SIR सुनते ही चिढ़ गए ओम बिरला! विपक्ष के हंगामें के आगे भाजपा की एक न चली!
सांसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही पहले दिन ही संसद में आज ऐसा हंगामा हुआ जिसको लेकर समझ में आ गया कि यह सत्र मोदी सरकार के लिए कितना मुश्किल होने वाला है। दरअसल आज संसद सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने ऐसा हंगामा किया कि बवाल काटा कि अध्यक्ष ओम बिरला के भी पसीने छूट गए।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सांसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही पहले दिन ही संसद में आज ऐसा हंगामा हुआ जिसको लेकर समझ में आ गया कि यह सत्र मोदी सरकार के लिए कितना मुश्किल होने वाला है। दरअसल आज संसद सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने ऐसा हंगामा किया कि बवाल काटा कि अध्यक्ष ओम बिरला के भी पसीने छूट गए।
लेकिन संसद में हंगामा से पहले इस आग को चिंगारी देने वाले और कोई नहीं प्रधानमंत्री मोदी ही थे क्योंकि उन्होंने संसद सत्र शुरू होने से पहले कुछ ऐसे बयान दिए जिसको लेकर संसद का माहौल शुरू होने से पहले ही गरमा गया। तो आखिर संसद सत्र के शुरू होते ही ऐसा क्या हुआ कि मात्र 19 मिनट के अंदर ओम बिरला को अपनी सीट से उठना पड़ गया? और मोदी ने ऐसा क्या बयान दिया जिसको लेकर इतना हंगामा हुआ? कैसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी के बयानों की फजीहत की और संसद में टकराव से पहले इंडिया गठबंधन की मीटिंग में क्या फैसला लिया गया, सब कुछ बताएंगे आपको इस वीडियो में।
आज जैसा की उम्मीद थी आज वैसा ही हुआ। जैसे ही आज सदन में अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल का एलान किया वैसे ही विपक्ष SIR पर चर्चा को लेकर मांग करने लगा। नारे लगाने लगा। ओम बिरला से विपक्ष कहने लगा कि सर लोकतंत्र की हत्या हो रही है, वोट चोरी हो रही है, इसको लेकर चर्चा कराइए। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर और आप सांसद संजय सिंह ने तो पहले से ही SIR पर चर्चा करने के लिए नोटिस थमा दिया था लेकिन इसके बावजूद अध्यक्ष ओम बिरला को गुस्सा आ गया। जैसे ही विपक्ष ने SIR पर चर्चा की मांग उठाई ओम बिरला विपक्ष पर भड़क गए और प्रवचन, उपदेश देने लगे। कहने लगे संसद नारे लगाने के लिए नहीं होता।
अब देखिये यहां ओम बिरला विपक्ष को संसद पर उपदेश रहे थे कि लोकतंत्र में सहमति और असहमति होती है और संवाद से ही समाधान निकलता है। लेकिन माननीय स्पीकर जी यहां विपक्ष संवाद करने की हो मांग तो कर रहा था। क्या एसआईआर पर चर्चा नहीं की जा सकती, वो भी तब जब देश भर में बीएलओज अपनी जान दे रहे हैं। क्या सरकार या सदन के लिए कोई अहम मुद्दा नहीं है? क्या इसको लेकर सदन में एक दिन भी बहस या चर्चा नहीं की जा सकती है? अब देखिए संसद में जो आग लगी उसका अंदाजा मोदी को कहीं न कहीं पहले से ही था, तभी उन्होंने आज सत्र शुरू होने से पहले ही इसकी चिंगारी लगा दी थी।
दरअसल मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए ऐसे शर्मनाक बयान दिए जो न आज से पहले कभी किसी प्रधानमंत्री ने दिए होंगे और कभी आगे दिए जाएंगे। आप उनके इन बयानों को राजनीति कह सकते हैं, मसखरी कह सह सकते हैं, मोदी का घमंड कह सकते हैं लेकिन ये प्रधानमंत्री का बयान नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि मोदी के बयान से साफ पता चल रहा था कि वो बिहार में जीत के आगे सब कुछ भूल चुके हैं। उन्हें अब देश कोई मुद्दा ही नहीं दिखाई दे रहा है। क्योंकि जहां मोदी को बताना था कि संसद में किन अहम मुद्दों को लेकर सरकार चर्चा करने को तैयार है, उस मंच को मोदी ने विपक्ष का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया।
अब देखिए मोदी के इस बयान से साफ पता चलता है कि कहीं न कहीं इनको अंदाजा हो गया था कि विपक्ष इस सत्र में एसआईआर को लेकर सवाल पूछेगा हंगामा करेगा। मोदी जानते थे उनके खिलाफ नारेबाजी होगी। उनको संसद में विपक्ष के मुश्किल सवालों का सामने करना पड़ेगा। मोदी ने ‘ड्रामा’ शब्द का इस्तेमाल करके विपक्ष को चोर्ज कर दिया। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट कते हुए मोदी के बयान पर पलटवार किया। खरगे ने लिखा कि, ‘शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री जी ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फ़िर से “ड्रामेबाज़ी की डिलीवरी” की है !’
