उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा और विधानसभा सीटों पर चुनाव में देरी को लेकर जताई चिंता

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह समझना मुश्किल हो रहा है कि इन चुनावों को क्यों टाला जा रहा है। उन्होंने चुनावों की प्रक्रिया में हो रही देरी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक गंभीर मुद्दा बताया।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में राज्यसभा सीटों को भरने और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने में हो रही देरी पर गहरी चिंता जताई है।

मुख्यमंत्री ने निर्वाचनआयोग से मांग की है कि वह इस देरी के कारणों की स्पष्टता प्रदान करें। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह समझना मुश्किल हो रहा है कि इन चुनावों को क्यों टाला जा रहा है। उन्होंने चुनावों की प्रक्रिया में हो रही देरी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक गंभीर मुद्दा बताया।

मुख्यमंत्री का बयान: “राज्यसभा सीटों और विधानसभा उपचुनावों की प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है, जो जम्मू-कश्मीर के विकास और लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। मुझे निर्वाचन आयोग से स्पष्ट कारणों के बारे में जानकारी चाहिए, ताकि जनता को भी पता चल सके कि चुनावों में देरी क्यों हो रही है।” उमर अब्दुल्ला का कहना है कि इन चुनावों की टालमटोल से जनता में असंतोष पैदा हो सकता है, और यह लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ हो सकता है।

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान दो विधानसभा सीटों- जम्मू में नगरोटा और कश्मीर में बडगाम के साथ-साथ राज्यसभा की चार रिक्त सीटों पर उपचुनाव के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग से राज्यसभा सीटों को भरने और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने में हो रही देरी के कारणों को स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा ये बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर इन चुनावों को क्यों और किस वजह से टाला जा रहा है.

नगरोटा सीट बीजेपी नेता दविंदर राणा के निधन के बाद खाली हो गई थी, जिनका चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद निधन हो गया था, जबकि कश्मीर क्षेत्र की सीट मुख्यमंत्री द्वारा खाली की गई थी, जो गंदेरबल से भी चुनावी मैदान में थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चुनाव के बाद से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के दो सत्र हो चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्यसभा सीटों के लिए कोई चुनाव नहीं कराया गया है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव क्यों नहीं हुए? इसमें तो एक दिन लगता है.

इसके आगे अब्दुल्ला ने कहा कि 2014 में उनकी सरकार ने भीषण बाढ़ के कारण राज्य चुनाव स्थगित करने का आग्रह किया था लेकिन उन्हें बताया गया था कि किसी भी हालत में मतदान स्थगित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि आज हम स्थगित करने की मांग नहीं कर रहे हैं, विधानसभा के दो सत्र हो चुके हैं. राज्यसभा चुनाव क्यों नहीं हुए? इसमें एक दिन लगता है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्यसभा में प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर दिया, चाहे किसी भी दल का हो. उच्च सदन में राज्य के चार प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि आज, जम्मू कश्मीर का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है ये बेहद दुख की बात है.

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