लद्दाख में हिंसा को लेकर अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, कहा- सोनम वांगचुक पर लगे आरोप गलत

अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वहीं लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची को लेकर विरोध जारी है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वहीं लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची को लेकर विरोध जारी है.

लद्दाख के लेह में हिंसक प्रदर्शन पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल खुल कर लगातार अपनी राय रख रहे हैं. बीते दिन उन्होंने लद्दाख में जो हो रहा है, उसे बेहद चिंताजनक बताया और अब लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में एक पोस्ट किया है. उन्होंने सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों की निंदा करते हुए कहा कि देश की प्रगति के लिए सोचने वाले व्यक्ति को केंद्र सरकार की पूरी मशीनरी सस्ती राजनीति के तहत परेशान कर रही है.

केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि सोनम वांगचुक जैसे व्यक्ति, जो शिक्षा, नवाचार और देश के भविष्य के बारे में सोचते हैं, आज राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि देश की बागडोर ऐसे लोगों के हाथ में है जो विकास की राह में बाधा बन रहे हैं. सोनम वांगचुक के बारे में ये पढ़िए। जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है।

बता दें कि लद्दाख में लंबे समय से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विरोध जारी है. इसी क्रम में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 14 दिन का भूख हड़ताल किया और लेह से दिल्ली तक नंगे पैर यात्रा भी की.प्रशासन ने हालात को देखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत लेह जिले में 5 या अधिक लोगों की सभा पर रोक लगा दी है. बिना लिखित अनुमति किसी जुलूस या रैली की इजाजत नहीं दी जाएगी.

आपको बता दें,कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अपेक्स बॉडी लेह और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस से बातचीत कर रही है. इसके लिए हाई पावर्ड कमेटी (High Power Committee) और सब-कमेटी के जरिए कई औपचारिक व अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं. अगली बैठक 6 अक्टूबर को होगी जबकि 25 और 26 सितंबर को भी लद्दाख के नेताओं के साथ चर्चा प्रस्तावित है.

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