सहारनपुर सांसद इमरान मसूद का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: “निष्पक्ष नहीं, हठधर्मी रवैया अपना रहा आयोग”

सांसद ने कहा, "बिहार में 80% आबादी पिछड़े और दलित वर्ग की है, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग गांवों में रहते हैं। कई बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र तक नहीं है, ऐसे में वे जरूरी दस्तावेज कहां से लाएं?"

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: सहारनपुर के सांसद ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आयोग निष्पक्षता बरतने में विफल हो रहा है और हठधर्मी रवैया अपना रहा है। सांसद का कहना है कि आयोग की मौजूदा नीतियाँ खासकर बिहार जैसे राज्यों के पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रही हैं।

सांसद ने कहा, “बिहार में 80% आबादी पिछड़े और दलित वर्ग की है, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग गांवों में रहते हैं। कई बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र तक नहीं है, ऐसे में वे जरूरी दस्तावेज कहां से लाएं?” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की यह नीति वोट देने जैसे बुनियादी अधिकार को छीनने की दिशा में है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।

सांसद ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है, तो अदालत को आगे आकर चुनाव आयोग की भूमिका की जांच करनी चाहिए और ज़रूरी कदम उठाने चाहिए। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है और अब देखना होगा कि इस पर चुनाव आयोग और न्यायपालिका की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।

सहारनपुर सांसद ने कहा कि, “चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है और हठधर्मिता दिखा रहा है. बिहार में 80% लोग पिछड़े और दलित हैं. बहुत से लोग गांवों में रहते हैं, बहुत से बच्चे घरों में पैदा हुए, वे जन्म प्रमाण पत्र कहां से लाएंगे. चुनाव आयोग लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए. अगर लोकतंत्र को बचाना है तो सुप्रीम कोर्ट को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.

उधर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी इस मामले पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर परंपरागत मतदाताओं के नाम हटाना चाहता है, तो इसे संवैधानिक रूप से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और हम इसे जनता की अदालत में भी चुनौती देंगे. अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक या जो गरीब उनके परंपरागत विरोधी हैं उनके नाम हटाने की भाजपा की साजिश हमें स्वीकार नहीं है.

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