गुवाहाटी में वायुसेना का भव्य एयर शो, राफेल और सुखोई ने आसमान में दिखाया दमखम
भारतीय वासुसेना की 93वीं वर्षगांठ के अवसर पर गुवाहाटी के ब्रह्मपुत्र नदी के लाचित घाट पर आज भव्य एयर शो का आयोजन किया गया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भारतीय वासुसेना की 93वीं वर्षगांठ के अवसर पर गुवाहाटी के ब्रह्मपुत्र नदी के लाचित घाट पर आज भव्य एयर शो का आयोजन किया गया है।
इस राफेल,सुखोई, तेजस और मिराज जैसे लड़ाकू विमानों ने एक साथ उड़ान भरकर आसमान को देशभक्ति के रंगों में रंग दिया। इस साल वायुसेना दिवस की थीम अचूक, अभेद्य और सटीक रखी गई है. यह एयर शो ना केवल वायुसेना की ताकत का प्रदर्शन था, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का प्रतीक भी बन गया।
इस खास मौके पर वायुसेना के आधुनिक एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों ने 25 अलग-अलग फॉर्मेशन में उड़ान भरी. इनमें राफेल, सुखोई -30mki, तेजस, मिराज, जगुआर, मिग-29, C-130, C-17, अपाचे, प्रचंड और ALH मार्क-1 हेलीकॉप्टर भी शामिल रहे. एयर शो मेंसूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने अपना शानदार प्रदर्शन किया.
भारतीय वायुसेना का बेहतरीन प्रदर्शन
कार्यक्रम में असम के राज्यपाल, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह भी मौजूद रहे. दोनों तटों से हज़ारों दर्शक इस ऐतिहासिक नज़ारे के साक्षी बने जहां हर उड़ान ने भारतीय वायुसेना के शौर्य, अनुशासन और तकनीकी क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया.
रणनीतिक रूप से यह शो बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि गुवाहाटी क्षेत्र चीन की सीमा और चिकन नेक कॉरिडोर के नजदीक है. गुवाहाटी की धरती से भारत ने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों का साधने की कोशिश की. इस इलाके के ऊपर राफेल और तेजस जैसे फाइटर जेट्स की उड़ान भारत के पूर्वोत्तर में एयर पावर प्रेज़ेंस का मजबूत संदेश देती है.
वायुसेना के इस एयर शो ने युवाओं में नई ऊर्जा और प्रेरणा भरी है ताकि वो भी देश की रक्षा में अपना योगदान दे सकें. राफेल की गर्जना, तेजस की फुर्ती और सूर्यकिरण की उड़ान यही है भारत की नई आसमानी ताकत है. अब इसी कड़ी में 13 से 20 नवंबर 2025 पूर्वोत्तर में भारत एक बड़ा एक्सरसाइज करेगा. इसके साथ ही बॉर्डर पर देश के अलग अलग हिस्से में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स मिलकर संयुक्त ऑपरेशन का अभ्यास कर रही हैं.



