गुजरात: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025’ की घोषणा की
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नई नीति का उद्देश्य गुजरात को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का पावर हाउस बनाना है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 (GECMS) की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नई नीति का उद्देश्य गुजरात को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का पावर हाउस बनाना है। यह नीति पूरी तरह केंद्र सरकार की ECMS स्कीम से सुसंगत है और इसमें 100 प्रतिशत टॉप-अप सहायता का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के तहत कम से कम समय में प्रोत्साहन और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे निवेशकों को त्वरित लाभ मिल सकेगा।
राज्य सरकार की इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। इस नीति से गुजरात में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण क्षेत्र में तेज़ विकास की उम्मीद की जा रही है, जो राज्य को टेक्नोलॉजी और मेक इन इंडिया अभियान में अग्रणी बना सकती है।
MEITY स्वीकृति प्रोजेक्ट को मिलेगा दोहरा लाभ
गुजरात में स्थापित होने वाले MEITY स्वीकृत प्रोजेक्ट्स को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की तरफ से प्रोत्साहन लाभ प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं MEITY की तरफ से एक बार ECMS के अंतर्गत प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद केंद्र सरकार की तरफ से सहायता का भुगतान मिलेगा. उसके बाद सिर्फ 30 दिन में राज्य सरकार की तरफ से सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा.
टेक्नोलॉजिकल रेसिलिएंस में हो सकेगी वृद्धि
गुजरात पूरे देश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट लैंडस्केप में मैन्युफैक्चरिंग हब और ऑटो हब की प्रतिष्ठा वाला राज्य बन गया है. राज्य में चार सेमीकंडक्टर प्लांट्स भी कार्यरत हैं. ऐसे में, अब इस पॉलिसी की वजह से अपस्ट्रीम इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके चलते आयात पर निर्भरता घटेगी एवं टेक्नोलॉजिकल रेसिलिएंस में वृद्धि हो सकेगी.
किन उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन
GCMC नीति के अंतर्गत राज्य में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेशों को रखा गया है. इसके साथ ही अधिक से अधिक हाई स्किल्ड लोगों को एमप्लायमेंद देने देने की भी बात की गई है. इस नीति के फलस्वरूप राज्य में मल्टी लेयर और HID प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, SMD पैसिव कॉम्पोनेंट्स, डिसप्ले एवं कैमरा मॉड्यूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स और उसके उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनरी के अलावा कई जरूरी उद्योगों व इकाइयों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलने लगेगा.
इनोवेशन और रिसर्च डेवलपमेंट को मिलेगा प्रोत्साहन
इनोवेशन और रिसर्च डेवलपमेंट को प्रोत्साहन देने के लिए एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल्स या एप्लाइड रिसर्च लैब की स्थापना के लिए 12.5 करोड़ रुपये तक की मैचिंग सहायता प्रदान की जाएगी. यह राज्य में टैलेंट गैप समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा.



