कर्नाटक चुनाव पर राहुल गांधी का बड़ा दावा, कहा- धांधली के 100 प्रतिशत सबूत

कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2024 पर राहुल गांधी के गड़बड़ी के आरोप पर चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि हारने वाले किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी ने अपील दायर नहीं की.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2024 पर राहुल गांधी के गड़बड़ी के आरोप पर चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि हारने वाले किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी ने अपील दायर नहीं की.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एक निर्वाचन क्षेत्र में वोटर लिस्ट के अंदर गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. जिसपर अब चुनाव आयोग की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. इन आरोपों का खंडन करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि न कांग्रेस और न ही कांग्रेस की किसी उम्मीदवार की तरफ से कर्नाटक इलेक्शन के रिजल्ट को लेकर कोई इलेक्शन पिटिशन दायर की गई है. तो फिर इस तरह के आरोप लगाने का क्या मतलब है? ये भ्रामक और बेबुनियाद हैं.

ECI ने कहा कि 2024 के कर्नाटक लोकसभा चुनाव में 10 चुनाव याचिकाओं में से किसी भी हारने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार ने एक भी चुनाव याचिका दायर नहीं की, जबकि ये कांग्रेस के लिए आरपी अधिनियम 1951 की धारा 80 के तहत एक कानूनी उपाय था, लेकिन कर्नाटक के डीएम/सीईओ के पास एक भी अपील दायर नहीं की गई.

राहुल गांधी ने कहा, “आज उन्होंने (चुनाव आयोग ने) एक बयान दिया जो कि बकवास है. चुनाव आयोग अपना काम ठीक से नहीं कर रहा. उन्होंने दावा किया कि उनके पास कर्नाटक की एक विधानसभा सीट का पर धांधली के 100 प्रतिशत सबूत हैं.”

उन्होंने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और काटने का आरोप लगाते हुए कहा, ” 50, 45, 60 और 65 की उम्र वाले नए जुड़े वोटर्स को हमने पकड़ा है. अगर आपको लगता है कि बच निकलोगे तो यह गलतफहमी है, लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद करने की कोशिश करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”

इन आरोपों को खारिज करते हुए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी अंबुकुमार ने कहा, “वोटर लिस्ट पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती है, जिसकी कॉपियां मान्यता प्राप्त पार्टियों से शेयर की जाती हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व किए गए विशेष सारांश पुनरीक्षण-2024 (Special Summary Revision-2024) के तहत सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों की ड्राफ्ट और आखिरी वोटर लिस्ट की कॉपियां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समेत सभी रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को दी गईं थी.”

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