नाबालिग लड़के से रेप के दोषी को इतने साल की सजा, जज ने कहा- यौन शोषण की शिकार सिर्फ लड़कियां नहीं होती
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह धारणा एक मिथ है कि लड़कियां ही प्रिटेंडिव सेक्सुअल असॉल्ट का शिकार होती हैं,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: साकेत कोर्ट ने 2019 में नाबालिग लड़के से रेप मामले में दोषी को 15 साल कैद, 2 लाख मुआवजा और सरकार को 10.5 लाख देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि लड़के भी इस अपराध के प्रति संवेदनशील हैं.
दिल्ली के साकेत कोर्ट ने साल 2019 में नाबालिग लड़के से रेप के मामले में दोषी करार दिए गए एक व्यक्ति को 15 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह धारणा एक मिथ है कि लड़कियां ही प्रिटेंडिव सेक्सुअल असॉल्ट का शिकार होती हैं, जबकि लड़के भी इस जघन्य अपराध के प्रति समान रूप से संवेदनशील हैं.
साकेत कोर्ट की एडिशनल सेशन जज अनु अग्रवाल ने फैसला सुनाते हुए कहा, लड़के भी यौन शोषण और उत्पीड़न के उतने ही शिकार हो सकते हैं जितनी लड़कियां. समाज में यह आम धारणा है कि केवल लड़कियों के साथ ऐसा हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है.
साकेत कोर्ट में अभियोजन पक्ष के वकील ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि देश में करीब 54.68 प्रतिशत बाल यौन शोषण के पीड़ित लड़के होते हैं. साकेत कोर्ट में उन्होंने दलील देते हुए कहा कि लड़के भी यौन हिंसा के बाद वैसा ही मानसिक ट्रॉमा झेलते हैं, जैसा लड़कियां झेलती हैं, जिसमें डर, फ्लैशबैक और पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर शामिल हैं.
कोर्ट ने पीड़ित को मुआवजा देने का दिया आदेश
साकेत कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि समाज में पौरुष को भावनात्मक मजबूती से जोड़कर देखने की गलत सोच के कारण लड़कों के लिए ऐसे आघात से उबरना और कठिन हो जाता है. वे शर्मिंदगी महसूस करने लगते हैं और सोचते हैं कि यह सही नहीं है, जिसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है. साकेत कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषी को 15 साल की सजा सुनाई और पीड़ित को दो लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया. साथ ही, दिल्ली सरकार को भी पीड़ित को साढ़े दस लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया.



