पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर बिठूर से भाजपा विधायक ने पंजाब सरकार को दी धमकी
कानपुर। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर के उठे सवाल के संबंध में भाजपा के स्थानीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों की तरफ से लगातार पंजाब की कांग्रेस सरकार का विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में बिठूर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के विधायक अभिजीत सिंह सांगा की तरफ से कई ट्वीट किए गए। जिसमें उन्होंने धमकाने वाले अंदाज में ट्वीट किया है कि इंदिरा गांधी समझने की भूल न करना नरेंद्र दामोदरदास मोदी नाम है लिखने को कागज और पढ़ने को इतिहास नहीं मिलेगा।
बताया जा रहा है कि जब उनके इस अंदाज में किए गए ट्वीट को लेकर प्रतिक्रिया होने लगी तो उन्होंने उस ट्वीट को डिलीट कर एक दूसरा ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने सिक्ख समुदाय का पक्ष लेते हुए लिखा कि मेरा एक एक शब्द सिक्खों की हत्यारी उस कांग्रेस के खिलाफ है, जिसने कुर्सी के लिए अपने परिवार को भी न बख्शा और कल वही साजिश प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई। विधायक के ट्वीट पर पंजाब कांग्रेस से जुड़े कई लोगों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया भी दी है। इस बीच मोदी की सुरक्षा में चूक मानते हुए भाजपाइयों ने दूसरे दिन भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
बीजेपी चुनाव हारती है तो इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी : राणा
देहरादून। उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता सियासी गणित के हिसाब से कैसे नियुक्तियां करवा रहे हैं और कैसे ट्रांसफर? इसका साफ इशारा देने वाला एक बीजेपी नेता का पत्र सुर्खियों में आ गया है क्योंकि इसमें कुछ कर्मचारियों के तबादले करवाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन अब इन तबादलों पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। छुट्ïटी के दिन किए गए तबादलों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए हाई कोर्ट के सामने इसके खिलाफ जो आवेदन दिया गया था, उस पर सुनवाई करते हुए फिलहाल इन ट्रांसफरों पर रोक लगा दी गई है और फरियादी पक्ष के वकील का कहना है कि ट्रांसफर के आदेश नियमों के विरुद्ध दिए गए। कुल मिलाकर इस पत्र से राजनीति में भाजपा की किरकिरी होना तय है।
बीजेपी नेता मुकेश राणा ने चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि हमारी पार्टी यानी बीजेपी चुनाव हारती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। आयोग पर दबाव बनाते हुए राणा ने उधमसिंह नगर के सहकारी विभाग में कार्यरत अपर्णा वल्दिया, लीला बोरा, विकास शर्मा और गौरव शर्मा के ट्रांसफर करने के लिए 29 नवम्बर को पत्र लिखा था। इस शिकायती पत्र पर सहायक चुनाव अधिकारी ने निर्देश दिए, लेकिन तबादला के आदेश 25 दिसंबर के अवकाश के दिन जारी हुए। अब इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती मिली, तो कोर्ट ने ट्रांसफर पर रोक लगा दी और इसे राजनीतिक शिकायत बता दिया।