मोदी के Ex मंत्री बोले डिग्री दिखाओ, मचा हड़कंप… शाह के चहेतों की खुली बगावत!
मोदी सरकार के पूर्व मंत्री ने डिग्री को लेकर बड़ा हमला बोला है... बयान के बाद सियासत में हड़कंप मच गया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों बीजेपी के भीतर इस समय घमासान मचा हुआ है.. मोदी के खासम खास नेता ने साफ कह दिया है कि डिग्री दिखाओ.. जिससे सियासत तेज हो गई.. वहीं टिकट बंटवारे को लेकर भी खुली चुनौती दे दी है.. वैसे तो बीजेपी में भी राम राज्य है और देश में भी राम राज्य है.. मोदी के खास ने एक बार फिर से डिग्री दिखाने की बात कह दी है.. दोस्तों आखिर बीजेपी में ही डिग्री दिखाने की बात क्यों की जाती है.. मोदी जब से सत्ता में आए हैं तभी से डिग्री दिखाने का प्रचलन आम हो गया है.. आपको बता दें कि पूर्व मंत्री ने जिन नेताओं को टारगेट किया है.. वे शाह के बहुत करीबी हैं.. जिससे शाह पर भी मुसीबत खड़ी हो गई है.. आपको बता दें कि मोदी के खास ने शाह के खास को टारगेट किया है.. जिससे सियासत बहुत तेज हो गई है.. सबसे पहले मोदी की डिग्री दिखाने की बात शुरू हुई थी.. तभी से डिग्री दिखाने का प्रचलन चला आ रहा है..
आपको बता दें कि डिग्री दिखाने का मामला जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के आरोप से शुरू हुआ… प्रशांत किशोर ने सत्ताधारी NDA के नेताओं पर हत्या, भ्रष्टाचार और जमीन हड़पने जैसे गंभीर आरोप लगाकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं.. लेकिन असली झटका तब लगा जब BJP के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने अपनी पार्टी के नेताओं से खुलकर सफाई मांगी.. और उन्होंने कहा कि अगर आरोप झूठे हैं तो कोर्ट जाएं, वरना इस्तीफा दें.. यह बयान BJP के लिए किसी बम के फटने जैसा है.. क्योंकि यह उनकी आंतरिक कलह को उजागर करता है.. बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही NDA पर दबाव बढ़ गया है..
बिहार की राजनीति हमेशा से ही हाई वोल्टेज ड्रामा वाली रही है.. 2020 के चुनावों में नीतीश कुमार की JD(U) और BJP की गठबंधन सरकार बनी.. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों ने इसकी नींव हिला दी.. अब पीके ने जन सुराज के बैनर तले बिहार की जनता को जगाने की कोशिश की है.. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ईमानदार हो सकते हैं.. लेकिन उनके मंत्री और अधिकारी जनता को लूट रहे हैं.. उनके इन बयानों ने NDA के कई दिग्गजों को बैकफुट पर ला दिया.. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि BJP, जो खुद को ‘अच्छे दिन’ और ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ का चैंपियन बताती है.. क्यों चुप है..
बता दें कि पीके ने सितंबर 2025 में पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में NDA के चार बड़े नेताओं पर सीधा हमला बोला.. और उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है.. और NDA के नेता ‘लूट तंत्र’ चला रहे हैं.. पहले बात करते हैं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की.. पीके ने दावा किया कि चौधरी सिर्फ सातवीं कक्षा पास हैं.. लेकिन उन्होंने 2010 के चुनावी हलफनामे में खुद को मैट्रिक पास बताया.. फिर भी उनके पास कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की डिग्री है.. क्या यह फर्जीवाड़ा नहीं.. पीके ने यह भी कहा कि चौधरी ने अपना नाम तीन-चार बार बदला है.. राकेश कुमार से सम्राट चौधरी, फिर सम्राट कुमार मौर्य.. क्यों? क्या कोई राज छिपा है.. और सबसे गंभीर, पीके ने चौधरी पर एक हत्या के मामले में जेल जाने का आरोप लगाया.. बिहार स्कूल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चौधरी ने मैट्रिक पास नहीं किया.. अगर यह सच है, तो उपमुख्यमंत्री पद पर कैसे बने..
वहीं अब आते हैं BJP प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर… पीके ने उन्हें भ्रष्ट क्लर्क कहा और आरोप लगाया कि जायसवाल एक हत्या के मामले में आरोपी हैं.. उन्होंने दावा किया कि जायसवाल ने पुलिस पर दबाव डाला ताकि आरोपी को बचाया जा सके.. और केस दबा दिया जाए.. ऊपर से जायसवाल ने अवैध तरीके से एक मेडिकल कॉलेज पर कब्जा कर लिया.. MGM मेडिकल कॉलेज का मामला हो या अन्य.. पीके ने कहा कि जायसवाल ने जमीन हड़पकर करोड़ों की लूट की.. क्या BJP का प्रदेश अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो हत्या और जमीन हड़पने के आरोपों में फंसा हो.. जनता पूछ रही है मोदी जी की ‘नए भारत’ में यह क्या हो रहा है…
वहीं पीके का तीर JD(U) पर भी चला.. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर आरोप है.. कि 2019-2020 के बीच उनकी पत्नी के बैंक अकाउंट में 2.12 करोड़ रुपये जमा हुए.. लेकिन इसका कोई हिसाब नहीं.. पांडे ने कहा कि उन्होंने पिता से 25 लाख उधार लेकर दिल्ली में फ्लैट खरीदा.. लेकिन बाकी पैसे का क्या.. JD(U) के राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी पर 200 करोड़ की जमीन खरीदने का आरोप है.. जो कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से हासिल की गई.. पीके ने कहा कि ये नेता जनता का पैसा लूटकर अपनी जेबें भर रहे हैं.. ये आरोप कोई कल्पना नहीं, बल्कि दस्तावेजों और पुराने केसों पर आधारित हैं.. जायसवाल के खिलाफ हत्या का केस पुराना है.. लेकिन पीके ने इसे फिर से उछाला है..
