दिल्ली ब्लास्ट की आंच बरेली तक, दो मीट एक्सपोर्ट कंपनियां जांच के दायरे में
दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है, जिसकी आंच अब उत्तर प्रदेश के बरेली तक पहुंच गई है।जांच एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर बरेली की दो बड़ी मीट एक्सपोर्ट कंपनियों को रडार पर लिया गया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है, जिसकी आंच अब उत्तर प्रदेश के बरेली तक पहुंच गई है।जांच एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर बरेली की दो बड़ी मीट एक्सपोर्ट कंपनियों को रडार पर लिया गया है।
जांच में सामने आया है कि इन कंपनियों में सुरक्षा गार्ड के रूप में कुल 27 कश्मीरी युवक काम कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक,ये युवक कुछ समय से तैनात थे, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से किसी का भी स्थानीय पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया। देश के बड़े शहर हाई अलर्ट पर हैं, ऐसे में सुरक्षा से जुड़ी यह लापरवाही गंभीर मानी जा रही है। एजेंसियां अब इन कंपनियों,सुरक्षा कर्मियों और संबंधित दस्तावेजों की विस्तृत जांच कर रही है।
सिक्योरिटी एजेंसी का मालिक भी कश्मीर का निकला
जांच टीम ने जब इन गार्डों की भर्ती और तैनाती से जुड़ी जानकारी खंगाली तो मालूम हुआ कि दोनों मीट कंपनियों ने एक निजी सिक्योरिटी एजेंसी से गार्ड मंगाए थे. आगे जांच बढ़ी तो यह तथ्य भी सामने आया कि जिस सिक्योरिटी एजेंसी ने गार्ड भेजे, उसका संचालक भी कश्मीर का रहने वाला है. यह जानकारी सामने आते ही पुलिस की सतर्कता और बढ़ गई. अधिकारियों ने तुरंत सिक्योरिटी एजेंसी के रजिस्ट्रेशन, वैधानिक दस्तावेज और उसके मालिक के पुराने रिकॉर्ड की भी जांच शुरू कर दी.
पुलिस का मानना है कि जब किसी संवेदनशील समय में बाहर से आने वाले लोगों को सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारी दी जाती है, तो उसका वेरिफिकेशन होना बेहद जरूरी है. लेकिन यहां कंपनियों ने बिना स्थानीय जांच कराए ही गार्ड तैनात कर दिए. फिलहाल पुलिस इस ओर गंभीरता से जांच कर रही है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में गार्ड एक साथ कैसे रख लिए गए और इनका बैकग्राउंड क्या है.
एलआईयू के हाथ में पूरी जांच, वित्तीय लेनदेन भी जांच के दायरे में
मामला संवेदनशील लगने पर पूरा केस बरेली की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) को सौंप दिया गया है. एलआईयू ने सभी 27 युवकों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है. यह पता लगाया जा रहा है कि वे किस रास्ते से बरेली पहुंचे, उन्हें यहां किसने हायर कराया और भर्ती की पूरी प्रक्रिया क्या थी. साथ ही उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड, पारिवारिक बैकग्राउंड और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है.
सिर्फ पहचान और कागजी औपचारिकताएं ही नहीं, बल्कि इन युवकों के बैंक खातों और डिजिटल पेमेंट पर भी पुलिस की नजर है. जांच टीम यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कहीं इनके खातों से किसी संदिग्ध नंबर या लोकेशन पर बड़ा लेन-देन तो नहीं हुआ.
जांच रिपोर्ट जल्द सौंपेगी पुलिस
पूरी जांच अब अंतिम चरण में है. एलआईयू और स्थानीय पुलिस मिलकर सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जानकारी भले ही संदिग्ध लग रही हो, लेकिन अंतिम रिपोर्ट ही स्थिति स्पष्ट करेगी. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट के बाद इस पूरे मामले को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है और हर छोटे-बड़े तथ्य की जांच की जा रही है.
मीट कंपनियों के मालिकों से भी पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने बिना वेरिफिकेशन इतनी बड़ी संख्या में गार्ड कैसे रख लिए. पुलिस जल्द ही पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. फिलहाल बरेली की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ मामले पर नजर बनाए हुए हैं.



