालिका पर की गई टिप्पणी पर विवाद हो गया है और अब उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी हो रही है। सोमवार को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने एक याचिका आई, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की हालिया टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मांगी गई। इस पर पीठ ने कहा कि आप इसे दायर करें, याचिका दायर करने के लिए आपको हमारी मंजूरी की जरूरत नहीं है।

न्यायपालिका नहीं रही सुरक्षित तो क्या होगा?

कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष से अपील की कि निशिकांत दुबे को संसद सदस्य पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। अंसारी ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका- इन तीनों संवैधानिक स्तंभों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अगर न्यायपालिका ही सुरक्षित नहीं रही, तो लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं बचेगा।

मनुस्मृति लागू करना चाहती है बीजेपी

झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय कमेटी के प्रमुख नेता विनोद पांडेय ने कहा है कि गोड्डा के निशिकांत दुबे ने भाजपा नेतृत्व के इशारे पर न्यायपालिका पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा, असल बात यह है कि भाजपा देश में मनुस्मृति लागू करना चाहती है। उन्हें देश के संवैधानिक ढांचे पर विश्वास ही नहीं है। चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर कब्जा किया जा चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर भी इन्हें आपत्ति है। आखिरकार भाजपा इस देश को कहां ले जाना चाहती है।

झारखंड से बवाल शुरू

निशिकांत दुबे बीजेपी के टिकट पर झारखंड की गोड्डा लोकसभा से निर्वाचित हुए हैं। उनके बयान की सियासी चिंगारी में सबसे पहले झारखंड ही झुलसा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने दुबे के बयान को संविधान और लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए उनकी सांसद पद समाप्त करने की मांग की है। झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्री इरफान अंसारी ने कहा है कि निशिकांत दुबे का बयान न केवल सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक बुनियाद को भी कमजोर करता है। भाजपा अब न्यायपालिका को भी अपनी कठपुतली बनाना चाहती है। यह बेहद खतरनाक संकेत है।

विदेश में राहुल के बयान के बाद देश में घमासान

  • बोस्टन में महाराष्ट्र चुनाव पर उठाए सवाल, भाजपा ने किया बवाल
  • नेता प्रतिपक्ष बोले- सिस्टम में कुछ गड़बड़ है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
न्यूयार्क। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं। बोस्टन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया और भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि व्यवस्था में कुछ बहुत गड़बड़ है। उनके बयान के बाद देश में सियासी घमासान मचा है।
महाराष्ट्र चुनाव पर बोलते हुए गांधी ने कहा कि दो घंटे में मतदाता सूची में 65 लाख मतदाताओं का नाम जुड़ गया, जो असंभव था। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह बहुत स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है, व्यवस्था में कुछ बहुत गड़बड़ है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि महाराष्ट्र में कुल लोगों की संख्या से अधिक लोगों ने मतदान किया और यह एक तथ्य है… चुनाव आयोग ने हमें शाम करीब साढ़े पांच बजे एक आंकड़ा दिया और दो घंटे यानी साढ़े सात बजे के आसपास 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया, जो शारीरिक रूप से असंभव है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24 के तहत बहुत कम प्रथम या द्वितीय अपील दायर की गई थी।

लोस व झारखंड चुनाव में क्या कांग्रेस का इलेक्शन कमीशन से समझौता था : पात्रा

भाजपा प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी जी का यही निराशा है कि आज वो विदेशी भूमि पर जाकर भारत और भारत के महान लोकतंत्र को अपमानित कर रहे हैं और बदनाम कर रहे हैं। राहुल जी अमेरिका में जाकर इलेक्शन कमीशन को छेड़छाड़ की गई बताते हैं। वो कहते हैं कि महाराष्ट्र के चुनाव में जो मतदान हुआ, वो एक प्रकार से फर्जीवाड़ा था। महाराष्ट्र में भाजपा और उनके सहयोगियों को नहीं जितना था। लेकिन मै पूछना चाहता हूं कि उसी समय झारखंड में भी चुनाव था, क्या आपने और हेमंत सोरेन ने इलेक्शन कमीशन से समझौता किया था? पात्रा ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पार्टी ने 240 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को केवल 99 सीटें मिलीं। फिर भी, उन्होंने जश्न मनाया और दावा किया कि यह भाजपा की हार है। तो क्या चुनाव आयोग ने कांग्रेस से समझौता किया?

राहुल हमेशा विदेशी धरती पर भारत को बदनाम क्यों करते हैं : प्रदीप भंडारी

देश की चुनावी प्रक्रिया पर राहुल गांधी की आलोचनाओं का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रदीप भंडारी ने कहा कि लोकतंत्र विरोधी, भारत विरोधी राहुल गांधी जो भारतीय मतदाताओं का विश्वास नहीं जीत सके, वे विदेशी धरती पर भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे हैं। राहुल हमेशा विदेशी धरती पर भारत को बदनाम क्यों करते हैं? जॉर्ज सोरोस का एजेंट जो भारतीय राज्य से लड़ रहा है – यही आज राहुल गांधी का इरादा है!

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