बिहार में ’जननायक‘पर जुबानी जंग जारी

सभी दल अपने-अपने बड़े नेताओं का कर रहे हैं महिमामंडन

आरजेडी और जदयू के पोस्टरों से सियासी जंग
भाजपा राजद पर बोला करारा हमला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में चुनावी प्रचार में तेजी आ गई है। सभी दल अपने-अपने बड़े नेताओं को जननायक बताने में जुटें हंै वहीं पटना में आरजेडी और जदयू के पोस्टरों से सियासी जंग छिड़ गई है। ‘सुशासन’ की बात करने वाली जदयू अब नीतीश कुमार को जनसेवक के रूप में पेश कर रही है। वहीं, आरजेडी ने तेजस्वी को बिहार का नायक (जननायक) बताया है।
तेजस्वी को ‘जननायक’ बताने पर एनडीए ने आपत्ति जताई है। इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी और राजनाथ सिंह बिहार के अलग-अलग इलाकों में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैली और जनसभाएं करेंगे। शाह एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में दरभंगा, समस्तीपुर और बेगूसराय जाएंगे। जबकि राहुल गांधी मुजफ्फरपुर और दरभंगा में दो कार्यक्रमों में राजद के तेजस्वी यादव के साथ शामिल होंगे। राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को दरभंगा, बेगूसराय, समस्तीपुर, सारण, सीवान, पटना, भोजपुर और बक्सर में जनसभाएं करेंगे।

तेजस्वी को जननायक बनने में वक्त लगेगा : सिद्दीकी

राजद के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा- अभी तेजस्वी को जननायक बनने में वक्त लगेगा। वे लालू प्रसाद की विरासत हैं। उनकी राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने राहुल गांधी को ‘जननायक’ कहा था। जिस पर विवाद भी हुआ। तब प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि कुछ लोग जनता द्वारा कर्पूरी ठाकुर को दी गई ‘जननायक’ की उपाधि को चुराने की कोशिश कर रहे हैं।

तेजस्वी को लेकर सवाल क्यों पूछते हैं : तेजप्रताप

तेजप्रताप यादव से जब तेजस्वी यादव के मेनिफेस्टो के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पत्रकारों से ही सवाल पूछ दिया। तेजप्रताप ने कहा कि, हमसे तेजस्वी यादव के बारे में क्यों सवाल पूछते हैं।

बिहार का असली जननायक गांव-गरीब, किसान और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला आम आदमी है : मुख्तार अब्बास नकवी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि उनका झालर शॉर्ट सर्किट के झटके में फंस चुका है। इसीलिए, अब कुछ नहीं होने वाला है। बिहार की जनता सबक सिखाने के लिए तैयार है। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि महागठबंधन में फाइट चल रही है। दूसरी ओर एक बार फिर से ये लोग बिहार के मुसलमानों को वोटों का पंचिंग बैग बनाने की कोशिश करने वाले हैं। विकास के नाम पर वोट मांगने वाले विकास नहीं करते हैं। अब मुसलमानों को आगे बढक़र इन्हें झटका देना चाहिए। उन्होंने जननायक विवाद पर कहा कि बिहार का असली जननायक गांव-गरीब, किसान और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला आम आदमी है। बिहार का असली जननायक वह व्यक्ति है, जो ऐतिहासिक हकीकत से जुड़ा है और पूरे देश में विश्वास की अलग लहर जगाई है। राहुल गांधी फर्जी जननायक बनकर फर्जी वादों में लगे रहेंगे तो फायदा नहीं होगा। सामंती सुल्तान से जननायक बनने के लिए कई जन्म लेने पड़ेंगे। वक्फ कानून पर राजद नेताओं के बयान पर उन्होंने कहा कि यह आस्था के संरक्षण के लिए है। जिनकी दुकान चल रही थी, उनके पेट में दर्द हो रहा है। कानून फाडऩे के लिए नहीं, बल्कि मजबूती से जमीन पर उतारने के लिए होता है।

