जोड़ों के दर्द से राहत के लिए करें ये काम

  • इन उपायों से बिना दवाओं के मिलेगा आराम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जोड़ों का दर्द एक ऐसी आम समस्या है जिससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं। यह शरीर के किसी भी जोड़ में हो सकता है, जैसे घुटने, कंधे, कोहनी, कूल्हे, हाथ या पैर की उंगलियां। यह दर्द हल्का और रह-रह कर होने वाला भी हो सकता है, या इतना गंभीर कि रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाए। आमतौर पर यह समस्या अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन कुछ मामलों में यह कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित करती है। भारत में लगभग 15 प्रतिशत लोग जोड़ों के दर्द से पीडि़त हैं, और यह समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। हालांकि दवाएं राहत दे सकती हैं, लेकिन कई बार इन दवाइयों के दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में बिना दवाओं के कुछ प्राकृतिक उपाय जोड़ों के दर्द को कम करने में कारगर साबित हो सकते हैं। गठिया और जोड़ों के दर्द के कारणों व लक्षणों के आधार पर हर व्यक्ति के लिए उपचार अलग हो सकता है। गठिया मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, इंफ्लामेटरी और नॉन-इंफ्लामेटरी। नॉन-इंफ्लामेटरी गठिया में दवाओं के बिना भी कुछ उपायों से लक्षणों में राहत मिल सकती है। यदि आपको भी अक्सर जोड़ों में दर्द रहता है तो इन उपायों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।

हीट और कोल्ड थेरेपी

आइस थेरेपी मुख्य रूप से तीव्र दर्द, सूजन और किसी भी तरह की नई चोटों के लिए होता है। क्योंकि ऐसी चोटों में जब सूजन वाले क्षेत्र पर बर्फ लगाया जाता है, तो यह सूजन को कम करने में मदद करता है। यह जिम जाने के बाद या भारी भरकम एक्सरसाइज से हो जाने वाले सूजन के उपचार के लिए भी बेहतर विकल्प है। हीट और कोल्ड थेरेपी जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने का प्राकृतिक तरीका है। गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड को प्रभावित जोड़ों पर 15-20 मिनट तक लगाएं। गर्मी रक्त प्रवाह को बढ़ाती है और मांसपेशियों को आराम देती है, जिससे जकडऩ कम होती है। अगर जोड़ों में सूजन या तीव्र दर्द है, तो कोल्ड थेरेपी (बर्फ की सिकाई) करें। बर्फ को कपड़े में लपेटकर 10-15 मिनट तक जोड़ पर लगाएं। यह सूजन और दर्द को नियंत्रित करता है।

वजन को नियंत्रित करें

मोटापा एक बेहद आम समस्या है, जिससे आजकल अधिकतर लोग परेशान हैं। मोटापा कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। मोटापा शारीरिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। मोटापे से परेशान लोगों को जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द का सामना भी करना पड़ता है। खासकर, शरीर का अधिक वजन जोड़ों, खासकर घुटनों और कूल्हों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे दर्द बढ़ता है। 5-10 प्रतिशत वजन कम करने से जोड़ों के दर्द में बहुत राहत मिलती है। बैलेंस डाइट जिसमें फाइबर, प्रोटीन, और हरी सब्जियां शामिल हों, वेट कंट्रोल करने में मदद करता है। चीनी, तले हुए फूड प्रोडक्ट और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।

नियमित योग और स्ट्रेचिंग

बहुत से लोग जोड़ों में दर्द और सूजन को लेकर काफी परेशान रहते हैं। वर्तमान समय में ज्यादातर लोग जोड़ों में दर्द, जकडऩ और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उम्र बढऩे के साथ जोड़ों से जुड़ी परेशानियां होना बहुत आम है, लेकिन इन दिनों लोग कम उम्र में ही जोड़ों की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं, लेकिन कुछ खास आराम देखने को नहीं मिलता है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग बेहद प्रभावी हो सकते हैं। कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे योग, तैराकी और तेज चलना जोड़ों में लचीलापन बढ़ाते हैं और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। सुबह 10-15 मिनट की स्ट्रेचिंग जोड़ों में चिकनाहट बनाए रखती है और जकडऩ कम करती है। योग में ताड़ासन, वज्रासन और भुजंगासन जैसे आसन जोड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं।

 

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