सौरभ भारद्वाज की ज्ञानेश कुमार को चेतावनी, मॉरिशस-कनाडा छिपो कहीं भी… बचोगे नहीं!

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ज्ञानेश कुमार पर सीधा वार किया... कहा- आप नहीं बचेंगे, चाहे मॉरिशस जाकर छिपें या कनाडा...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों भारतीय लोकतंत्र की नींव माने जाने वाले चुनाव प्रक्रिया पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं.. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर जोरदार हमला बोला है.. और उन्होंने वोट चोरी और वोटर लिस्ट में हेराफेरी के आरोपों को लेकर कुमार को चेतावनी दी.. कि वर्तमान सरकार में तो वे बच सकते हैं.. लेकिन जब सरकार बदलेगी.. तो कानून का हाथ उन्हें मॉरीशस या कनाडा में छिपने न देगा.. यह बयान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया आरोपों के बाद आया है.. जिन्होंने कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट पर करीब 6 हजार वोटों के डिलीट होने का दावा किया था..

चुनाव आयोग ने इन आरोपों को ‘गलत और आधारहीन’ बताते हुए खारिज कर दिया है.. लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि यह जांच को रोकने की कोशिश है.. इस मुद्दे ने पूरे देश में बहस छेड़ दी है.. अभी हाल ही में दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला.. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट पर 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान करीब 6 हजार वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिए गए थे.. राहुल ने इसे ‘वोट चोरी’ का स्पष्ट उदाहरण बताया और दावा किया कि उनके पास ‘ओपन एंड शट प्रूफ’ है.. जो ‘एटम बम’ की तरह फटेगा.. उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार से अपील की कि वे बहाने बनाना बंद करें.. और कर्नाटक पुलिस की सीआईडी को सबूत सौंपें..

राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो क्लिप दिखाई.. जिसमें उनके पार्टी के उम्मीदवार ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का खुलासा किया था.. इसके बाद कर्नाटक पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.. लेकिन ईसीआई ने जांच में सहयोग नहीं किया.. राहुल का कहना था कि ईसीआई न केवल वोट चोरी की जांच कर रही है.. बल्कि उसे रोक भी रही है.. और उन्होंने कहा कि ईसीआई के अंदर से हमें मदद मिल रही है.. हम साबित करेंगे कि वोट कैसे ऐड और डिलीट किए जाते हैं.. वहीं यह पहली बार नहीं है जब राहुल ने ऐसे आरोप लगाए.. अगस्त 2025 में महाराष्ट्र चुनावों के दौरान उन्होंने दावा किया था कि कुछ इलाकों में वोटरों की संख्या आबादी से ज्यादा हो गई, जो असंभव है.. कर्नाटक के अलावा उन्होंने महादेवपुरा असेंबली सेगमेंट में भी फ्रॉड का जिक्र किया.. राहुल का मुख्य आरोप यह है कि ईसीआई भाजपा के पक्ष में काम कर रही है.. और वोटर लिस्ट में हेराफेरी करके चुनाव परिणाम बदल रही है..

वहीं कर्नाटक के अलंद मामले की डिटेल्स पर नजर डालें तो.. यह सीट 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पास थी.. चुनाव के बाद वोटरों ने शिकायत की कि उनके नाम लिस्ट से गायब हैं.. स्थानीय कांग्रेस नेता ने जांच कराई.. तो पता चला कि 6,000 से ज्यादा वोटरों के नाम डिलीट हो गए थे.. कर्नाटक सरकार ने सीआईडी को जांच सौंपी.. जो 18 बार ईसीआई से डेटा मांग चुकी है, लेकिन जवाब नहीं मिला.. राहुल ने कहा कि यह सिर्फ एक उदाहरण है.. पूरे देश में ऐसी धांधली हो रही है…

राहुल के बयान के ठीक बाद आप नेता सौरभ भारद्वाज ने मैदान में कूद पड़े..19 सितंबर 2025 को एक टीवी डिबेट में जब उनसे राहुल के आरोपों पर सवाल पूछा गया.. तो उन्होंने कहा कि ये बेहद गंभीर बात है.. वोट चोरी की जांच पहले तो चुनाव आयोग और ज्ञानेश कुमार साहब को करनी चाहिए… लेकिन वे नहीं कर रहे.. भारद्वाज ने दावा किया कि ज्ञानेश कुमार को इसलिए नियुक्त किया गया है ताकि वे वोट चोरी पर आंख मूंद लें..

भारद्वाज ने आगे कहा कि खुद जांच नहीं कर रहे.. लेकिन जब किसी राज्य की सरकार की सीआईडी जांच करना चाहती है.. तो उसे रोक रहे हैं.. हो सकता है पीछे से सबूत नष्ट करने की कोशिश भी चल रही हो.. जांच रोकना कानूनी अपराध है.. जो ज्ञानेश कुमार कर रहे हैं.. वो क्रिमिनल ऑफेंस है.. और उन्होंने चेतावनी दी.. आज सरकार भाजपा की है, तो वे बच जाएंगे.. लेकिन जिस दिन सरकार बदली.. मैं ज्ञानेश कुमार को बताना चाहूंगा कि आप नहीं बचेंगे.. कानून के हाथ इतने लंबे हैं कि आप मॉरीशस में जाकर छिपें या कनाडा में, इस देश का कानून आपको ढूंढ निकालेगा..

यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.. एक्स पर एक वीडियो क्लिप में भारद्वाज को जोर-जोर से बोलते देखा जा सकता है.. जहां वे दस्तावेज लहराते हुए कहते हैं.. 18 बार सीआईडी ने पत्र लिखा… लेकिन ईसीआई ने जवाब नहीं दिया.. भारद्वाज ने राहुल के आरोपों को समर्थन देते हुए कहा कि दिल्ली में भी 2020 के विधानसभा चुनावों में समान गड़बड़ियां हुईं, लेकिन विपक्ष चुप रहा.. हालांकि, उन्होंने दिल्ली सरकार पर भी सवाल उठाए कि वे क्यों चुप हैं..

सौरभ भारद्वाज का यह रुख आप पार्टी की पुरानी रणनीति का हिस्सा लगता है.. फरवरी 2024 में दिल्ली चुनावों के दौरान उन्होंने चुनाव आयुक्तों से मिलकर शिकायतें कीं.. लेकिन उनका कहना था कि आयुक्तों ने कहा कि हम एक्शन लेंगे या नहीं, यह हमारा मन होगा..  भारद्वाज ने पूर्व सीईसी राजीव कुमार पर भी संदेह जताया कि वे वोट चोरी में शामिल थे…

ईसीआई ने राहुल और सौरभ के आरोपों का तुरंत जवाब दिया.. 18 सितंबर को एक आधिकारिक बयान में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अलंद मामले में सभी जरूरी कार्रवाई की गई थी और आरोप ‘गलत’ हैं.. ईसीआई ने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट की सफाई नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है.. और कोई धांधली नहीं हुई.. कर्नाटक में वोटर लिस्ट में बदलाव राजनीतिक दलों की आपत्तियों के बाद ही किए जाते हैं..

हालांकि, ईसीआई ने सीआईडी जांच में सहयोग न करने के आरोप को खारिज किया.. एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि डेटा गोपनीयता के नियमों के तहत जानकारी साझा नहीं की जा सकती.. ज्ञानेश कुमार ने खुद एक इंटरव्यू में कहा कि हम निष्पक्ष हैं.. विपक्ष के आरोप राजनीतिक हैं.. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ईसीआई ने एफआईआर दर्ज होने के बावजूद जांच को रोका है.. एक्स पर एक पोस्ट में यूजर ने लिखा कि ज्ञानेश कुमार ‘प्रीट्जेल की तरह ट्विस्ट’ कर रहे हैं.. क्योंकि बाद में ईसीआई ने अलंद और राजुरा मामलों में एफआईआर का जिक्र किया.. ईसीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं..

यह विवाद केवल कांग्रेस और आप तक सीमित नहीं.. एक्स पर कई पोस्ट्स दिखाती हैं कि विपक्षी नेता एकजुट हो रहे हैं.. युवा कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने राहुल के बयान को शेयर करते हुए कहा कि यह युवाओं को दिखाने का समय है कि चुनाव कैसे रिंग हो रहे हैं..  सुप्रिया श्रीनेत ने ज्ञानेश कुमार से शर्मिंदगी का सवाल किया.. दूसरी ओर, भाजपा समर्थक इस मुद्दे को मजाक उड़ा रहे हैं… भाजपा नेता ने कहा कि ये आरोप हार के बाद की नाराजगी हैं…

दिल्ली में आप सरकार के मंत्री भी इस पर चुप हैं.. जिस पर सौरभ ने सवाल उठाए.. वोटर लिस्ट में हेराफेरी कैसे होती है? राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि फॉर्म 6 (नया वोटर ऐड करने) और फॉर्म 7 (नाम डिलीट करने) का गलत इस्तेमाल किया जाता है.. कर्नाटक के अलंद में हजारों फॉर्म 7 जमा किए गए, जो झूठे थे.. सीआईडी ने पाया कि ये फॉर्म एक ही आईपी एड्रेस से भेजे गए, जो संदिग्ध है.. राहुल कहते हैं ईसीआई के अंदर से जानकारी मिली कि वोट कैसे डिलीट होते हैं.. हम प्रूफ दिखाएंगे.. महाराष्ट्र में 2024 लोकसभा चुनावों में चंद्रपुर जिले में 7 लाख वोटर ऐड हुए, जबकि आबादी कम थी.. दिल्ली 2020 में भी कैमरे पर वोट चोरी के वीडियो वायरल हुए थे…

कानूनी रूप से वोटर लिस्ट टैंपरिंग आईपीसी की धारा 171 (फर्जीवाड़ा) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध है.. सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में ईसीआई को निर्देश दिया था कि वोटर लिस्ट पारदर्शी हो.. लेकिन विपक्ष का कहना है कि ईसीआई नियम तोड़ रही है.. वहीं यह विवाद भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है.. अगर ईसीआई पर भरोसा न रहा.. तो चुनावों की पवित्रता कैसे बचेगी? लाखों वोटरों के नाम डिलीट होने से अल्पसंख्यक और गरीब प्रभावित होते हैं.. कर्नाटक जैसे राज्यों में यह स्थानीय चुनावों को प्रभावित कर सकता है.. विपक्ष की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र जांच कराए.. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम ढूंढ निकालेंगे.. रिटायरमेंट के बाद भी सजा मिलेगी.. ईसीआई को सुधार की जरूरत है..

 

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