अफसरशाही से परेशान बीजेपी मेयर, लेटर लिख जताई नाराजगी

बीजेपी नेताओं की हो रही भयंकर बेइज्जती... अफसर नहीं मान रहे मेयर की बात... विदाई समारोह में नगर आयुक्त ने मेयर को नहीं बुलाया...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः सुषमा खर्कवाल मई 2023 में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी के रूप में भारी मतों से जीतकर लखनऊ की मेयर बनीं.. मेयर बनने के बाद सुषमा खर्कवाल ने अपने कार्यकाल में जनता की समस्याओं की ओर ध्यान देने के बजाय केवल अपने प्रचार.. और बधाई समारोहों पर फोकस किया. कभी भी जनता की समस्याओं के बारे में नहीं सोंचा. जिसको देखते हुए उनके विभाग के अफसरों ने उनसे दूरी बनाना शुरू कर दिया.. और कार्यक्रमों में मेयर को बुलाना बंद कर दिया गया. जिससे मेयर को मिर्ची लगी और लेटर लिखकर नगर आयुक्त से अपनी नाराजगी जाहिर की और तीन दिनों के अंदर जवाब मांग लिया..

बता दें कि मेयर बनने के बाद सुषमा खर्कवाल जनता को भूल गई. और खुद को दिखाने के लिए नेता और मंत्रियों से मिलने लगी.. राजधानी की जनता गंदगी. जलभराव की समस्याओं से जूझ रही है.. लेकिन मेयर मैडम अपने चहेतों के बर्थ-डे पार्टी सहित तमाम आयोजनों में शिरकत करने में मशगूल रहीं. जिसका परिणाम यह हुआ कि नगर आयुक्त ने भी मेयर को इग्नोर करना शुरू कर दिया.. जिससे मेयर को अपनी भयंकर बेइज्जती महसूस होने लगी. और अफसरशाही के आगे झुकने को मजबूर होना पड़ा. इन सभी समस्याओं से परेशान मेयर को आखिर में पत्र लिखकर अपनी नाकामी को छुपाने के लिए जवाब मांगना ही पड़ा. बता दें कि जब मेयर को आम जन से कोई मतलब नहीं है. उनको मोदी की तरह सोशल मीडिया पर छाये रहने का शौक है. जिसको देखते हुए अफसरों ने उनसे दूरी बना ली.

दोस्तों अगर आप मेयर के एक्स हैंडल पर नजर डालेंगे तो आपको वहां जनता से जुड़े मुद्दों का एक भी पोस्ट नहीं मिलेगा.. उनके एक्स हैंडल पर कुछ इस तरह के पोस्ट देखने को मिलेंगे. जैसे कल नई दिल्ली में मेरी प्रिय मित्र एवं उत्तर प्रदेश बाल आयोग की पूर्व सदस्य आदरणीय श्रीमती अनीता अग्रवाल जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. एवं केक काटकर उनके दीर्घायु, स्वस्थ और सफल जीवन की कामना की. उनका सामाजिक योगदान, बाल कल्याण के प्रति समर्पण और स्नेहिल व्यक्तित्व सदैव प्रेरणास्रोत रहा है. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह सदैव स्वस्थ, प्रसन्न एवं सक्रिय रहें.. आज भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय, नई दिल्ली में राष्ट्रीय महामंत्री, महिला मोर्चा आदरणीय श्रीमती दीप्ति रावत जी सहित देश के विभिन्न प्रदेशों से पधारी महिला मोर्चा की पदाधिकारी बहनों से स्नेहिल भेंट हुई. संगठनात्मक कार्यों, महिला सशक्तिकरण और सेवा गतिविधियों को लेकर प्रेरणादायी संवाद हुआ. इन सभी ऊर्जावान बहनों का समर्पण व सेवा भावना निश्चित ही पार्टी को और अधिक सशक्त बनाएगी.. सहित तमाम पोस्ट देखने को मिलेंगे.

जनता मेयर को शहर के विकास के लिए चुनती है. लेकिन सत्ता में आते ही जनता से किए सभी वादे भूल जाते हैं.. और खुद को दिखाने के लिए समारोहों में शामिल होने लगते हैं.. जिसको देखते हुए उनके विभाग से जुड़े अधिकारी ऐसे नेताओं से दूरी बना ली. जिसे नेता खुद का अपमान बताने लगे हैं.. वहीं जब मेयर साहिबा को केट काटने से फुरसत ही नहीं है.. तो अधिकारी उनको विभाग के किसी कार्यक्रम में क्यों बुलाएं….. वहीं अब लखनऊ नगर निगम में एक नया विवाद सुर्खियों में है.. मेयर सुषमा खर्कवाल ने नगर आयुक्त गौरव कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.. मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर 4 अगस्त की दोपहर तक स्पष्टीकरण मांगा है.. विवाद की मुख्य वजह एक कार्यक्रम में मेयर को न बुलाना. और अधिकारियों के कार्य विभाजन में मेयर के साथ विचार-विमर्श न करना बताया जा रहा है..

आपको बता दें कि इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब लखनऊ नगर निगम द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मेयर सुषमा खर्कवाल को नजरअंदाज किया गया.. यह कार्यक्रम शहर के विकास और स्वच्छता अभियान से जुड़ा था. जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय नेता मौजूद थे.. मेयर ने इसे अपने पद की अवमानना माना. उन्होंने कहा कि मैं लखनऊ की प्रथम नागरिक हूं.. ऐसे आयोजनों में मेरी उपस्थिति अनिवार्य है.. बिना सूचना के कार्यक्रम करना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.. इसके अलावा मेयर ने आरोप लगाया कि नगर निगम में अधिकारियों के कार्य विभाजन के दौरान उनकी राय नहीं ली गई.. उन्होंने इसे प्रशासनिक पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया.. मेयर के करीबी सूत्रों के मुताबिक सुषमा खर्कवाल ने इस तरह की घटनाओं को बार-बार नजरअंदाज किए जाने से तंग आकर कड़ा रुख अपनाया है..

 

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