बावनकुले के विवादित बयान पर महाराष्ट्र में मचा घमासान

बीजेपी नेता ने अजगर से की उद्धव ठाकरे की तुलना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने ठाकरे की तुलना अजगर से करके नया विवाद पैदा कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की।
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, मुंबई को तो निगला है उद्धव ठाकरे जैसे अजगर ने. यह घर में बैठे है, रात में दिनभर सोता है और खाता है. इन्होंने पूरे मुंबई को खा डाला है. अमित भाई (अमित शाह) ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारे देश से आतंकवाद खत्म करने के लिए प्रयत्न किया, माओवाद खत्म करने के लिए जिस प्रकार से काम किया है।
उन्होंने आगे कहा, हमारे मोदी साहब 11 सालों में देश को कहां से कहां ले गए. आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा है, उनको अगर एनाकोंडा कहेंगे तो, एनाकोंडा अजगर तो यह लोग हैं, इन्होंने 40 साल मुंबई खा डाली है. उद्धव ठाकरे तो ऐसे अजगर हैं, इन्होंने तो खुद की पार्टी भी नहीं रखी, वह भी खा ली. शिवसेना के हक को भी खा लिया। चंद्रशेखर बावनकुले के अलावा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मंगलवार को उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए उनकी तुलना एक ऐसे एनाकोंडा से की। उन्होंने कहा कि एनाकोंडा की भूख कभी खत्म नहीं होती और जो मुंबई के खजाने पर कुंडली मारकर बैठा हुआ है।
बावनकुले ने कहा, किसी को गलत बोलने से वोट नहीं मिलते. लीडरशिप को प्रूव करने की बात है। लीडरशिप चुनाव में प्रूव होती है. आने वाले चुनाव में मुंबई में ये घर जाने वाले हैं और 51 फीसदी की लड़ाई हम जितने वाले हैं. हमारे एलयांस जितने वाली है। इसीलिए इन्होंने अभी से गाली देकर साख बचाने की कोशिश की है।

भाजपा कार्यालय की जमीन आवंटन में अनियमितता : रोहित

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (एनसीपी-एसपी) नेता रोहित पवार ने आरोप लगाया कि दक्षिण मुंबई में भारतीय जनता पाटी की महाराष्ट्र इकाई के नए मुख्यालय के लिए भूमि हस्तांतरण सहित कई शर्तों का उल्लंघन किया गया है। पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि अधिकारियों ने कई अनियमितताओं को केवल इसलिए नजरअंदाज कर दिया क्योंकि जमीन का इस्तेमाल बीजपी कार्यालय के लिए किया जा रहा है। एनसीपी (एसपी) के महासचिव ने कहा कि उन्होंने पार्टी प्रतिनिधियों के साथ बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त भूषण गगरानी से मुलाकात की और इस मामले पर विस्तृत चर्चा की। पवार ने कहा, हमने अपने सभी प्रश्नों और आपत्तियों को सूचीबद्ध करते हुए एक ज्ञापन सौंपा. आयुक्त ने हमें आश्वासन दिया है कि जल्द ही एक लिखित स्पष्टीकरण दिया जाएगा और हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले ने प्रशासन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने भूमि आवंटन प्रक्रिया की गहन जांच की मांग की। एनसीपी (एसपी) नेता ने लिखा, यह मामला बहुमूल्य सार्वजनिक भूमि से जुड़ा है और नागरिकों को सच्चाई जानने का हक है।

उद्धव ठाकरे ने अमित शाह को एनाकोंडा बताया

बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एनाकोंडा कहा था, जो मुंबई को निगलना चाहता है, इसके बाद उनपर महायुति के नेता जमकर पलटवार कर रहे हैं।

मोंथा ने आंध्र व ओडिशा में मचाया कोहराम, एक की मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास आंध्र प्रदेश के तट से गुजरने के बाद बुधवार सुबह विजयवाड़ा शहर में तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, कई पेड़ उखड़ गए जबकि कई सडक़ें जलमग्न हो गईं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
आईएमडी की ओर से बुधवार सुबह पांच बजे जारी बुलेटिन में कहा गया है कि तट पार करने के बाद चक्रवात पिछले छह घंटे के दौरान उत्तर-पश्चिमी दिशा में 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा और धीमा पड़ गया। एक के मरने की खबर है। ताजा अवलोकन से संकेत मिलता है कि भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने (28 अक्टूबर की रात 11:30 बजे से 29 अक्टूबर की रात 12:30 बजे के बीच) आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र को पार किया। तट से गुजरने की प्रक्रिया लगभग पांच घंटे तक चली, जो मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे शुरू हुई और देर रात 12:30 बजे पूरी हुई। देर रात 2:30 बजे तक ‘मोंथा’ विशाखापत्तनम से 230 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। मौसम विभाग ने कहा, संभावना है कि यह उत्तर-पश्चिम दिशा में आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा और अगले छह घंटे के दौरान प्रचंड अवस्था में रहेगा, उसके बाद के छह घंटे के दौरान धीमा पडक़र गहन दाबक्षेत्र में तब्दील हो जाएगा।
इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि कोनासीमा जि़ले के मकानगुडेम गाँव में तेज़ तूफ़ान में एक पेड़ उखडक़र उसके ऊपर गिर जाने से एक महिला की मौत हो गई।

भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को झटका

अदालत ने शराब घोटाले में जमानत याचिका खारिज की

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। रायपुर की विशेष प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएल) अदालत ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। चैतन्य बघेल 18 जुलाई से न्यायिक हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें शराब कारोबार से जुड़ी अनियमितताओं और अवैध कमाई को सफेद धन में बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
ईडी का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने शेल कंपनियों और रियल एस्टेट निवेशों के ज़रिए घोटाले की रकम को छिपाने की कोशिश की। एजेंसी के अनुसार, यह पूरा शराब घोटाला करीब 2,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें राजनेता, नौकरशाह और निजी कंपनियां मिलीभगत कर राज्य के आबकारी सिस्टम में हेराफेरी कर रही थीं, ईडी की केस फाइल में डिजिटल साक्ष्य, वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड और आबकारी विभाग से जुड़े कई लोगों के बयान शामिल हैं एजेंसी ने इस मामले में पहले ही विस्तृत आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर दिया है। सुनवाई के दौरान चैतन्य बघेल की कानूनी टीम ने दलील दी कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की जा रही है और कोई ठोस सबूत नहीं है जो उन्हें मनी ट्रेल से जोड़ता हो। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि जांच अभी अहम चरण में है और जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस आधार पर अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी । इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को भी गर्मा दिया है. सत्ता में काबिज भाजपा ने कांग्रेस पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है. फिलहाल चैतन्य बघेल न्यायिक हिरासत में रहेंगे, जबकि ईडी इस बहु-करोड़ शराब घोटाले की जांच आगे बढ़ा रही है, जिसे हाल के वर्षों में राज्य का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला माना जा रहा है।

एक बार फिर महाराष्ट्र में किसानों ने उड़ाई भाजपा की नींद

कर्जमाफी और फसलों के उचित मूल्य की मांग पर आंदोलन तेज, नागपुर बॉर्डर पर रोका, सीएम के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में किसान कर्ज माफी की मांग को लेकर एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं किसान यलगार मार्च निकाल रहे हैं. प्रदर्शन के बीच नागपुर से हैदराबाद, नागपुर से जबलपुर और रायपुर जाने वाली सडक़ें मंगलवार (28 अक्टूबर) की शाम 5.00 बजे से ही जाम कर दी गई हैं। सडक़ों पर हजारों वाहन फंसे हैं।
महाराष्ट्र में किसान आंदोलन प्रहार जन शक्ति पार्टी के नेता और भूत पूर्व मंत्री व विधायक बच्चू कड़ू के नेतृव में हो रहा है. उनकी पार्टी भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। बच्चू कडू के नेतृत्व में किसानों का नागपुर तक यलगार मार्च निकाला जा रहा है।आंदोलनकारी किसान अमरावती से चलकर नागपुर तक पहुंचे हैं.
इस मार्च को पुलिस ने नागपुर के बॉर्डर पर रोका है और नागपुर में सीएम के घर की सुरक्षा बढ़ा दई गई है। किसानों की मांग है कि उनका कर्ज माफ किया जाए, फसलों के नुकसान की भरपाई हो और फसलों की कीमत एमएसपी से 20 प्रतिशत बढ़ाकर दी जाए।

मांगें पूरी होने तक नहीं छोड़ेंगे नागपुर : बच्चू कडू

भूत पूर्व मंत्री व विधायक बच्चू कड़ू ने आंदोलन से पहले कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राजस्व मंत्री और 38 विभागों के सचिवों के साथ बैठक के लिए निमंत्रण मिला है। कडू ने कहा था कि वह अपने समर्थकों के साथ चर्चा के बाद बैठक में भाग लेने के बारे में निर्णय लेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि केवल बातचीत के वादे पर आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि जब तक सरकार किसानों को पूर्ण ऋण माफी प्रदान करने के लिए ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक प्रदर्शनकारी नागपुर नहीं छोड़ेंगे।

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