NCW की पूर्व अध्यक्ष BJP नेताओं पर भड़कीं, कहा- महिलाओं को कमजोर बताते है BJP वाले

ममता शर्मा का कहना है कि बीजेपी के दोनों नेताओं के बयान महिलाओं को कमजोर बताने वाले हैं और भेदभाव करने वाले हैं. इन दोनों ही मामलों में कार्रवाई भी होनी चाहिए.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा ने राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री उषा ठाकुर के नवरात्रि से जुड़े बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है।

राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री उषा ठाकुर के नवरात्रि के आयोजनों से जुड़े बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की पूर्व चेयरमैन ममता शर्मा ने गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि महिला आयोग इन बयानों पर स्वत: संज्ञान लेकर दोनों को नोटिस जारी करे और उनसे जवाब तलब करे. ममता शर्मा का कहना है कि बीजेपी के दोनों नेताओं के बयान महिलाओं को कमजोर बताने वाले हैं और भेदभाव करने वाले हैं. इन दोनों ही मामलों में कार्रवाई भी होनी चाहिए.

पूर्व चेयरमैन ममता शर्मा का कहना है कि राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने महिलाओं और पुरुषों के अलग पंडाल की बात कह कर संकीर्ण भावना का नमूना पेश किया है. वह संकीर्ण मानसिकता के हैं. उन्होंने बहुत बचकाना बयान दिया है. कल को वह यह भी कह सकते हैं कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए अलग सदन होना चाहिए. उनके बैठने की अलग व्यवस्था होनी चाहिए. यह महिलाओं और पुरुषों में भेदभाव करने वाला बयान है. उनका डबल स्टैंडर्ड है. उनके इस बयान से उनकी ही पार्टी के लोग भी हंसी उड़ा रहे होंगे.

वहीं, उषा ठाकुर के ‘पहनावे, गहने और टैटू’ वाले बयान पर पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि उनमें मैच्योरिटी की कमी है या फिर उन्होंने जानबूझकर एक्स्पोज़र पाने के लिए इस तरह का बयान दिया है. खुद एक महिला होते हुए उन्होंने जिस तरह की बातें कही हैं, वे बेहद निंदनीय हैं. उनकी यह सोच बीजेपी की विचारधारा को दिखाती है. ममता शर्मा का कहना है कि बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है. एक तरफ तो महिलाओं के लिए आरक्षण की बात की जाती है और दूसरी तरफ उन्हें नीचा दिखाने का काम किया जाता है.

ममता शर्मा के मुताबिक राष्ट्रीय महिला आयोग की मौजूदा अध्यक्ष विजया राहटकर को इन दोनों ही बयानों पर संज्ञान लेना चाहिए और दोनों नेताओं को नोटिस जारी करना चाहिए. महिला आयोग के संज्ञान नहीं लेने से महिला विरोधी मानसिकता वालों के हौसले बुलंद होंगे. महिला आयोग अगर ऐसा करता है तो लोग उसकी तारीफ करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर आज मैं आयोग की अध्यक्ष होती तो दोनों को तुरंत नोटिस जारी करती और उनसे जवाब तलब करती.

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