बिहार में प्रचार अभियान चरम पर, लगा दिग्गजों का जमावड़ा
पीएम मोदी, राहुल, शाह, नड्डा का चुनावी शंखनाद

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर प्रहार
भाजपा नेता मोदी का भी पलटवार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान चरम पर पहुंचने लगा है। राहुल के छठ मैया व पीएम मोदी वोट के लिए कुछ भी कर सकते है के बयान पर मोदी ने पलटवार किया। उधर महागठबंधन का भाजपा पर प्रहार जारी है। वहीं बृहवतिवार को प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी, अमित शाह और जे पी नड्डा राज्य में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं। यह शीर्ष नेताओं का सघन दौरा राजग और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए चुनावी माहौल को गरमाने तथा मतदाताओं को लुभाने की रणनीतिक कोशिश है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा बृहस्पतिवार को बिहार में कई जनसभाएं करेंगे। मोदी मुजफ्फरपुर और सारण जिलों में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री ने 24 अक्टूबर को समस्तीपुर और बेगूसराय में रैलियों को संबोधित करके बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रचार अभियान की शुरुआत की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘बिहार के मेरे परिवारजन भाजपा-राजग को प्रचंड जीत दिलाने के लिए खुद चुनाव मैदान में हैं।

कांग्रेस और राजद के लोग छठी मैया का अपमान कर रहे हैं : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आपने देखा है कि आपका बेटा तो छठी मैया का जय जयकार पूरी दुनिया में कराने में लगा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और राजद के लोग छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। आप मुझे बताइए क्या कोई कभी चुनाव में वोट के लिए छठी मैया का अपमान कर सकता है? क्या बिहार यह अपमान सहन करेगा? राजद और कांग्रेस वाले कैसी बेशर्मी से बोल रहे हैं? उनके लिए छठी मैया की पूजा नौटंकी और ड्रामा है। वह छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। जो भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं? जो 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं, उन्हें कांग्रेस और राजद वाले ड्रामा कहते हैं। यह हर उस व्यक्ति का अपमान है, जो छठी मैया में आस्था रखता है। छठ मैया के इस अपमान को बिहार सैकड़ों वर्षों तक भूलने वाला नहीं है। सैकड़ों वर्षों तक इस अपमान को छठी मैया का पूजा करने वाला नहीं भूलेगा।
नीतीश की सरकार का रिमोट मोदी-शाह के हाथ में : राहुल गांधी
सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि ये मत सोचिए कि नरेंद्र मोदी आपके प्रधानमंत्री हैं। नहीं, नरेंद्र मोदी अम्बानी और अडानी के औजार हैं। नोटबंदी, जीएसटी और एक रुपये में जमीन देने जैसे फैसले उन्हीं के हित में लिए गए हैं। मोदी सरकार देश के गरीबों के नहीं, पूंजीपतियों के लिए रास्ता बना रही है। राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप सोचते हैं कि बिहार की सरकार नीतीश कुमार चलाते हैं तो गलत सोचते हैं। बिहार की सरकार को रिमोट से मोदी और शाह चलाते हैं। वे जो चाहते हैं वही होता है। आने वाली महागठबंधन सरकार हर जाति और धर्म के लोगों की सरकार होगी।
बिहार पर कब्जा करना चाहते हैं : तेजस्वी यादव
राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि अमित शाह कहते हैं कि बिहार में कारखाना नहीं लग सकता क्योंकि यहां भूमि की कमी है। मैं पूछता हूं, जब लालू जी रेल मंत्री थे, तब क्या भूमि की कमी थी? उन्होंने तो बिहार में तीन-तीन कारखाने लगाए थे। असल में ये लोग काम नहीं करना चाहते, बल्कि बिहार पर कब्जा करना चाहते हैं। तेजस्वी ने आगे कहा हम अमित शाह जी से कहना चाहते हैं बिहार को बिहार का लाल ही चलाएगा, कोई बाहरी नहीं।
आरोप तय करने में होने वाली देरी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
पूरे देश में 60 दिनों के भीतर आरोप तय करने केअहम निर्देश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मुकदमों में आरोप तय करने में अत्यधिक देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 251(बी) में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिन मामलों की सुनवाई विशेष रूप से सेशन कोर्ट की ओर से की जानी है, उनमें पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाने चाहिए।