आपको बता दें कि JD(U) के टिकट बंटवारे पर भी पीके ने सवाल उठाए.. उन्होंने कहा कि भगवान सिंह कुशवाहा जैसे नेता.. जिन पर 1993 के इचहरी नरसंहार में हत्या के आरोप थे.. उनको टिकट देने की योजना है.. भोझपुर कोर्ट ने 2023 में कुशवाहा को बरी कर दिया.. लेकिन केस में 9 अन्य को उम्रकैद हुई.. फिर भी, क्या ऐसे व्यक्ति को विधानसभा टिकट देना सही.. इसी तरह, राधा चरण शाह पर ड्रग माफिया होने का आरोप है.. 2023 में ED ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया.. जब अवैध रेत खनन और नशीले पदार्थों के कारोबार से जुड़े करोड़ों के प्रॉपर्टी जब्त किए गए.. शाह को 2024 में जमानत मिली.. लेकिन ED की रिपोर्ट्स में उन्हें ड्रग सिंडिकेट का सरगना बताया गया..
वहीं ये आरोप BJP-JD(U) गठबंधन को आईना दिखाते हैं.. NDA सत्ता में आया तो ‘विकास’ और ‘सुशासन’ का वादा किया.. लेकिन आज बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है.. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 से अब तक बिहार में भ्रष्टाचार के 5,000 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं.. जिनमें NDA नेताओं के नाम प्रमुख हैं.. पीके ने कहा कि NDA ज्यादा भ्रष्ट है.. क्या यह सच नहीं लगता जब उपमुख्यमंत्री फर्जी डिग्री पर सवालों के घेरे में हो.. पीके के आरोपों पर सबसे चौंकाने वाला रिएक्शन BJP के अपने घर से आया.. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह.. जो आरा से सांसद रह चुके हैं.. उन्होंने 23 सितंबर को पटना में कहा कि पीके के आरोपों पर चुप्पी न साधें.. सफाई दें या इस्तीफा दें.. सिंह ने सम्राट चौधरी से कहा कि तुम्हारी डिग्री दिखाओ.. मैट्रिक पास हो या नहीं, D-Litt असली है या नकली? नाम क्यों बदले? हत्या के केस में जेल गए थे या नहीं?.. उन्होंने जायसवाल से पूछा कि हत्या के आरोप अगर बेबुनियाद हैं तो कोर्ट क्यों नहीं जाते..
सिंह ने JD(U) पर भी निशाना साधा.. और उन्होंने कहा कि भगवान सिंह कुशवाहा पर हत्या के गंभीर आरोप हैं, राधा चरण शाह ड्रग माफिया हैं.. अगर इन्हें टिकट मिला तो हम खुलकर विरोध करेंगे.. सिंह ने अपनी 2024 लोकसभा हार का ठीकरा भी इन नेताओं पर फोड़ा.. कहा ये लोग मेरे खिलाफ साजिश रचे.. अगर टिकट दिए गए तो मैं कैंपेन करूंगा.. यह बयान BJP के लिए शर्मिंदगी का सबब है.. एक वरिष्ठ नेता अपनी ही पार्टी को आईना दिखा रहा है.. सिंह ने कहा कि पूरी पार्टी की इमेज खराब हो रही है.. क्या BJP अब सिंह को ‘बागी’ ठहराएगी..
आपको बता दें कि सिंह का यह रुख नया नहीं.. वे पहले भी पार्टी लाइन से हटकर बोले हैं.. लेकिन इस बार यह सीधा NDA के गले पर चढ़ गया.. उन्होंने JP नड्डा को शिकायत की और संजय झा से कहा कि टिकट वितरण में साफ-सुथरे लोगों को प्राथमिकता दें.. सिंह की बगावत से BJP में फूट साफ दिख रही है.. आरा जैसे क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर असंतोष बढ़ गया है.. बिहार 2005 से नीतीश-BJP गठबंधन के ‘सुशासन’ के दावों से चमक रहा था.. सड़कें बनीं, बिजली आई, लेकिन भ्रष्टाचार रुका नहीं.. 2015 में महागठबंधन आया, फिर 2020 में NDA वापस आया.. लेकिन अब पीके जैसे नए चेहरे चुनौती दे रहे हैं.. जन सुराज 243 सीटों पर लड़ेगी जिसका भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा है
पिछले सालों में NDA पर कई आरोप लगे… 2023 में ED ने JD(U) के राधा चरण शाह को अवैध खनन और ड्रग्स से जोड़ा.. भगवान सिंह का 1993 का केस तो पुराना है.. लेकिन टिकट की चर्चा पर सवाल उठे.. BJP के जायसवाल पर एम्बुलेंस स्कैम का आरोप भी है.. ये मामले बताते हैं कि NDA में क्लीन इमेज सिर्फ नारा है.. केंद्र की BJP भ्रष्टाचारियों को सजा का दावा करती है.. लेकिन बिहार में अपने नेताओं को बचाती है.. 2025 के बिहार चुनाव NDA के लिए परीक्षा हैं.. पीके के आरोपों और RK सिंह की बगावत से वोट बैंक हिल गया.. आरा, पटना जैसे इलाकों में BJP की पकड़ कमजोर है..



