रंजीत सिंह के अपहरण पर उमर अब्दुल्ला ने जताई चिंता, विदेश मंत्री से की जल्द हस्तक्षेप करने की अपील

उमर के अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया मुख्यमंत्री ने रामबन के रहने वाले रंजीत सिंह के अपहरण पर चिंता व्यक्त की है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पश्चिमी अप्रीकी देश नाइजर में आतंकवादियों ने एक भारतीय नागरिक रंजीत सिंह का अपहरण कर लिया है।

रंजीत जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले का निवासी है और विदेश में काम के सिलसिले में गया हुआ था। रंजीत सिंह के अपहरण की खबर से उसके परिवार में गहरा सदमा लगा है। परिवार ने भारत सरकार से अपील की है कि वे रंजीत को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाए।

इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की है। मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्रालय से रंजीत की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनयिक और रणनीतिक उपाय अपनाने की अपील की है।

इस समय नाइजर और आसपास के क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे विदेशी नागरिकों के लिए खतरा और अधिक बढ़ गया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय मामले की जांच और निगरानी कर रहा है, और नाइजर स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से स्थानीय प्रशासन से संपर्क में है।

उमर के अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया मुख्यमंत्री ने रामबन के रहने वाले रंजीत सिंह के अपहरण पर चिंता व्यक्त की है. वह माननीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं विदेश मंत्रालय से सिंह की सुरक्षित और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं’. मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से यह अनुरोध पीड़ित रंकीत सिंह की पत्नी शीला देवी की तरफ से उनकी रिहाई के लिए की गई अपील के एक दिन बाद किया है.

15 जुलाई को पत्नी से हुई थी आखिरी बार बात
शीला देवी ने बीते शनिवार को कहा था कि उनके पति रंजीत सिंह नाइजर में एक बिजली वितरण कंपनी ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं और परिवार का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. शीला का कहना है कि 15 जुलाई को व्हाट्सएप के जरिए उनकी बात पति रंजीत से हुई थी उसके बाद से उनका पति से कोई संपर्क नहीं हो पाया. शीला ने बताया कि उन्होंने ने कंपनी को कॉल किया था, और शुरुआत में कहा गया है कि कार्यस्थल पर नेटवर्क नहीं है.

दोस्त से मिलीअपहरण की जानकारी
उन्होंने बताया कि उनके पति के अपहरण के बारे में उनके दोस्त से उन्हें अगले दिन जानकारी मिली. कंपनी के प्रबंधन ने बताया कि आतंकी हमले के कारण वह मौके से भाग गएऔर घने जंगलों में पहुंच गए. शीला ने बताया कि चार दिन बीत गए हैं और अपहर्ताओं के चंगुल से उनके पति को छुड़ाने को लेकर अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया है.

शीला ने आरोप लगाया कि कंपनी से संपर्क करने की उनकी बार-बार की गई कोशिशों के बाद भी उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि ‘मुझे नहीं पता कि मेरे पति किस हाल में हैं मुझे स्थानीय सरकार के प्रयासों के बारे में कोई जानकारी नहीं है’. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान से भी मुलाकात की थी. उपायुक्त ने कहा कि वह अपनी क्षमता के अनुसार सब कुछ करेंगे, लेकिन मुझे पता है कि मुख्य काम हमारे विदेश मंत्रालय का है. अगर वे चाहें, तो मेरे पति सुरक्षित घर आ जाएंगे.

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