मैं शक्तिहीन सीएम : उमर

- जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप एक साल पूरे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया। हालांकि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कराने का उनका वादा अब भी पूरा होता नजर नहीं आता जो कि उनके प्रमुख चुनावी वादों में से एक था। अब्दुल्ला ने पिछले साल 16 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की थी जो लगभग एक दशक में पार्टी की पहली जीत थी। अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अधिकतर वादे अब भी अधूरे हैं।
मुख्यमंत्री अक्सर अपनी सरकार की सीमाओं के लिए निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल के बीच शक्तियों के विभाजन को जिम्मेदार ठहराते हैं। पिछले एक साल में सरकार के सामने आई कई चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका था और इसने घाटी में पर्यटन को बहुत नुकसान पहुंचाया। श्रीनगर में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक गंभीर बात कही। कुछ फाइलें वापस नहीं आतीं। कुछ गायब हो जाती हैं। शक्तिहीनता की यह स्वीकारोक्ति पिछले साल विधानसभा के लिए अब्दुल्ला के चुनावी भाषणों से बिल्कुल अलग थी।
आज मैं एक केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं
बख्शी स्टेडियम में एक आधिकारिक समारोह को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, पिछली बार जब मैं यहां खड़ा था, तब मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारे पास एक विधानसभा थी जो निर्णय लेती थी, और एक मंत्रिमंडल था जो उन्हें लागू करता था। हमारे पास अपना झंडा, अपना संविधान, अपने कानून थे। उन्होंने आगे कहा कि आज, मैं एक केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री हूँ। मंत्रिमंडल के निर्णय पारित होते हैं, लेकिन कई स्वीकृत नहीं होते।



