गुजरात मॉडल अब एमपी-हरियाणा में लागू, कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष चयन को दी रफ्तार

कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। गुजरात मॉडल को अपनाते हुए अब पार्टी मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके लिए पार्टी ने दोनों राज्यों में पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वरों) की सूची जारी कर दी है।
इस प्रक्रिया के तहत मध्य प्रदेश के लिए जहां 50 पर्यवेक्षकों की टीम गठित की गई है, वहीं हरियाणा के लिए 21 पर्यवेक्षकों के नाम तय किए गए हैं। ये पर्यवेक्षक जिला कांग्रेस कमेटियों के नए अध्यक्षों के चयन की ज़िम्मेदारी संभालेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश और हरियाणा में “संगठन सृजन अभियान” के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
मध्य प्रदेश में जिन प्रमुख नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है, उनमें सप्तगिरि शंकर उलाका, गुरदीप सिंह सप्पल, गिदुगु रुद्र राजू, अखिलेश प्रसाद सिंह, मोहम्मद आरिफ नसीम खान, यशोमती ठाकुर, आराधना मिश्रा मोना, गुरजीत सिंह औजला, सुखदेव भगत, बजन लाल जाटव जैसे कई अनुभवी नेता शामिल हैं। इसके अलावा राहुल कस्वां, रघु शर्मा, केसी पाडवी, सुनील केदार, अजय कुमार, भाई जगताप, कृष्णा तीरथ, विवेक बंसल, राजेश ठाकुर, रिपुन बोरा और अन्य नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है।
हरियाणा के लिए 21 पर्यवेक्षक घोषित
हरियाणा में जिन 21 नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है, उनमें जगदीश ठाकुर, मनिकम टैगोर, वर्षा गायकवाड़, अमर सिंह, जी.सी. चंद्रशेखर, गिरीश चोडंकर, काजी निज़ामुद्दीन, विजय इंदर सिंगला, चल्ला वामशी चंद्र रेड्डी, कुलजीत सिंह नागरा, रफीक खान और श्रीनिवास बी.वी. जैसे नेता शामिल हैं। ये सभी नेता जिलों में जाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नेताओं और संगठन से जुड़े सदस्यों से बातचीत कर नए अध्यक्षों के नामों पर राय बनाएंगे।
कांग्रेस पार्टी का यह कदम संगठन को ज़मीनी स्तर पर मज़बूत करने की दिशा में उठाया गया है। पार्टी चाहती है कि जिलास्तर पर ऐसे नेता नियुक्त किए जाएं जो क्षेत्र में सक्रिय हों, कार्यकर्ताओं से जुड़ाव रखते हों और पार्टी की विचारधारा को प्रभावी रूप से आगे बढ़ा सकें।



