संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ शुरू

  • विपक्ष ने कहा संवाद की नहीं रही आस
  • पहले ही दिन स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
  • प्रियंका-अखिलेश का पीएम मोदी पर प्रहार
  • एकाधिकारवादी प्रक्रिया है एसआईआर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के शीतकालीन सत्र की शुरूआत हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आज लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। वहीं पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस सासंद प्रियंका गाँधी व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन पर पलटवार किया है। साथ ही लोक सभा कई बार हंगामे की वजह से बाधित होती रही। इस बीच राज्य सभा में नए उप सभापति का अभिनंदन किया गया। बतादें प्रस्ताव में देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की गयी है। टैगोर ने इसे अभूतपूर्व संकट से जोड़ते हुए गंभीर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने अपने नोटिस कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई यह प्रक्रिया एकतरफा, तानाशाही और बिना किसी तैयारी के शुरू कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने न तो शिक्षकों से कोई चर्चा की और न राज्यों के साथ समन्वय किया और न ही जनता की परेशानियों का ध्यान रखा। टैगोर ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह एसआईआर प्रक्रिया एक एकाधिकारवादी, अचानक लागू की गई और अत्यधिक दबाव वाली कवायद बन चुकी है।

चंडीगढ़ यूनियन टेरेटरी को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाया जाएगा

संविधान में संसोधन से जुड़ा बिल भी इसी सत्र में पेश हो सकता है। बिल के जरिये संविधान में 131वां संशोधन करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस बिल के तहत खासकर चंडीगढ़ यूनियन टेरेटरी को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाया जाएगा। आर्टिकल 240 के तहत केंद्र सरकार केंद्रशासित प्रदेशों के लिए रेगुलेशन बना सकती है, जिन्हें कानून का दर्जा प्राप्त होता है। यही नहीं कंपनियों के खिलाफ विवाद का जल्द निपटारा हो सके इसके लिए कंपनियों और व्यक्तियों के बीच झगड़े अक्सर सालों कोर्ट में लटकते रहते हैं। ऑर्बिट्रेशन एंड कॉन्सीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल, 2025 का उद्देश्य है कि मध्यस्थता फैसलों को चुनौती देने की प्रक्रिया सरल हो और झगड़ों का समाधान तेजी से हो सके।

मणिपुर जीएसटी विधेयक लोकसभा में पेश

स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। हालांकि एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा अभी भी जारी है। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (दूसरा संशोधन) विधेयक सदन में पेश किया।

19 दिन में 13 प्रस्ताव आएंगे

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन तक चलने वाले पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें आयोजित होंगी। इस सत्र में एटॉमिक एनर्जी बिल समेत 10 नए बिल पेश हो सकते हैं। लोकसभा बुलेटिन में के मुताबिक एटॉमिक एनर्जी बिल में प्राइवेट कंपनियों को भी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लगाने की अनुमति मिल सकेगी। हॉयर एजुकेशन कमीशन बनाने वाला बिल भी तैयार हो चुका है। इस बिल के माध्यम से सरकार का उद्देश्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी को अधिक फ्रीडम देना और सिस्टम को पारदर्शी बनाना है।

पीएम का बयान सिर्फ पाखंड : जयराम

कांग्रेस ने भी पीएम मोदी पर पलटवार किया है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का संसद सत्र की शुरुआत से पहले बयान देना सिर्फ पाखंड है क्योंकि वह खुद सदन में मौजूद नहीं होते और विपक्ष से संवाद नहीं करते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि संसद में किसी गतिरोध के लिए खुद प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद हताशा निकालने का मंच बना रहा है।

राज्यसभा में खरगे के बयान पर हंगामा

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आपको बुरा नहीं लगेगा कि मुझे आपके पहले वाले के राज्यसभा के चेयरमैन के ऑफिस से पूरी तरह से अचानक जाने का जिक्र करना पड़ रहा है… मुझे दुख हुआ कि सदन को उन्हें विदाई देने का मौका नहीं मिला। फिर भी, पूरे विपक्ष की ओर से मैं उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। खरगे के बयान पर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताई, जिसे लेकर सदन में हंगामा हुआ।

सरकार चर्चा के लिए तैयार : चिराग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, पिछला सत्र आप देख लीजिए जिस तरीके से SIR का एक मुद्दा लेकर पूरा सदन वॉशआउट कर दिया। उसी तरह का असार इस सत्र में भी देखने को मिल रहा है…सरकार पूरी तरह से तैयार हैं जिस पर वो चर्चा करना चाहते हैं हम जरूर हर विषय पर चर्चा करेंगे। लेकिन विपक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि सदन की गरिमा बनाए रखे और सत्र को चलने दें।

मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नही : प्रियंका

प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है। पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले कहा कि सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। इसी मुद्दे पर रिएक्ट करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि चुनाव की स्थिति, SIR और प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं। आइए उन पर चर्चा करें। संसद किस लिए है? यह ड्रामा नहीं है। मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है कि चर्चा न होने देना। प्रियंका वाड्रा ने ये बातें पीएम मोदी के उस कमेंट पर दी जो उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले कही थी।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर कि या कटाक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए साफ कहा कि संसद परिसर में ड्रामा करने की बहुत जगहें बाहर हैं, लेकिन सदन में हंगामे की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, खासकर विपक्ष से अपील की कि वे सत्र को सुचारू और गरिमामय तरीके से चलाने में सहयोग दें। इसी के जवाब में वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है।

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