ध्वाजारोहण या फिर धु्रवीकरण!

- राम मंदिर पर ध्वजारोहण संत या धर्मगुरु को करना चाहिए
- राम मंदिर का ध्वज त्याग और समर्पण का प्रतीक है : चंपत राय
- राहुल-अखिलेश पर जगत गुरू का तंज
- पर्वू सांसद वेदांती का बयान में दिखी अलग गर्जना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। अयोध्या को आज दुल्हन की तरह सजाया गया। राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज फहराने से पहले पीएम मोदी ने अयोध्या की सड़कों पर रोड किया। आज के इस कार्यक्रम को साधू संतों ने एतिहासिक बताया और कहा कि पीएम मोदी न होते तो अयोध्या में मंदिर निमार्ण न हो पाता। वहीं विपक्ष ने आज के कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा है राम मंदिर पर ध्वजारोहण कोई संत या धर्मगुरु को करना चाहिए था। पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि राम मंदिर पर जो ध्वजारोहण के इस पुनीत कार्य को संत और धर्मगुरु के द्वारा करना चाहिए था। उन्होंने कहा है कि भाजपा हर धार्मिक आयोजन में राजनीति खोजती है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के राम मंदिर न जाने पर कहा है कि जो लोग दर्शन के लिए नहीं गए उनके लिए यह दुर्भाग्य की बात है। प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह सौभाग्य की बात है।
समकोण त्रिभुजाकार ध्वज
दस फीट ऊंचा और बीस फीट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज, भगवान श्री राम के तेज और पराक्रम का प्रतीक, एक दीप्तिमान सूर्य की छवि को दर्शाता है, जिस पर कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ अंकित है। पवित्र भगवा ध्वज, राम राज्य के आदर्शों को मूर्त रूप देते हुए, गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।
आज पूरा विश्व राममय है, हर राम भक्त के हृदय में : मोदी
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर हाथ जोड़कर भगवान राम को प्रणाम किया। वैदिक मंत्रों के मंत्रोच्चार और अभिजीत मुहूर्त में हुए इस ध्वजारोहण ने पूरी रामनगरी को उत्सव के रंग में रंग दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वज नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। ये ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है, संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है। पीएम मोदी ने आगे कहा, सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्जवलित रही। जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं। एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं। ये धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है।
इकबाल अंसारी बोले- देश को सद्भाव की जरूरत
अयोध्या के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण है और देश-दुनिया से लोग जश्न मनाने आ रहे हैं, जो अयोध्या में खुशी की लहर को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शिखर पर पवित्र ध्वज फहराया जाना सद्भाव और देश की प्रगति की कामना के साथ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने आमंत्रित किए जाने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि शहर में खुशी की लहर है क्योंकि भारत और दुनिया भर से लोग जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।
वेदांती का बयान भारत अब हिंदू राष्ट्र
बीजेपी के पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती ने बड़ा बयान ने माहौल में एक और गर्जना जोड़ दी है। उन्होंने कहा है कि आज मेरी घोषणा सच होने का दिन है। वेदांती ने याद दिलाया कि जब वे सुल्तानपुर जेल में थे और बाद में दिल्ली में धर्म संसद आयोजित हुई थी तब उन्होंने रामलीला मैदान से घोषणा की थी कि जिस दिन राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहरेगा वही दिन भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की दिशा में पहला कदम होगा। आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में धर्मध्वज फहरा रहे हैं वेदांती का दावा है कि यही वह ऐतिहासिक क्षण है जिसकी कल्पना उन्होंने वर्षों पहले की थी। उनके इस बयान पर कि अरज पीएम मोदी हिंदू राष्ट्र की धर्मध्वजा फहराने जा रहे हैं ने राजनीतिक हलकों में लहर पैदा कर दी है। समर्थक इसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण की जीत बता रहे हैं जबकि विपक्ष इसे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर प्रहार और चुनावी ध्रुवीकरण का हथकंडा कह रहा है।
‘बीजेपी नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बनवाया है राम मंदिर’
पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बना है। सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रस्ट बनाया जिसने राम मंदिर का निर्माण करवाया है। इसमें भाजपा का कोई योगदान नहीं है। भाजपा के लोगों ने राम मंदिर के नाम पर करोड़ों रुपए एकत्रित किए हैं। राम मंदिर पर ध्वजारोहण किसी संत महात्मा या फिर धर्मगुरू के द्वारा संपादित होना चाहिए था। उन्होंने कहा है कि भाजपा हर धार्मिक आयोजन में राजनीति खोजती है। रविदास ने आगे कहा कि हम लोग चाहते हैं कि यूपी मजबूत रहे और इसका विभाजन न होने पाए। उत्तर प्रदेश को शक्तिशाली और मजबूत बनाने की जरूरत है। यूपी जितना बड़ा है उतना बड़ा ही रहना चाहिए।




