भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप की भूमिका को लेकर विपक्ष ने उठाए सवाल, खड़गे ने की सर्वदलीय बैठक की मांग

खरगे ने कहा, "हम इस बात पर चर्चा करना चाहते हैं कि अमेरिका या अन्य किसी देश की क्या भूमिका रही है, और भारत सरकार ने क्या रुख अपनाया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव के बाद सीजफायर पर सहमति बनी है।इस सीजफायर को लेकर अब विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, खासकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि वह सरकार से आग्रह करेंगे कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर उत्पन्न हालिया तनाव और सीजफायर के मुद्दे पर चर्चा के लिए जल्द से जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। खरगे ने कहा, “हम इस बात पर चर्चा करना चाहते हैं कि अमेरिका या अन्य किसी देश की क्या भूमिका रही है, और भारत सरकार ने क्या रुख अपनाया है। देश की सुरक्षा और कूटनीति से जुड़े इस महत्वपूर्ण मसले पर सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना जरूरी है।” हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई। अब इस समझौते में अमेरिकी दखल की खबरों ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।

खरगे ने ट्रंप को लेकर क्या कहा?
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा, ट्रंप श्रेय लेने के लिए बातें कह रहे हैं, ये लोग (पीएम और केंद्र सरकार) नहीं कह रहे हैं. यह एक संवेदनशील मामला है. जब सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी, तो हम चर्चा करेंगे – क्या मामला है, क्या हुआ और टेलीफोन पर क्या बातचीत हुई – और इन सभी चीजों पर पूछेंगे.

इस सवाल के जवाब में कि क्या पीएम मोदी ने ट्रंप से मध्यस्थता के लिए बातचीत की, उन्होंने कहा, मेरे लिए अभी इस बारे में बोलना सही नहीं होगा, आज हमारी पार्टी की बैठक है, मैं उसके लिए जा रहा हूं. मैं (केंद्र से) सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए कहूंगा, देखते हैं वो क्या करेंगे. भारत और पाकिस्तान चार दिनों के गहन सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए शनिवार को एक समझौते पर पहुंचे.

जहां सीजफायर को लेकर एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक समझौते पर पहुंचे और इसमें कोई तीसरा पक्ष यानी भारत-पाकिस्तान के अलावा कोई तीसरा देश शामिल नहीं था.

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या दावा किया?
सरकारी सूत्रों ने सोमवार को कहा कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान भारत और अमेरिका के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत में व्यापार को लेकर कोई संदर्भ नहीं था. वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के साथ व्यापार में कटौती की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान पर तनाव और अटैक को रोकने के लिए दबाव डाला था. ट्रंप ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने ट्रेड कार्ड का इस्तेमाल कर के दोनों देशों को अटैक रोकने के लिए मजबूर किया. खरगे और उनकी पार्टी पहले ही मांग कर चुकी है कि केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिन्दूर और हाल ही में घोषित “संघर्षविराम” सहित सीमा पार गोलीबारी को लेकर चर्चा के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाए.

Related Articles

Back to top button