अदालत ने इस बारे में पैन इंडिया निर्देश जारी करने का संकेत दिया है ताकि समयसीमा में आरोप तय किए जा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि इस तरह की देरी आपराधिक मामलों की कार्यवाही (प्रोसिडिंग्स) में ठहराव के प्रमुख कारणों में से एक है। अदालत ने कहा कि उसका यह विचार है कि पूरे देश में कुछ निर्देश जारी किए जाने चाहिए ताकि इस वैधानिक आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके।अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से अनुरोध किया कि वे इस मामले में अमाइकस क्यूरी (कोर्ट सलाहकार) के रूप में सहायता करें। कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल से भी सहायता मांगी, क्योंकि वह इस तरह की देरी से निपटने के लिए देशव्यापी निर्देश जारी करने पर विचार कर रही है। जस्टिस अरविंद कुमार की अगुवाई वाली बेंच एक आपराधिक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता के वकील ने यह मुद्दा उठाया कि अभियुक्त को दो वर्ष से हिरासत में रखा गया है, फिर भी अब तक आरोप तय नहीं किए गए। इस पर अदालत ने पूछा कि नागरिक और आपराधिक दोनों प्रकार के मामलों में लगातार देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा आरोप तय करने में वर्षों क्यों लगते हैं? दीवानी मामलों में मुद्दे तय नहीं होते, और आपराधिक मामलों में आरोप तय नहीं होते। हमें यह जानना है कि कठिनाई क्या है, अन्यथा हम पूरे देश के सभी न्यायालयों के लिए निर्देश जारी करेंगे। हम ऐसा करने का प्रस्ताव रखते हैं। बिहार राज्य के वकील ने कुछ दिशा-निर्देश जारी करने की वकालत की, यह कहते हुए कि आरोपपत्र दाखिल करने और आरोप तय करने के बीच अक्सर काफी देरी होती है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा
स्पीकर से नाराज हुए भाजपा विधायक, नेकां एमएलए से भिड़े
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर विधानसभा के अंदर गुरुवार (30 अक्टूबर) की सुबह ही जोरदार हंगामा हो गया। बीजेपी की ओर से लगातार सदन में बाढ़ राहत पर चर्चा की मांग की जा रही थी, लेकिन स्पीकर ने इनकार कर दिया। इस बार से नाराज बीजेपी के विधायक वेल में पहुंच गए और हंगामा बढ़ता चला गया. सदन में धक्का-मुक्की होने लगी और सुरक्षाकर्मियों को मौके पर स्थिति संभालने आना पड़ा।
जम्मू कश्मीर में कुछ समय पहले बड़ी त्रासदी आ गई थी. बाढ़ से केंद्र शासित प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ था। इसी को लेकर बीजेपी विधायक ने इच्छा जताई थी कि विधानसभा में बाढ़ राहत को लेकर चर्चा हो, लेकिन स्पीकर ने ऐसी चर्चा से मना कर दिया। इसके बाद बीजेपी विधायक विरोध दर्ज कराने के लिए अपनी कुर्सी छोड़ नीचे आ गए। जब विधायक वेल में आने लगे, तो बीजेपी और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के विधायकों में नोकझोंक शुरू हो गई और फिर मार्शल को बचाव में आना पड़ा। उन्हें विधायकों को सदन से बाहर निकालना पड़ा. इसका वीडियो भी सामने आया है। बीजेपी विधायकों द्वारा स्पीकर के फैसले के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी गई।
नगर निगम के हालात बिगड़े कामकाज पर खींचतान तेज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में नगर निगम के कामकाज पर खींचतान तेज हो गई है। एक ओर महापौर और दूसरी ओर नगर आयुक्त के बीच मतभेदों का असर अब सीधे विकास कार्यों पर दिखाई देने लगा है। जनता परेशान है। जगह-जगह कूड़े के अंबार, सडक़ों पर गंदगी, और बेतरतीब रोड़े शहर की खूबसूरती को धूमिल कर रहे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है मानो नगर निगम के भीतर कोई भूचाल आ गया हो, जिसकी मार सीधे आम नागरिकों पर पड़ रही है। कार्यकारणी की बैठक में कोई भी किसी तरह का जनता के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई पिछली कार्यकणी के जिन मुद्दों पर चर्चा होनी थी उसमें से किसी भी एक मुद्दे पर बात नहीं हुई और कार्यकारणी स्थगित हो गई।
लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए एसआईआर खतरा: स्टालिन
बोले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री- दो नवंबर को आयोजित है बैठक, सभी दल शामिल हों
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्न्ई। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर दो नवंबर को होने वाली सर्वदलीय बैठक लोकतंत्र को सुरक्षित रखने का एक प्रयास है और सभी दलों को राजनीतिक मतभेद भुलाकर इसमें शामिल होना चाहिए। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके सहयोगी एसआईआर का विरोध करते रहे हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में तमिलनाडु सहित अन्य चुनाव वाले राज्यों में अगले महीने से पुनरीक्षण लागू करने की घोषणा के बाद सरकार ने आगे की कार्रवाई तय करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। (भाजपा) इस अभ्यास के माध्यम से तमिलनाडु के लोगों के मतदान के अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, मैं इस मंच से दोहराता हूं कि मतदान लोकतंत्र का आधार है। हम इसे किसी भी कीमत पर कुर्बान नहीं करेंगे। हम मतदान के अधिकार छीनने और वोट चोरी जैसे भाजपा के प्रयासों पर काबू पाएंगे और तमिलनाडु के लोगों के मतदान के अधिकार की रक्षा करेंगे। स्टालिन ने कहा कि केरल हमारे साथ जुड़ गया है, उनका स्पष्ट संदर्भ उस राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के एसआईआर के विरोध से था। प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक के बारे में स्टालिन ने कहा, लोकतंत्र की रक्षा के उद्देश्य से किए जा रहे इस प्रयास में सभी राजनीतिक दलों को अपने राजनीतिक मतभेद भुलाकर भाग लेना चाहिए।



