संवेदनहीन है राजस्थान सरकार: हनुमान बेनीवाल

- बस अग्निकांड पर बोला तीखा हमला- मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ मिले सहायता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जोधपुर। जैसलमेर के पास मंगलवार को हुए भीषण बस हादसे ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया है। इस दुखद घटना के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल नेजोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और दिवंगतों के परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने मौके पर ही राज्य सरकार की कार्यप्रणाली और संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल उठाए। घायलों की स्थिति का जायजा लेने के बाद सांसद बेनीवाल ने कहा कि इस हादसे में कई निर्दोष लोगों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई और कई गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि दिवंगतों के प्रत्येक आश्रित को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही घायलों का इलाज उच्च स्तरीय अस्पतालों में मुफ्त और समुचित रूप से कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं के पीछे स्पष्ट रूप से लापरवाही और नियमों की अनदेखी है। इसलिए दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। सांसद बेनीवाल ने कहा कि बस ऑपरेटर नियमों की अनदेखी करते हुए गैर-अधिकृत तरीके से बसों को स्लीपर या एसी में परिवर्तित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की व्यापक जांच होनी चाहिए और ऐसे सभी ऑपरेटरों पर कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने परिवहन नियमों का उल्लंघन किया है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार पर सवाल खड़े कर कहा कि इस घटना से एक दिन पहले जब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की पत्नी पाली में बीमार हुईं तो सरकार ने उनके लिए हेलीकॉप्टर भेज दिया, मगर इस बस हादसे में गंभीर रूप से झुलसे हुए नागरिकों को जोधपुर या जयपुर तत्काल एयरलिफ्ट करके लाने की आवश्यकता थी। जैसलमेर में सैन्य हवाई अड्डे पर सेना के हेलीकॉप्टर तथा चार्टर प्लेन भी थे, मगर मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को इस आगजनी में झुलसे नागरिकों को एयरलिफ्ट करने का विचार तक नहीं आया और पांच घंटे तक झुलसे हुए नागरिक तड़पते रहे, तब जाके वो जोधपुर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह असंवेदनहीन हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री पर भी साधा निशाना
बेनीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि वे ‘भुलक्कड़ मंत्री’ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आगजनी की घटना के दौरान मंत्री नौ घंटे तक सोते रहे और 17 घंटे बाद पहुंचे। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे गैर-जिम्मेदार मंत्री से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की उम्मीद कैसे की जा सकती है।



