चंद्रशेखर आजाद ने कर दिया दावा, मोदी सरकार की बढ़ी परेशानी

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दावा किया है जातीय जनगणना के ऐलान पर सरकार धोखा दे सकती है... उनका इशारा बिहार में चुनाव को लेकर था...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः हाल ही में केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला लिया है…… जिसने देश की राजनीति और सामाजिक संवाद में एक नई बहस को जन्म दिया है…… इस फैसले पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष…… और उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है….. और उन्होंने न केवल इस निर्णय का स्वागत किया…… बल्कि सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और जाति जनगणना की आवश्यकता को रेखांकित किया…… बता दें कि चंद्रशेखर आजाद दलित-बहुजन अधिकारों के लिए अपने आंदोलनों….. और भीम आर्मी के माध्यम से जाने जाते हैं…… वहीं इस मुद्दे को संसद से सड़क तक उठाया है…… उनकी यह प्रतिक्रिया भारतीय जनता पार्टी के लिए एक तीखी चुनौती के रूप में सामने आई है…….. जो इस मुद्दे पर हमेशा से असमंजस में रही है……

आपको बता दें कि चंद्रशेखर आजाद ने अपनी प्रतिक्रिया में स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी……. और वह स्वयं लंबे समय से जाति जनगणना की मांग करते रहे हैं….. और उन्होंने 3 फरवरी 2024 को लोकसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था…… इसके अलावा दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित एक बड़े आंदोलन…… और सहारनपुर से शुरू हुए 18 मंडलों के समीक्षा कार्यक्रमों में भी उनकी पहली मांग जाति जनगणना रही है…… चंद्रशेखर का कहना है कि जाति जनगणना न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम है……. बल्कि यह समाज के हर वर्ग विशेष रूप से पिछड़े और दलित समुदायों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगी…….

वहीं जाति जनगणना से यह स्पष्ट होगा कि विभिन्न समुदायों के पास कितनी शिक्षा, जमीन, और नौकरियां हैं……. यह डेटा नीति निर्माण में मदद करेगा…… और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करने में एक ठोस आधार प्रदान करेगा……. चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि सामान्य वर्ग को भी इस जनगणना से स्पष्टता मिलेगी…….. क्योंकि यह सामाजिक संरचना की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत करेगा….. बता दें कि चंद्रशेखर आजाद ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत तो किया……. लेकिन साथ ही बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए….. और उन्होंने कहा कि यह फैसला उनकी और उनकी पार्टी के निरंतर संघर्ष का परिणाम है……… लेकिन सरकार की नीयत पर संदेह बना हुआ है…….. चंद्रशेखर का मानना है कि बीजेपी ने यह निर्णय राजनीतिक दबाव और आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर लिया हो सकता है……. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह सामाजिक न्याय के मुद्दों पर हमेशा दोहरा रवैया अपनाती रही है……

बीजेपी के लिए जाति जनगणना एक जटिल मुद्दा रहा है…… एक ओर पार्टी अपने ओबीसी और दलित वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है…….. वहीं दूसरी ओर उसे अपने परंपरागत ऊपरी जाति के समर्थकों के बीच असंतोष का डर है……. बिहार में जातिगत जनगणना के बाद बीजेपी ने वहां के आंकड़ों को दोषपूर्ण और राजनीति से प्रेरित करार दिया था…… चंद्रशेखर ने इस दोहरे रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी को अगर वास्तव में सामाजिक न्याय की चिंता होती……. तो वह इस मुद्दे पर पहले ही कदम उठा चुकी होती……

चंद्रशेखर आजाद ने अपनी प्रतिक्रिया में जाति जनगणना को “जातिवाद की बीमारी का संपूर्ण इलाज” करार दिया…… उनके अनुसार यह जनगणना न केवल सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को उजागर करेगी……. बल्कि नीति निर्माण में भी मदद करेगी….. भारत जैसे देश में जहां जाति सामाजिक और आर्थिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है…….. जाति आधारित डेटा नीतियों को अधिक समावेशी बनाने में सहायक हो सकता है……. वहीं जाति जनगणना से प्राप्त डेटा निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है….. यह स्पष्ट होगा कि विभिन्न जातियों के बीच शिक्षा का स्तर क्या है….. और किन समुदायों को अधिक शैक्षिक अवसरों की आवश्यकता है….. नौकरियों में विभिन्न जातियों की हिस्सेदारी का डेटा नीतियों को अधिक समावेशी बनाने में मदद करेगा……

वहीं यह डेटा सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को समझने में सहायक होगा…… और भूमि सुधार जैसे मुद्दों पर नीतियां बनाने में मदद करेगा….. आरक्षण और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में यह डेटा महत्वपूर्ण होगा…… चंद्रशेखर का कहना है कि यह डेटा न केवल पिछड़े वर्गों के लिए….. बल्कि सामान्य वर्ग के लिए भी महत्वपूर्ण है…… क्योंकि यह सामाजिक संरचना की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत करेगा…… बता दें कि चंद्रशेखर आजाद ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र…… और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की नीतियां सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं….. और उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को बढ़ाने वाली नीतियां लागू कर रही है…… उन्होंने उत्तर प्रदेश में दुकानों और ठेलों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश की आलोचना की……. जिसे उन्होंने मुस्लिम समुदाय के रोजगार को निशाना बनाने वाला बताया……

आपको बता दें कि चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि बीजेपी की नीतियां युवाओं को बेरोजगार बना रही हैं….. आज किसी को मारने के लिए लाठी की जरूरत नहीं है…… उसे बेरोजगार बना दो…… वह स्वयं मर जाएगा…… वहीं यह बयान बीजेपी की आर्थिक नीतियों पर एक गंभीर टिप्पणी है…… जो गरीब और पिछड़े वर्गों को और हाशिए पर धकेल रही हैं….. बता दें कि चंद्रशेखर आजाद ने नगीना लोकसभा सीट से 2024 में शानदार जीत हासिल की थी…… जहां उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार ओम कुमार को 1,51,473 वोटों से हराया…… उनकी यह जीत दलित और बहुजन समुदायों के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है……. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने उत्तर प्रदेश…… और अन्य राज्यों में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं……

बता दें कि चंद्रशेखर ने अपनी पार्टी को न तो विपक्षी गठबंधन के साथ और न ही बीजेपी के साथ जोड़ा…… और उन्होंने कहा कि हम न लेफ्ट होंगे, न राइट, हम बहुजन हैं…… और अपनी मांगों के साथ खड़े रहेंगे…… यह रणनीति उनकी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान को दर्शाती है…… जो दलित और बहुजन समुदायों के हितों को प्राथमिकता देती है…… चंद्रशेखर आजाद और उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं……. उत्तर प्रदेश में करीब 29 लोकसभा सीटें ऐसी हैं……. जहां दलित वोटरों की संख्या 22 से 40 प्रतिशत है….. चंद्रशेखर की बढ़ती लोकप्रियता और उनकी पार्टी का बसपा के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की क्षमता बीजेपी के लिए चिंता का विषय है……

 

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