Amitabh Bachchan की बहन का हो गया था निधन, Hema की थी हमशक्ल। घर में मृत मिली।

बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए बीता गुजरा कुछ समय खास अच्छा नहीं रहा। आख़िर एक के बाद एक सितारे को लेकर सिर्फ और सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने को जो मिलीं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए बीता गुजरा कुछ समय खास अच्छा नहीं रहा। आख़िर एक के बाद एक सितारे को लेकर सिर्फ और सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने को जो मिलीं। दिग्गज और उम्रदराज़ स्टार्स ही नहीं बल्कि कई यंग स्टार्स भी इस दुनिया को छोड़कर चले गए। जिससे मायानगरी में हर किसी को गहरा सदमा लगा।

तो अब, उस एक्ट्रेस के निधन की चर्चा हुई है..जो सिर्फ़ एक एक्ट्रेस नहीं बल्कि “सदी के महानायक” उर्फ दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन की बहन भी रहीं। जी हाँ, रिश्ते में बिग बी की बहन लगने वाली ये एक्ट्रेस अब हम सबके बीच में मौजूद जो नहीं है। ख़ास बात तो ये है कि ये एक्ट्रेस बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल उर्फ हेमा मालिनी की भी ख़ास पहचान वाली थीं।

4pmbollywood की इस रिपोर्ट में हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं..वो कोई और नहीं बल्कि..रुखसाना उर्फ मधु मालिनी है। जिनकी बड़े पर्दे पर अदायगी की दुनिया की मिसाल तो आज तक दी जाती है..लेकिन किस्मत का ही खेल देखिए कि उनकी ज़िंदगी का अंत बेहद ही दुखद रहा था।

हैरानी की बात तो ये है कि, इस एक्ट्रेस को “ड्रीम गर्ल” हेमा मालिनी की “हमशक्ल” माना जाता था और इस वजह से उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया था। लोगों का मानना था कि मधु और हेमा एकदम कार्बन कॉपी लगती थीं। दोनों के नैन-नक्श हो या फेसकट, काफी मिलता-जुलता था।

इन्होंने फिल्मी पर्दे पर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की ‘बहन’ और दिवंगत एक्टर राजेश खन्ना की ‘खड़ूस बहू’ बनकर पॉपुलैरिटी बटोरी थी। पर फिर एक दिन अचानक ही घर पर उनकी लाश मिली। जिसने हर किसी को सकते में डाल दिया था। दरअसल, 80 के दशक के आखिर में रुखसाना उर्फ़ मधु मालिनी की जिंदगी खत्म हो गई। एक दिन वह अपने ही घर पर मृत मिलीं। दुख की बात तो ये रही कि, मौत के समय वो सिर्फ़ 33 साल की थीं।

मधु मालिनी की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई, क्या किसी ने उनकी हत्या की या फिर वो सुसाइड थी…? यह गुत्थी हमेशा के लिए उलझी रह गई। किसी ने कुछ नहीं देखा, किसी ने कुछ नहीं सुना। मधु मालिनी की मौत की वजह का पता लगाने के लिए जांच भी शुरू की गई, पर उसमें कुछ भी सामने नहीं आया। और फ़िर, आखिरकार उनके केस को बंद कर दिया गया और उसके साथ ही मधु मालिनी की मौत का राज, एक राज बनकर ही हमेशा के लिए दफन हो गया।

हालांकि, एक बड़े मीडिया हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौत का कारण “ब्रेन फ्लू” भी बताया जाता है। लेकिन, सच्चाई क्या थी? ये कभी पूरी तरह सामने नहीं आई। आपको बता दें कि, रुखसाना उर्फ़ मधु मालिनी बचपन से ही आईने में खुद को देख-देखकर सोचा करती थीं कि, एक दिन बड़े पर्दे पर उनका भी नाम होगा और यही ख्वाब उन्हें मायानगरी की चमचमाती दुनिया तक ले आया।

गौरतलब है कि, मधु मालिनी का बचपन झुग्गी में बीता। 50 के दशक में मुंबई के माहिम एरिया के एक गरीब परिवार में उनका जन्म हुआ। उनके पिता एक मिल में काम करते थे, पर उनकी कमाई घर के खर्च और माँ की दवाइयों के आगे बहुत कम रह जाती थी। रुख़साना को किताबों से प्यार था। अक्सर वो पड़ोस की बुआ के बच्चों के फेंके हुए पुराने कॉपी-पन्नों लेकर पढ़ना सीखती थी।

जब, उनकी माँ की तबीयत बिगड़ी। तो, रुख़साना ने चौथी क्लास के बाद स्कूल छोड़ दिया। वो घरों में बर्तन धोने लगी। बचपन में ही वो रात को पास के बस्ती मंडल में नाटक देखने जाती। कभी-कभी कलाकार उन्हें मंच के पीछे आने देते, और वो उनके मेकअप के डिब्बों को देखती। तभी उनके अंदर उस इच्छा ने जन्म लिया कि वो भी एक दिन पर्दे पर दिखेगी।

