दोस्त-दोस्त न रहा

ट्रंप का टैरिफ अटैक, सदमे में अर्थव्यवस्था

  • लाल निशान में शेयर बजार अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव की संभावना
  • विपक्ष बोला- भारत को होगा नुकसान
  • इलेक्ट्रानिक, मेडिसिन कंपनियों को हो सकती है भारी क्षति
    भारत ने चुनौतियों को हमेशा संभावनाओं के तौर पर लिया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ट्रंप के टैरिफ अटैक से भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। शेयर बाजार ने इसे निगेटिव लिया और बाजार खुलते ही 5.5 लाख करोड़ स्वाहा हो गये। सेंसेक्स में 600 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी और एफडीडीआई ने रूपयों की निकासी की।
बात अगर राजनीति की करें तो सरकार को विपक्ष के तानों ने रूलाने की स्थति पैदा कर दी है। विपक्ष नमस्ते ट्रंप और हाउडी मोदी का सहारा लेकर सरकार पर हमलावर है और कह रहा है कि अब कहां गयी मोदी—ट्रंप की दोस्ती। यदि अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते तनाव का जल्द ही कोई किनारा नहीं मिलता है तो इस टैरिफ अटैक के भयंकर परिणाम सामने आना शुरू हो जाएगे।

ज्यादा टैरिफ लगाया है अमेरिका ने

अमेरिकन प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में 90 दिन के लिए रोक दिया था। अब 25 फीसदी टैरिफ लगाया गया है जोकि चीन को छोड़कर एशिया के अन्य देशों की तुलना में अधिक है। ट्रंप ने इंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और जापान पर 20 फीसदी या उससे कम टैरिफ लगाया है। चीन के साथ अमेरिका के टैरिफ टकराव के बीच एपल समेत कुछ बड़ी अमेरिकी कंपनियों ने अपना उत्पादन भारत में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था। अगर यह टैरिफ बना रहता है तो भारत को नुकसान होगा।

टेक्सटाइल, गारमेंट्स व कॉरपेट पर असर

भारत टेक्सटाइल, गारमेंट्स और कारपेट का बड़ा निर्यातक देश है। अमेरिका भारत से सबसे ज्यादा कपड़े और फुटवियर खरीदता है। 25 फीसदी का टैरिफ और पेनल्टी से ये सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। इससे भारतीय कंपनियों के ऑर्डर और शिपमेंट पर असर पड़ सकता है और निर्यात घट सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने की एक अगस्त से लागू करने की घोषणा

अमेरिकी राष्टï्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अगस्त से भारत से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा था कि रूस से हथियार और कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की, जब एक दिन पहले ही भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए 25 अगस्त से अमेरिकी व्यापार दल भारत आएगा। भारत, अमेरिका का प्रमुख कारोबारी साझेदार है। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार करीब 130 अरब डॉलर का था। ऐसे में ट्रंप की घोषणा द्विपक्षीय व्यापार के लिए झटका है। यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आशंका जताई कि नए टैरिफ से व्यापारिक विश्वास को क्षति पहुंचेगी और 2025-26 में कारोबार में 15 से 20 अरब डॉलर की कमी हो सकती है। अमेरिका ने पहले ही स्टील और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत तथा ऑटो सेक्टर पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया हुआ है।

कांग्रेस हुई हमलावर

आज की स्थिति का कांग्रेस अपने हित में फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सोशल मीडिया पर सरकार को घेरने का काम कर रहे है वहीं सदन के भीतर राहुल गांधी और कांग्रेसी सांसद सरकार को घेर रहे हैं। इसी बीच खबरें यह भी आ रही है कि अमेरिकन प्रेसीडेंट ने कुछ नरमी के संकेत दिये हैं।

इन सेक्टर पर भी पड़ेगा टैरिफ का असर

कुछ सेक्टर ऐसे हैं जिन्हें अमेरिका टैरिफ से छूट दी हुई थी, जिसमें दवाइयां (फार्मा), सेमीकंडक्टर, ऊर्जा उत्पाद (तेल, गैस, कोयला, एलएनजी) और कॉपर शामिल थे, लेकिन 1 अगस्त से लागू होने वाले टैरिफ में ये सभी चीज भी शामिल हो सकती हैं। जिसके चलते इसके एक्सपोर्ट पर असर पडऩा स्वाभाविक है।

ज्वेलरी और डायमंड

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा डायमंड एक्सपोर्ट करने वाला देश है। अमेरिका भारत से बड़ी मात्रा में ज्वेलरी और डायमंड खरीदता है। नए टैरिफ के बाद इनकी कीमतें बढ़ जाएंगी। ऐसे में अमेरिकी खरीदार भारत की जगह दूसरे देशों से हीरे और ज्वेलरी मंगवा सकते हैं।

ऑटोमोबाइल सेक्टर भी मुश्किल में

भारत अमेरिका को ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स भी एक्सपोर्ट करता है। पहले से ही स्टील और एल्यूमिनियम पर 25प्रतिशत का टैरिफ लगा है और अब ऑटो सेक्टर पर भी 25फीसदी का टैक्स 1 अगस्त से लागू होगा तो इनकी डिमांड में गिरावट आ सकती है।

मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी मार

भारत हर साल अमेरिका को करीब 14 अरब डॉलर के मोबाइल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स बेचता है। टैरिफ से इनके दाम बढ़ जाएंगे और अमेरिकी खरीदार दूसरे देशों की तरफ रुख कर सकते हैं। इससे भारत का अरबों डॉलर का एक्सपोर्ट कम हो सकता है। इसके अलावा केमिकल सेक्टर पर भी टैरिफ का असर देखने को मिलेगा।

टैरिफ अटैक के बाद शेयर बाजार में हाहाकार

टैरिफ अटैक के बाद भारत के घरेलू शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखी गयी। सुबह 10.00 बजे बीएसई सेसेंक्स 650.75 अंक गिरकर 80,831.11 अंक पर आ गया। निफ्टी50 भी 197.55 अंक फिसलकर 24,657.50 रह गया। इससे बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 5.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 453.35 लाख करोड़ रुपये रह गया। सेक्टरों की बात करें तो सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी ऑटो में देखने को मिली। बैंकिंग, मेटल, फार्मा व रियलिटी इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। टैरिफ से टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल्स और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे सेक्टरों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

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