बीच चुनाव में बीजेपी के लिए उतर पड़े ज्ञानेश, वोटचोरी का खेल खुल गया

दोस्तों, बिहार चुनाव के पहले फेज में ही इलेक्शन चीफ ज्ञानेश कुमार जी बुरी तरह से एक्सपोज हो गए हैं और एक बार फिर से बीजेपी के साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों, बिहार चुनाव के पहले फेज में ही इलेक्शन चीफ ज्ञानेश कुमार जी बुरी तरह से एक्सपोज हो गए हैं और एक बार फिर से बीजेपी के साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि जैसे ही ये खबर वायरल हुई है बिहार में ज्ञानेश कुमार के खिलाफ सरेआम नारे लगने लगे हैं और ये सवाल सरेआम उठा रहा है कि क्या ज्ञानेश बीजेपी की बी टीम के रुप में कार्य कर रहे हैं। ज्ञानेश कुमार जी कैसे बीजेपी की बी टीम के रुप में एक्सपोज हुए है और ये सवाल कौन और उठा रहा है, ये हम आपको आगे अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं।

दोस्तों, बिहार विधान सभा का चुनाव के प्रथम फेज यानि कि 121 विधान सभाओं के लिए वोटिंग हुई है। पूरा दिन चुनाव आयोग पर सवाल उठते दिखे हैं। कहीं ईवीएम खराब हो गई तो कही मतदान करने के लिए लोगों को रोका जा रहा है। दानापुर में तो लोगों को मतदान के लिए पूरी तरह से रोक दिया गया। इसके अलावा मुजफ्फरपुर में लोगों कुछ लोगों का वोट किसी ने दूसरे ने डाल दिया। कई जगहों से इस तरह की भी खबरें आईं कि चुनाव में नई इलेक्ट्रानिक पर्ची की वजह से लोगों को काफी दिक्कतें हुई लेकिन इस सबके तीन खबरें सबसे ज्यादा चर्चा में रही है। पहली ये कि डिप्टी सीएम जब गांव में गए तो उनके खिलाफ कुछ लोगों ने नारे बाजी की और उनको वापस जाने की बात कही लेकिन जब डिप्टी सत्ता के गुरुर और ज्ञानेश जी के बल पर अकडने लगे तो जनता ने उनको सबक सिखाया और और उनकी गाड़ी पर गोबर फेंक दिया और पूरे मामले को आगे बढ़ाने के लिए डिप्टी सीएन ने नया गेम खेल दिया।

देखा आपने कि कैसे जेन जी प्रदर्शन कर रहे थे, उनकी सीधी सी मांग थी कि रोड नहीं वोट नहीं। मतलब कि अगर वोट चाहिए तो रोड बनवाइए, पांच साल में कुछ नहीं हुआ। बाद में पुलिस ने उन पर कार्रवाई और चेकिंग शुरु कर दी जिसपर जेन जी का गुस्सा भड़क उठा तो गोबर किसी ने फेेंक दिया। हालांकि वीडियो में ये साफ नहीं हो सका कि गोबर किसने फेंका लेकिन सच में यह बात गलत थी लेकिन सवाल यह भी कि रोड के नाम पर क्यों डिप्टी सीएम जी इनता चिढ़ गए अगर डिप्टी सीएम और उनकी सरकार ने पांच साल काम किया होता तो जरुर उनको जनता का समर्थन मिलता क्योंकि डिप्टी सीएम ने कोई काम नहीं किया और जनता से जब उनका सामना हुआ तो जेन जी ने विरोध किया । आपको बता दें कि इस विरोध को दबाने के लिए जेन जी युवाओं को राजद के गुंडे कहा गया और और खुद डिप्टी सीएम ने उनकी छाती पर बुलडोजर चलवाने की धमकी दे दी है।

सुना आपने कि कैसे डिप्टी सीएम साहब की भाषा बदल गई है लेकिन आपको बता दें कि ये बात यही नहीं खत्म हुई। डिप्टी सीएम का विरोध होेते ही चीफ इलेक्शन कमिशन ज्ञानेश जी अचानक जाग गए, एक ओर जहां अनंत सिंह पर मर्डर का एफआईआर होने के 48 घंटे बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी लेकिन जब डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का मामला समाने आया तो तुंरत की ज्ञानेश की नींद टूटी और तुरंत सड़क की मांग करने वाले जेन जी पर कार्रवाई का आदेश जा कर दिया गया है।

खबर देखिए खबर मौजदू है… हिंदुस्तान ने अपनी खबर में साफ-साफ लिखा है कि… जीएफएक्स इन
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गुरुवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा राजद समर्थकों द्वारा उनके काफिले पर हमले का आरोप लगाए जाने के बाद, बिहार के डीजीपी को ष्तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एक अधिकारी ने कुमार के हवाले से कहा, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

देखा आपने कि विजय सिन्हा के खिलाफ जरा सा मामला क्या हुआ, हालांकि जिस तरह से विजय सिन्हा ने पूरे मामले को पेश किया उस तरह से कुछ भी नहीं था लेकिन उसके बाद भी विजय सिन्हा की ओर ज्ञानेश जी तुुरंत खड़े हो गए और उनके लिए अधिकारिक बयान तक जारी कर दिया गया। लेकिन वहीं दूसरी ओर सराय का एक मामला समाने आया है। यहां एक बीजेपी समर्थक ने वोट के एक छोटी जाति पर दबाव बनाया लेकिन उसने बीजेपी को वोट देने से इंकार कर दिया तो उसको सरेआम चाकू मार दिया है और उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

देखा आपने कि एक व्यक्ति को बीजेपी को वोट न देने के लिए कैसे मारे जाने का आरोप सामने वाला व्यक्ति लगा रहा है। और सिर्फ यही नहीं मोईनुद्दीनपुर में सरेआम वोटर्स के घर पर जाकर वोट न डालने की धमकी देने की बातें बताई जा रही है। हालांकि हम और हामारा चैनल इस वायरल वीडियो की सच्चाई की पुष्टि नहीं करता है लेकिन अगर ये बात सच है तो फिर ज्ञानेश जी कहां सोए हुए हैं। एक ओर जहां ज्ञानेश जी को तुरंत ही डिप्टी सीएम मनोज सिन्हा के लिए बयान जारी करते हैं तो वहीं दूसरी ओर इस राजद और इंडिया गठबंधन के लिए परेशान होने वालों को खिलाफ क्यों नहीं कड़े एक्शन का बयान ज्ञानेश जी या उनके विभाग ने नहीं जारी किया।

ऐसे में साफ है कि कहीं न कहीं ज्ञानेश जी को बीजेपी के साथ खड़े दिख रहे हैं और कहीं न राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन का ये दावा भी सही साबित हो रहा है कि इलेक्शन कमीशन बीजेपी की बी टीम बनकर काम कर रहा है। पूरे मामले पर आपका क्या मानना है। क्या इस बात में सच्चाई है कि ज्ञानेश कुमार जी ने बीजेपी के डिप्टी सीएम के लिए तुरंत एक्शन लिया लेकिन दूसरी ओर जबरदन वोट के लि चाकू चला देनें वाले पर कार्रवाई नहीं हुई है। पूरे मामले पर आपकी क्या राय है।

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