शिमला: एसपी-डीजीपी विवाद ने पकड़ा तूल; सीबीआई कर रही जांच, कोर्ट ने लिया संज्ञान
हिमाचल प्रदेश के शिमला में इन दिनों एसपी और डीजीपी का विवाद देखने को मिल रहा है. यहां SP संजीव गांधी ने अपने ही डीजीपी अतुल वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राज्य की राजधानी शिमला में पुलिस विभाग में उच्च स्तरीय टकराव सामने आया है। शिमला के एसपी संजीव गांधी और डीजीपी अतुल वर्मा के बीच चल रहा विवाद अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। यह मामला न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है। विवाद की जड़ में विमल नेगी मौत का मामला है, जिसकी जांच को लेकर एसपी संजीव गांधी ने अपने ही पुलिस प्रमुख डीजीपी अतुल वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके जवाब में डीजीपी ने एसपी के निलंबन की सिफरिश कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह विवाद किसी पुराने मामले से जुड़ा हुआ है, लेकिन हाल ही में इसमें तेजी तब आई जब जांच को लेकर मतभेद सार्वजनिक हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। फिलहाल सीबीआई द्वारा मामले की जांच जारी है, और दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के बीच जारी टकराव पर पूरे राज्य में नजर बनी हुई है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में इन दिनों एसपी और डीजीपी का विवाद देखने को मिल रहा है. यहां SP संजीव गांधी ने अपने ही डीजीपी अतुल वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद डीजीपी ने एसपी के निलंबन की सिफारिश की है. दोनों अधिकारियों के बीच चल रहे विवाद का कारण एक पुराना मामला बताया जा रहा है. इसकी वजह से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के पुलिस महकमे के इन दोनों अधिकारियों की गहमागहमी की चर्चा हो रही है.
अधिकारियों के बीच विवाद की वजह विमल नेगी की मौत का मामला बताया जा रहा है. जब डीजीपी अतुल वर्मा ने हाईकोर्ट में अपनी ओर से शपथ पत्र जारी कर जांच पर ही सवाल खड़े किए और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए. इसके साथ ही कार्यप्रणाली पर भी कई गंभीर सवाल खड़े किए थे. इसके बाद से ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया. डीजीपी के इस रवैये के बाद पिछले दिनों एसपी संजीव गांधी ने मोर्चा खोल दिया और मीडिया के सामने आकर अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए.
रविवार को शिमला के एसपी राजीव गांधी ने डीजीपी और अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. एसपी ने आरोप लगाया कि मैंने एक मामले की जांच पूरी निष्पक्षता से की थी. इसके बाद भी डीजीपी की तरफ से इसमें हलफनामा दायर किया गया. जो कि गैर जिम्मेदार और कोर्ट को गुमराह करने के लिए था.
एसपी ने डीजीपी पर आरोप लगाया कि वे और उनके कर्मचारी एक पत्र को लीक करने के मामले में शामिल थे. यही कारण है कि उन्होंने अपने चहेतों को बचाने और जांच को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए हलफनामा दायर किया. गांधी ने यह भी खुलासा किया कि वर्तमान डीजीपी ने अपने मातहत अधिकारियों पर झूठी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव डाला. संजीव गांधी ने बताया कि 2021-22 में हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर उन्होंनेआधिकारिक रूप से सवाल उठाए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि उसी समय में उन्हें कुछ अधिकारी टारगेट किए हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव गांधी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के कारण उनके निलंबन की सिफारिश की है. गांधी ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और संवैधानिक प्राधिकरणों पर आरोप लगाए थे. डीजीपी ने कहा कि ये आरोप निराधार और अनुचित हैं. वर्तमान में विमल नेगी मौत मामले की सीबीआई जांच चल रही है, और इसी के मद्देनजर एसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस महकमे के दो बड़े अधिकारियों के बीच तल्खी या फिर कहें विवाद का कारण विमल नेगी का केस है. नेगी 10 मार्च को लापता हुए थे और 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील में मिला था. इस मामले में नेगी की पत्नी ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसी के तहत हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की गई थी. कोर्ट ने जिसे स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी है. इसके साथ ही ये आदेश दिया कि इस जांच में हिमाचल कैडर का कोई भी अधिकारी शामिल न हो. डीजीपी के आरोप और एसपी संजीव गांधी के आरोपों के बाद अब देखना होगा कि दोनों अधिकारियों में से किस पर कार्रवाई की जाती है. देश भर में इन अधिकारियों का विवाद चर्चा में बना हुआ है.



