लद्दाख का दुख पूरे देश का दुख: खरगे

कांग्रेस के मोदी सरकार से तीखे सवाल

  • कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- जो चीन को क्लीनचिट दे सकते हैं, वो हमारे थरचिन जैसे वीर जवानों के बलिदान का क्या मान रखेंगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लेह-लद्दाख के मौजूदा हालात पर कांग्रेस पार्टी ने तीखे सवाल पूछे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गलवां घाटी में भारत के 20 सैनिकों के बलिदान का जिक्र कर सरकार को घेरा है। दूसरी तरफ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गोलीबारी की न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की है। इन सबके बीच कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दिए जाने के बाद लेह में जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। प्रदेश के ताजा हालात पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखे एक पोस्ट में कहा, लद्दाख का दुख पूरे देश का दुख है।
उन्होंने केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी किए। खरगे ने पूछा, शहीद त्सेवांग थरचिन ने कारगिल युद्ध में भारत माता के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाया बदले में मिला क्या? लद्दाख में मोदी सरकार की गोली । उन्होंने दावा किया, गलवां में जब हमारे 20 वीर जवानों ने लद्दाख के एलएसी पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी, तब स्वयं मोदी ने चीन को क्लीनचिट थमाई थी। तब उन्हें हमारे जांबाजों की वीरता की याद न आई, तो अब क्या खाक आएगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, जो चीन को क्लीनचिट दे सकते हैं, वो हमारे थरचिन जैसे वीर जवानों के बललान का मान क्या
रखेंगे?

वांगचुक के साथ हो रहा व्यवहार निंदनीय: दिग्विजय

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का समर्थन किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं सोनम वांगचुक को लंबे समय से जानता हूं। हाल ही में संसद की स्थायी समिति की यात्रा के दौरान हमने वांगचुक के संस्थानों का दौरा किया। वह एक अद्भुत व्यक्ति हैं और कई प्रतिभाओं से संपन्न हैं। वह एक शिक्षाविद, पर्यावरणविद, कार्यकर्ता और गांधीवादी हैं। उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, वह पूरी तरह निंदनीय है। सोनम वांगचुक को हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल राजस्थान के जोधपुर की जेल में बंद हैं।
वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची के तहत जनजातीय सुरक्षा प्रदान करने की मांग कर रहे थे। दिग्विजय सिंह ने पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा था, सोनम वांगचुक के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाना घोर आपत्तिजनक है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी सोनम वांगचुक के साथ खड़ी है।
गौरतलब है कि लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। पुलिस का आरोप है कि वांगचुक के भडक़ाऊ भाषणों ने प्रदर्शनकारियों को उग्र कर दिया, जिससे हिंसा फैल गई।

कौन अपने ही लोगों पर गोली चलाता है : गीतांजलि अंगमो

जेल में बंद कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने दावा किया कि छठी अनुसूची को लागू करने से बचने और उनके पति के खिलाफ आरोपों का जवाब देते समय किसी को बलि का बकरा बनाने के लिए एक मनगढ़ंत कहानी बनाई गई है। उन्होंने पुलिस पर निशाना साधा और लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जामवाल के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि हम लद्दाख के डीजीपी के बयानों की कड़ी निंदा करते हैं। न केवल मैं, बल्कि लद्दाख में हर कोई इन आरोपों की निंदा करता है। गौरतलब है कि लद्दाख के डीजीपी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने वांगचुक के पाकिस्तान से संबंधों का आरोप लगाया था और पड़ोसी देशों की उनकी यात्राओं पर सवाल उठाए थे। 24 सितंबर की घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, उन्होंने सुरक्षा बलों की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ को गोली चलाने का आदेश किसने दिया? कौन अपने ही लोगों, अपने ही नागरिकों पर गोली चला रहा है? खासकर ऐसे इलाके में जहाँ कभी कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ। अपने पति के इस अशांति में शामिल होने के आरोपों को खारिज करते हुए, उन्होंने कहा कि वांगचुक केवल शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में शामिल थे।

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