आरएसएस-बीजेपी की वजह से देश की कानून व्यवस्था हो रही खराब: खरगे

- कांग्रेस अध्यक्ष ने की संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग पीएम मोदी को लिखा पत्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर उन्हें याद करते हुए खरगे ने कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। खरगे से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा था कि आज भी किसी सरदार की जरूरत है जो फिर से उस विचारधारा पर प्रतिबंध लगाए जिससे बीजेपी का जन्म हुआ।
अखिलेश के बयान को लेकर पूछे जाने पर खरगे ने कहा कि मेरी निजी राय है कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्यूंकि देश में ज्यादातर कानून व्यवस्था की समस्याएं बीजेपी-आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं। आरएसएस प्रमुख गोलवलकर को लिखे सरदार पटेल के पत्र का हवाला देते हुए खरगे ने कहा कि अपने पत्र में सरदार पटेल ने जिक्र किया कि गांधी की हत्या के बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और मिठाई बांटी। आरएसएस और हिंदू महासभा की गतिविधियों के कारण देश में बने माहौल के परिणामस्वरूप गांधी की हत्या हुई। इन वजहों से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।
खरगे ने कहा कि 1964 में बनी नियमावली के तहत सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस और जमात ए इस्लामी जैसे संगठनों की गतिविधियों में शामिल होने पर भी पाबंदी लगाई थी। जिसे संशोधित कर जुलाई 2024 में मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में सक्रिय होने की अनुमति दे दी। खरगे ने इस संशोधन को वापस लेने और फिर से आरएसएस से जुड़ी पाबंदी लगाए जाने की माँग की।
खरगे के आरएसएस को लेकर दिए बयान पर भाजपा भड़की
खरगे के आरएसएस को लेकर दिए बयान के जवाब में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति पर पूरे देश को जेलखाना बना देने वाली यह कांग्रेसी मानसिकता द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात करना कोई पहला अवसर नहीं है। पहले भी इन लोगों ने अपनी सत्ता और तुष्टिकरण की राजनीति को बचाए रखने के लिए आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की है। ये वही लोग है, जो पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों को अपनी राज्य सरकारों के दौरान बढ़ावा देते हैं। वहीं दूसरी तरफ संघ के खिलाफ हमेशा जहर उगलने का काम करते हैं। मगर संघ मां भारती की सेवा में निरंतर आगे बढ़ता रहा है। ऐसी कांग्रेसी धमकियों के बावजूद आरएसएस ने अपने गौरवशाली 100 वर्षों की राष्ट्रसेवा की यात्रा पूरी की है, जिसका साक्षी पूरा देश है।



