ईरान-इजराइल जंग में अमेरिका की एंट्री, ट्रंप का दावा: ईरान के तीन परमाणु ठिकाने तबाह

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि अमेरिका ने देर रात ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष अब और तेज हो गया है। इस संघर्ष में अब अमेरिका की भी आधिकारिक एंट्री हो गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि अमेरिका ने देर रात ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया है।

इजराइल और ईरान के बीच जारी जंग बढ़ती ही जा रही है. मध्य पूर्व क्षेत्र में जारी संघर्ष में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि देर रात अमेरिका की ओर से ईरान में 3 परमाणु ठिकानों पर हमला करके तबाह कर दिया गया है. इन हमलों में ईरानी के 3 वरिष्ठ कमांडरों की भी मौत का दावा किया गया है. उन्होंने अपनी सेना की तारीफ करते हुए कहा कि दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी. अब शांति का समय है.

ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं. सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर निकल गए हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “अहम ठिकानों में से एक फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया. सभी विमान हमला करने के बाद सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर लौट रहे हैं. हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को इसके लिए बधाई. दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी. अब शांति का समय आ गया है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद.” हालांकि ईरान की ओर से किसी भी हमले की तत्काल पुष्टि नहीं की गई है.

अमेरिकी सेना की ओर से किया गया यह हमला सीधे तौर पर इजरायल की उस कोशिश में शामिल है, जिसमें वह देश के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने को लेकर लगातार हमले कर रहा है. तेहरान इन हमलों का कड़ा जवाब दे रहा है, लेकिन अमेरिका की जंग में सीधे एंट्री से क्षेत्र में व्यापक संघर्ष छिड़ने की संभावना बढ़ गई है.

इजराइल-ईरान में एक हफ्ते से संघर्ष
जंग में अमेरिका को सीधे तौर पर शामिल करने का फैसला इजरायल की ओर से ईरान पर एक हफ्ते से अधिक समय तक किए गए हमलों के बाद आया है, जिसमें देश की एयर डिफेंस और आक्रामक मिसाइल क्षमताओं को व्यवस्थित रूप से खत्म करने के साथ-साथ इसकी परमाणु संवर्धन से जुड़ी सुविधाओं को भी खासा नुकसान पहुंचाया गया है.

अब अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों की ओर से कहा जा रहा है कि अमेरिकी स्टील्थ बॉम्बर्स और 30,000 पाउंड (13,500 किलोग्राम) के बंकर बस्टर बम को अकेले ही ले जाने में सक्षम होने से ईरानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी भारी-भरकम किलेबंद साइटों को बर्बाद करने का सबसे अच्छा मौका मिला है, जो जमीन के अंदर बहुत नीचे दफन है.

अमेरिका की एंट्री पर ईरान दे चुका धमकी
ईरान के खिलाफ हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने एक पोस्ट में कहा कि वह ईस्टर्न समयानुसार रात 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे,  उन्होंने कहा, “यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इजराइल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मौका है. ईरान को अब इस युद्ध को खत्म करने के लिए सहमत होना चाहिए. धन्यवाद!” ट्रंप ने कहा कि बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किस प्रकार के बम गिराए गए थे. व्हाइट हाउस और पेंटागन ने ऑपरेशन के बारे में अभी विस्तार से कुछ नहीं बताया है.

हालांकि हमला करने का फैसला अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि ईरान ने पहले ही ऐलान किया था कि अगर वह इजरायली हमले में शामिल हुआ तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा, खासतौर से ट्रंप के लिए, जिन्होंने अमेरिका को बेहद खर्चीले अन्य देशों में जारी संघर्षों से दूर रखने का वादा करते रहे हैं.

दूसरी ओर, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पिछले दिनों बुधवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि इस्लामिक गणराज्य को लक्षित करने वाले हमलों से “उनके लिए अपूरणीय क्षति होगी”. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघेई ने कहा था कि “कोई भी अमेरिकी हस्तक्षेप क्षेत्र में एक व्यापक युद्ध की रेसिपी होगी”.

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