खरगे ने सरकार की सच्चाई बताते हुए कहा कि, ‘असलियत यह है कि संसदीय मर्यादा और संसदीय प्रणाली को पिछले 11 साल से सरकार ने लगातार कुचला है उसकी लंबी फेहरिस्त है।’ खरगे ने आगे लिखा कि, ‘ SIR प्रक्रिया में काम के बोझ के कारण BLOs लगातार जान दे रहे हैं। विपक्ष, ‘वोट चोरी’ सहित अन्य मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है और संसद में हम इसे लगातार उठाएंगे। भाजपा को अब ध्यान भटकाने का ड्रामा ख़त्म करना चाहिए, और जनता के असली मुद्दों पर संसद में बहस करनी चाहिए।’ अब जहां खरगे ने एक्स पर पोस्ट करके मोदी के ड्रामे वाले का जवाब दिया तो वहीं संसद से निकलते हुए प्रियंका गांधी ने बता दिया असली ड्रामा कौन कर रहा है।
अब देखिए आज संसद सत्र शुरू होने से पहले ही ये क्लियर था कि आज संसद में विपक्ष एसआईआर को लेकर सवाल उठाएगा। आप इन तस्वीर को देख सकते हैं। ये तस्वीर आज सत्र शुरू होने से पहले की है जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के ऑफिस में INDIA गठबंधन के सारे फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई थी। इस बैठक में नेता विपक्ष राहुल गाँधी समेत वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर चर्चा की गई। कहा जा रहा है कि इसी बैठक में फैसला हो गया था कि सदन में विपक्ष एकजुट होकर सरकार से SIR और वोट चोरी का मुद्दा उठाएगा।
तो कुल मिलाकर शीतकालीन सत्र का पहला दिन ही बता गया कि आने वाले दिन मोदी सरकार के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होने वाले। मात्र 19 मिनट में सदन स्थगित! ये कोई रिकॉर्ड नहीं, ये लोकतंत्र की बची-खुची गरिमा पर तमाचा है। एक तरफ़ प्रधानमंत्री सुबह-सुबह मीडिया के सामने खड़े होकर विपक्ष को “ड्रामेबाज़” बता रहे थे, दूसरी तरफ़ वही ड्रामा सदन के अंदर खुद उनके स्पीकर और उनकी पार्टी के सांसदों ने शुरू कर दिया।
विपक्ष SIR पर दो मिनट की चर्चा माँग रहा था, BLOs की मौतों पर, वोट चोरी के आरोपों पर, लेकिन सरकार को तो जैसे साँप सूँघ गया। ओम बिरला जी उपदेश पर उपदेश देते रहे, पर चर्चा कराने की हिम्मत नहीं दिखा पाए। लेकिन आज ये साफ हो गया कि मोदी और उनकी पूरी पार्टी की ये कोशिश होगी की पूरे सत्र के दौरान एसआईआर पर कोई भी चर्चा करने से बचती दिखाई देगी लेकिन विपक्ष भी बिना इसपर बहस करे चुप नहीं बैठने वाला है।



