एसआईआर पर चर्चा की मांग पर फिर अड़ा विपक्ष

  • संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी
  • सड़क पर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग व सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
  • लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही टली
  • जस्टिस वर्मा को हटाने के प्रस्ताव को लोस की मंजूरी
  • स्पीकर ने बनाई तीन सदस्यीय कमेटी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में बिहार एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर मंगलवार को भी विपक्ष ने हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा और राज्यसभा स्थगित कर दी गई। उधर इन सबके बीच लोक सभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है।
इससे पहले प्रियंका गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के सांसद मकर द्वार पर मिंता देवी के नाम और तस्वीर वाली टीशर्ट पहनकर पहुंचे। विपक्ष का दावा है कि मिंता देवी बिहार चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट में 124 साल की फर्स्ट टाइम वोटर हैं। विपक्ष के हंगामे के कारण विधेयकों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। सोमवार को भी बिना चर्चा के 8 विधेयक बिना बहस के ही पास हो गए। लोकसभा में नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल, इनकम टैक्स (नंबर 2) बिल और टैक्सेशन लॉ (संशोधन) बिल पास हुआ। राज्यसभा में गोवा में अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्संयोजन से जुड़ा बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल, मणिपुर विनियोग बिल और मणिपुर जीएसटी (संशोधन) बिल पास किए गए।

एक राष्ट्र, एक चुनाव पैनल की रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ी

लोकसभा ने मंगलवार को एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस विस्तार से समिति 2025 के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकेगी। यह प्रस्ताव एक राष्ट्र, एक चुनाव समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने पेश किया। उन्होंने सदन से आग्रह किया कि संयुक्त संसदीय समिति को संविधान (एक सौ उनतीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश विधियाँ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। यह विधेयक पहली बार दिसंबर 2024 में लोकसभा में पेश किया गया था और बाद में विस्तृत जाँच के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा गया था। प्रस्ताव में कहा गया था, यह सदन संविधान (एक सौ उनतीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश विधियाँ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय बढ़ाकर शीतकालीन सत्र, 2025 के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक करे।

स्पीकर ओम बिरला ने घोषित किए सदस्यों के नाम

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के मामले में जांच कमेटी की घोषणा हो गई है। इस मामले में तीन सदस्यों की समिति का गठन किया गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा की। समिति में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के एक-एक जज और एक कानूनविद शामिल होंगे। ओम बिरला ने कहा कि कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन और कर्नाटक हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट बीवी आचार्य शामिल हैं। सदस्यों के नामों की घोषणा से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के तहत हाई कोर्ट के जज के पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस वर्मा को उनके कदाचार के लिए जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव मिला था। बिरला ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के जज वर्मा के खिलाफ शिकायत को उच्च प्रवृति का पाया गया। ऐसे में उक्त न्यायाधीश को हटाने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।

संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन, सफेद टी-शर्ट पहनकर जताया विरोध

बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही मतदाता सूची पुनरीक्षण की कवायद के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के घटक दलों के कई सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इनमें से कई सांसदों ने सफेद टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिस पर राज्य की मतदाता सूची में कथित तौर पर शामिल ‘124 वर्षीय एक मतदाता’ का नाम अंकित था। मिंता देवी उन मतदाताओं में से एक थीं जिनका ज़िक्र कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित मतदाता धोखाधड़ी के मुद्दे पर दिए गए प्रेजेंटेशन में किया गया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि 124 वर्षीय मिंता देवी हाल ही में जारी बिहार की मसौदा मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाता हैं। मसौदा सूची में मिंता देवी की उम्र 124 वर्ष दर्ज है, जो दुनिया के सत्यापित सबसे बुजुर्ग व्यक्ति से नौ साल ज़्यादा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, द्रमुक के टीआर बालू, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, साथ ही वामपंथी दलों एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य संसद के मकर द्वार के पास एकत्र हुए। उन्होंने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और नारे लगाते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को वापस लेने की मांग की। यह विपक्षी दलों के सांसदों के संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन का 15वां दिन है। प्रदर्शनकारी सांसदों के सामने लगाए गए एक बैनर पर लिखा था ”हमारा वोट, हमारा अधिकार, हमारी लड़ाई।

केंद्रीय निर्वाचन आयोग बना भाजपा का एक विभाग : मणिकम टैगोर

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार और ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय निर्वाचन आयोग भाजपा का एक विभाग बन गया है। उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए आरोप लगाया, ”मिंता देवी पहली बार मतदाता बनी हैं और उनकी उम्र 124 साल है। मतदाता सूची में उनका नाम पहली बार मतदाता के रूप में दर्ज है। हम ऐसे मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। निर्वाचन आयोग भाजपा की पार्टी कैसे बन गया है? मतदाता सूची इस तरह के फर्जीवाड़े से भरी हुई है। सांसदों ने निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पोस्टरों के साथ-साथ ”स्टॉप एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखे पोस्टर भी लिए हुए थे।

केंद्र सरकार को भंग कर देना चाहिए : अभिषेक बनर्जी

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि अगर मतदाता सूची में त्रुटियाँ हैं, तो पूरी लोकसभा और केंद्र सरकार को भंग कर देना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव के लिए इसी सूची का इस्तेमाल किया गया था। बनर्जी ने चुनाव आयोग पर कथित मतदाता सूची विसंगतियों पर सवालों से बचने का आरोप लगाया और गुजरात और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में एक ही मतदाता पहचान पत्र संख्या वाले मतदाताओं के उदाहरण दिए।

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