बीजिंग में अजीत डोभाल और वांग यी की मुलाकात: आतंकवाद और भारत-चीन संबंधों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्रालय की तरफ से अपने बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रम की समीक्षा की और लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा संपर्क बढ़ाने सहित द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने की बात कही.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। यब बैठक शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें आतंकवाद से निपटने और भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक के दौरान डोभाल ने क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों नेताओं ने भारत-चीन विवाद सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया कि आपसी संवाद और सहयोग को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय रिश्तों को एक नई दिशा दी जा सकती है। इसके साथ ही, उन्होंने आपसी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके की प्रतिबद्धता दोहराई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक मंच पर आतंकवाद और क्षेत्रीय अस्थिरता एक प्रमुख चिंता बना हुआ है। भारत और चीन के शीर्ष नेताओं के बीच संवाद से उम्मीद जताई जा रही है कि यह दोनों देशों के संबंधों को सकारात्मक दिशा देने में सहायक होगा।
आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करना जरूरी- डोभाल
विदेश मंत्रालय की तरफ से अपने बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रम की समीक्षा की और लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा संपर्क बढ़ाने सहित द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने की बात कही. एनएसए ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद का डटकर मुकाबला करने की आवश्यकता पर भी बल दिया.
डोभाल की तरफ से आतंकवाद का मुकाबला करने पर ऐसे वक्त जोर दिया है, जब लगभग डेढ़ महीने पहले भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था. NSA डोभाल ने यह भी कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना और आतंकवाद से कठोरता से निपटना जरूरी है.
क्या है इस बैठक का मकसद
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द पटरी पर लाने के लिए काम करने को तैयार है. भारत पहले भी कई बार बता चुका है कि अप्रैल 2020 की स्थिति पर लौटना ही समाधान की दिशा में पहला कदम होगा. इस बैठक का मकसद LAC विवाद को पूरी तरह सुलझाने और आपसी संबंध फिर से बहाल करना है. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध को एक बार फिर मजबूत करना है.