16 साल की होते-होते रुख़साना की माँ का देहांत हो गया। घर टूट गया, पिता भी डिप्रेशन में डूब गए, और रुख़साना को कमाने के लिए बाहर निकलना पड़ा। एक दिन उन्होंने किसी डायरेक्टर के ऑफिस में जाने की हिम्मत जुटाई। उस समय वो आम से सलवार-कुर्ते में थी, पैरों में सस्ते स्लीपर और चेहरे पर एक मासूमियत। डायरेक्टर ने उनके लुक टेस्ट के बाद कहा—“अच्छी हो, पर हीरोइन बनने में बहुत मेहनत लगेगी।” रुख़साना समझ गई—ये काम आसान नहीं है, पर उन्होंने भी मन ही मन तय कर लिया कि वो हार मानने वालों में से नहीं हैं।

उसी साल उन्हें एक छोटे से नाटक में काम मिला। स्टेज पर कदम रखते ही उन्हें महसूस हुआ कि वो उसी दुनिया में आई है, जहां उन्हें होना चाहिए था। फिर, एक डायरेक्टर की सलाह के बाद उन्होंने तय किया कि, “अगर उन्हें खुद को नया बनाना है, तो नाम भी नया होना चाहिए।” और इसी तरह जन्म हुआ—‘मधु मालिनी’ का। नया नाम जैसे उसके लिए नई किस्मत बन गया। उन्हें टीवी शोज में छोटे-छोटे रोल मिलने लगे। कभी रोती हुई बेटी, कभी साहसी बहन, तो कभी गांव की मासूम लड़की।

धीरे-धीरे उनकी एक्टिंग को पहचाना जाने लगा। वो स्क्रीन पर डायलॉग बोलते समय इतनी सच्ची लगती थी कि दर्शक उनके किरदार से खुद को जोड़ लेते थे। इंडस्ट्री में लोग उनके अनुशासन और स्ट्रगल की कहानी सुनकर उन्हें ‘मेहनती मधु’ तक कहने लगे।

फिर, 25 साल की उम्र में मधु मालिनी को एक बड़े टीवी शो में लीड रोल मिला। शो का नाम था- “उड़ान-ए-ज़िंदगी”। इसमें एक ऐसी लड़की की कहानी थी, जो गरीबी से निकलकर पायलट बनती है। ये शो सुपरहिट साबित हुआ। और फ़िर, मधु मालिनी एक रात के अंदर ही घर-घर का नाम बन गई।

वहीं, टीवी की दुनिया के बाद जब फिल्म मेकर्स की नज़र उनपर पड़ी तो, उन्हें एक फीमेल सेंट्रिक फिल्म में काम करने का मौका मिला। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एवरेज रही, पर क्रिटिक्स ने उनके अभिनय की खूब तारीफ़ की। 1978 में आई फिल्म ‘मुकद्दर का सिकंदर’, मधु मालिनी के करियर में टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इसमें वो अमिताभ बच्चन की बहन के किरदार में नजर आई थीं। मधु को इसमें खूब पसंद किया गया और फिर इसके बाद उन्होंने ‘लावारिस’, ‘खुद्दार’, ‘एक दूजे के लिए’ और ‘रजिया सुल्तान’ जैसी फिल्मों में काम किया।

फिर, धीरे-धीरे मधु मालिनी की तुलना हेमा मालिनी के साथ होने लगी। क्योंकि, वो दिखने में हुबहू हेमा मालिनी जैसी लगती थीं। इसी वजह से एक्ट्रेस रुखसाना से मधु मालिनी बन गई थीं। बॉलीवुड में उनका करियर चल निकला और फिर फ़िल्म ‘अवतार’ में खड़ूस बहू के रोल से भी खूब सुर्खियां बटोरीं। फिल्म में वो राजेश खन्ना की बहू बनी थीं। नेगेटिव रोल निभाने के भी उनकी तारीफ़ हुई थी।

मधु मालिनी ने बॉलीवुड में लंबे समय तक काम किया। हर कोई उन्हें फिल्म में लेता, हालांकि उन्हें करियर में वो सफलता देखने को नहीं मिली, जैसी उन्होंने सोची थी। तब मधु मालिनी ने रीजनल सिनेमा का रुख किया। वो बॉलीवुड के अलावा तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, गुजराती और पंजाबी फिल्में भी करने लगीं और वहां अपनी एक अलग पहचान उन्होंने बना ली। 70 और 80 के दशक में मधु मालिनी लगातार काम करती रहीं। मधु मालिनी ने आखिरी फिल्म साल में की थी।

निजी ज़िन्दगी की बात करें तो, मधु मालिनी का करियर जब थोड़ा सेट हुआ, तब उन्होंने रोशन नाम के शख्स के साथ शादी करने का फैसला लिया। शादी बेहद सादगी से हुई। शादी के बाद भी मधु ने अपना काम जारी रखा। वो चाहती थी कि, लड़कियां ये समझें कि शादी और करियर एक-दूसरे के दुश्मन नहीं होते। दोनों साथ-साथ भी बन सकते हैं।

बहरहाल, गरीबी में पली-बढ़ी रुखसाना उर्फ़ मधु मालिनी को जब लोगों ने हेमा मालिनी की “हमशक्ल” का टैग दिया तो, इसके बाद मधु को लगा था कि वो हेमा जैसी शोहरत हासिल कर पाएगी। लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 70s में फिल्मों में अपनी जगह बनाने में वो कामयाब तो हुईं। लेकिन, जितनी तेजी से वो स्टारडम की सीढ़ियां चढ़ीं, उतनी ही रहस्यमय तरीके से उनकी जिंदगी खत्म भी हो गई।

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