इमरान मसूद का मोदी पर तंज, कहा-एंटी-इंकबेंसी मिटाने वाली कौन-सी जड़ी-बूटी?
पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रामा वाले बयान पर इमरान मसूद ने कहा कि हम तो जानना चाहते हैं कि पीएम के पास ऐसी कौन सी जड़ी बूटी है कि उनकी कभी एंटी इंकबेंसी होती नहीं, हर बार वो और उभरकर आते हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रामा वाले बयान पर इमरान मसूद ने कहा कि हम तो जानना चाहते हैं कि पीएम के पास ऐसी कौन सी जड़ी बूटी है कि उनकी कभी एंटी इंकबेंसी होती नहीं, हर बार वो और उभरकर आते हैं.
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के सुप्रीम कोर्ट को लेकर
दिए गए बयान को सही बताया है. उन्होंने कहा कि वो बड़े धार्मिक नेता है उनकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए. वहीं एसआईआर को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाए.
यूपी की सहारनपुर सीट से सांसद इमरान मसूद ने मौलाना मदनी के बयान पर कहा कि “हालात देखिए.. मदनी साहब ने जो कहा है उसकी गंभीरता को सोचिए कि उन्हें ऐसा क्यों कहना पड़ रहा है. उनके शब्दों के भाव को समझिए. मदनी कोई सड़क चलते आदमी नहीं हैं. वो बहुत बड़े धार्मिक नेता हैं. उनकी बात को गंभीरता के साथ लेना चाहिए.
एसआईआर को लेकर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद ने संसद के शीतकालीन सत्र में एसआईआर को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि एसआईआर का मुद्दा देश में सबसे बड़ा मुद्दा चल रहा है. पिछला सत्र भी इसी पर चला गया, हम चाहते हैं सरकार इस पर चर्चा करे और उसके बाद हमें बताए. चुनाव आयोग को आपने जो निरंकुश कर दिया है, कि वह जो चाहे कर देगा. तो फिर बाद लोकतंत्र का मतलब क्या रह जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रामा वाले बयान पर इमरान मसूद ने कहा कि हम तो जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री के पास ऐसी कौन सी जड़ी बूटी है कि उनकी कभी एंटी इंकबेंसी होती नहीं, हर बार वो और उभरकर आते हैं. सड़क पर लोग बुरा-बुरा कह रहे हैं रैलियों में हमारी लोग उमड़ रहे हैं और वोट उन्हें पड़ रहा है. ऐसा कौन सा चमत्कार आपके पास.
ये ईवीएम और इलेक्शन कमीशन का जो चमत्कार है हम इसी पर चर्चा करना चाहते है. इस लोकतंत्र को बचाइए. लेकिन, सरकार हमारा कोई नोटिस स्वीकार नहीं करते, हम तो चर्चा करना चाहते हैं. लेकिन, आप बुनियादी बातों पर चर्चा ही नहीं करना चाहते.
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर भी इमरान मसूद ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वो इस तरह के मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं करेंगे, इस पर चर्चा नहीं करेंगे. आतंकवाद और प्रदूषण पर चर्चा नहीं करेंगे. ये लोग चर्चा ही नहीं करना चाहते ये नहीं बताएंगे कि दिल्ली में सांस लेना दूभर हो गया है.



