राहुल गांधी का ‘मेक इन इंडिया’ पर निशाना, कहा- “इसका नाम बदलकर ‘असेंबल इंडिया’ कर देना चाहिए”
राहुल गांधी ने वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि देश में मेक इन इंडिया’ के नाम पर केवल असेंबलिंग हो रही है. इसलिए इसका नाम बदल देना चाहिए.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राहुल गांधी ने हाल ही में एक वीडियो में ‘मेक इन इंडिया’ योजना की आलोचना की है, इसे केवल असेंबलिंग तक सीमित बताया है. उन्होंने दावा किया कि अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक सामानों के पुर्जे विदेश से आते हैं. उन्होंने छोटे उद्यमियों को मिलने वाले सीमित समर्थन और उच्च करों की भी आलोचना की.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समय-समय पर वीडियो पोस्ट करते रहते हैं. इसमें वे तमाम बिजनेस यूनिट के विजिट के दौरान के बातचीत को शेयर करते हैं. शनिवार को भी राहुल गांधी ने X पर एक वीडियो शेयर किया. इसमें उन्होंने Make in India योजना को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि इसका नाम बदलकर असेंबल इंडिया कर देना चाहिए.
राहुल गांधी ने वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि देश में मेक इन इंडिया’ के नाम पर केवल असेंबलिंग हो रही है. इसलिए इसका नाम बदल देना चाहिए. रोजगार, विकास और मेक इन इंडिया जैसी बातें सिर्फ भाषण तक ही सीमित हैं. लोकसभा नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते ग्रेटर नोएडा में टेलीविजन निर्माण से संबंधित एक फैक्टरी का दौरा किया था. जहां लगभग हर रोज 20 हजार से ज्यादा टीवी बनाई जाती हैं. इसका वीडियो राहुल ने शेयर भी किया है.
राहुल गांधी ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि क्या आप जानते हैं कि भारत में बने ज्यादातर TVs का 80% हिस्सा चीन से आता है? मेक इन इंडिया के नाम पर हम सिर्फ असेंबली कर रहे हैं. असली मैन्युफैक्चरिंग नहीं, iPhone से लेकर TV तक – पुर्ज़े विदेश से आते हैं, हम बस जोड़ते हैं.
क्या आप जानते हैं कि भारत में बने ज़्यादातर TVs का 80% हिस्सा चीन से आता है?
‘मेक इन इंडिया’ के नाम पर हम सिर्फ असेंबली कर रहे हैं – असली मैन्युफैक्चरिंग नहीं। iPhone से लेकर TV तक – पुर्ज़े विदेश से आते हैं, हम बस जोड़ते हैं।
छोटे उद्यमी निर्माण करना चाहते हैं, लेकिन न नीति… pic.twitter.com/xNVXbRjuei
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2025
उन्होंने लिखा कि छोटे उद्यमी निर्माण करना चाहते हैं, लेकिन न नीति है, न सपोर्ट, उल्टा, भारी टैक्स और चुने हुए कॉरपोरेट्स का एकाधिकार – जिसने देश के उद्योग को जकड़ रखा है. जब तक भारत उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बनता, रोजगार, विकास और “Make in India” की बातें सिर्फ भाषण रहेंगी.
राहुल ने कहा कि जमीनी बदलाव चाहिए ताकि भारत असेंबली लाइन से निकलकर असली मैन्युफैक्चरिंग पावर बने और चीन को बराबरी की टक्कर दे सके. राहुल इससे पहले भी कई अलग-अलग बिजनेस यूनिट पर विजिट कर चुके हैं. इस दौरान की बातचीत भी उन्होंने पहले भी शेयर की हैं. लगभग हर बार वो सरकार को इन वीडियोज के जरिए निशाने पर लेते हैं.



