परमाणू युद्ध में बदलता व्यापार का युद्ध…

  • खतरे में दुनिया, भारत ने बढ़ाई सर्तकता
  • ट्रंप ने दी शिनपिंग के साथ मीटिंग से पहले एटमबम धमाके की धमकी
  • रूस-चीन दोस्ती को तोडऩा चाहता है अमेरिका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। रात के सन्नाटे में ट््रूथ स्पेशल पर अमेरिकन प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप की एक पोस्ट से पूरी दुनिया में तहलका मच गया है। ट्रंप ने एक लाइन में वो कह दिया है जो दशकों से दुनिया कहने से डरती रही है। ट्रंप ने बताया है कि मैंने परमाणु हथियारों की टेस्टिंग का आदेश दिया है। उनका यह बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप दक्षिण कोरियाई बंदरगाह शहर बुसान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर रहे हैं। ट्रंप की इस पोस्ट ने विश्व स्तर पर हलचल मचा दी है। वाशिंगटन से लेकर वुहान तक और दिल्ली से टोक्यो तक खुफिया एजेंसियों की सासें थम गयी हैं। क्योंकि यह महज ट्वीट नहीं हैं। यह संकेत व्यापार युद्ध से शीतयुद्ध की शुरूआत का है। राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा है कि अमेरिका के पास दुनिया के सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं और मैंने अपने पहले कार्यकाल में इनका नवीनीकरण किया था और अब समय आ गया है कि हम उनका परीक्षण भी करें।

क्यो दिया ऐसा आदेश

रूस और चीन ने हाल ही में एक साझा रक्षा समझौता किया है। इस रक्षा समझौते से वाशिंगटन की नींद उड़ चुकी है। समझौते के बाद ही ट्रंप ने आनन—फानन में शी जिनपिंग से मुलाकात का प्रोग्राम बनाया है। अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक ट्रंप के इस आदेश के तीन मकसद हैं। वह चीन को मनोवैज्ञानिक दबाव में डालना चाहते हैं। चीन बीते पांच सालों से अपने परमाणु शस्त्रागार को तीन गुना बढ़ा चुका है। अमेरिका ये संदेश देना चाहता है कि तुम्हारे हर कदम पर हम तीन कदम आगे हैं। प्रेसीडेंट ट्रंप ने खुद कहा है कि आज अमेरिका के पास भले ही दुनिया का सबसे ज्यादा न्यूक्लियर भंडार है लेकिन पांच साल में चीन अमेरिका को इसमें भी पछाड़ देगा। वह चीन को रोकना चाहते हैं। उनका दूसरा मकसद रूस को चेतावनी देना है और उसे बताना है कि रूस — चाइना दोनों के गठजोड़ का जवाब देने के लिए हम तैयार हैं। तीसरा और सबसे बड़ा उनका मकसद अमेरिका की आंतरिक राजनीति में ताक़त दिखाना माना जा रहा है। ट्रंप फिर से व्हाइट हाउस की दौड़ में हैं। उनके लिए ये परमाणू बयानबाज़ी अमेरिकी मतदाताओं में स्ट्रॉन्ग लीडर इमेज बनाने का तरीका है। ट्रूथ सोशल पर उनका यह पोस्ट रिपब्लिकन वोट बैंक में देशभक्ति की आग भड़काने के लिए काफी है।

एशिया में नयी हथियार दौड़

भारत के लिए ट्रंप की यह टेस्टिंग पालिसी दोनों तरह की चुनौती है। एक तरफ़ अमेरिका भारत का स्ट्रैटेजिक पार्टनर है तो दूसरी तरफ उसके इस कदम से वैश्विक निरस्त्रीकरण समझौते को सीधा झटका लगता है जिसका भारत नैतिक समर्थन करता रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ट्रंप की टेस्टिंग शुरू होती है तो पाकिस्तान और चीन दोनों समान प्रतिक्रिया के तहत अपने हथियारों की क्षमता दिखाने की कोशिश करेंगे। और इसका मतलब होगा एशिया में नई हथियारों की दौड़।

क्या वकाई टेस्ट होगा

वाशिंगटन में पेंटागन चुप है लेकिन अमेरिकी मीडिया में लीक खबरें कह रही हैं कि नेवादा टेस्ट साइट पर कोल्ड-रन शुरू हो चुका है यानी मॉक ट्रायल बिना विस्फोट के। वहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका ने अगर टेस्ट किया तो चीन अपनी नई पीढ़ी की परमाणु मिसाइलें जारी करेगा। दुनिया एक बार फिर दो ध्रुवों में बंटती दिख रही है और भारत बीच में खड़ा वह शांत मध्यस्थ जो जानता है कि कोई भी गलती दुनिया के नक्शे को हमेशा के लिए बदल सकती है। क्योंकि अगर परमाणु परीक्षण का रीसेट बटन दबा तो यह केवल अमेरिका और चीन की भिड़ंत नहीं होगी बल्कि यह मानव सभ्यता की आत्मा पर वार होगा। भारत को अपनी परमाणु नीति, कूटनीति और ऊर्जा नीति तीनों को एक साथ अपडेट करना होगा। क्योंकि अगर महाशक्तियां अपने अतीत के विस्फोटों में लौट रहीं हैं तो दक्षिण एशिया को भविष्य के लिए तैयार रहना होगा।

भारत का एंगल- मौन तैयारी या रणनीतिक चुप्पी?

भारत ने अभी तक ताजा हलचल पर अपनी औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन दक्षिण ब्लाक में हलचल बढ़ चुकी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तात्कालिक मीटिंग बुलाई और चीन की संभावित प्रतिक्रिया और अमेरिका की टेस्टिंग पॉलिसी पर चर्चा की । साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की गश्त बढ़ाई जा चुकी है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने भी सैटेलाइट मॉनिटरिंग को सक्रिय अलर्ट मोड पर रखा है। क्योंकि अगर ट्रंप के टेस्ट का असर रेडियोएक्टिव स्तर तक पहुंचा है तो उसका असर भारत की वायुमंडलीय स्थिति तक महसूस हो सकता है। यह केवल अमेरिका बनाम चीन का मामला नहीं है। यह परमाणु व्यवस्था के पुनर्गठन की शुरुआत है। भारत को अब यह तय करना होगा कि वह साइलेंट ऑब्जर्वर रहेगा या रेस्पॉन्सिव प्लेयर।

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