SIR को लेकर गरमाई सियासत, BLO की मौत पर विपक्ष आगबबूला!
भाजपा राज में लोगों पर लगातार अत्याचार बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि भाजपा के इस सिस्टम से लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। चुनाव आयोग और भाजपा के इस सिस्टम की बदौलत BLO जान देने को मजबूर हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भाजपा राज में लोगों पर लगातार अत्याचार बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि भाजपा के इस सिस्टम से लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। चुनाव आयोग और भाजपा के इस सिस्टम की बदौलत BLO जान देने को मजबूर हैं। चुनावी फायदे के लिए चल रही SIR प्रक्रिया आज जानलेवा होती जा रही हैं. SIR के चलते प्रेशर इतना बढ़ गया है कि एक के बाद एक BLO खुदखुशी कर रहे हैं। वहीं इसी बीच एक और BLO ने इस सिस्टम से थक हार कर आत्महत्या कर ली है।
दरअसल यूपी में SIR की प्रक्रिया के बीच मुरादाबाद में सर्वेश सिंह नाम के एक BLO की आत्महत्या से हड़कंप मचा गया है. सुसाइड नोट लिखकर सर्वेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सर्वेश कम्पोजिट विद्यालय कंपोजिट विद्यालय जाहीदपुर सीकमपुर ग्राम पंचायत भगतपुर ब्लॉक में कार्यरत था. BLO के रूप में बूथ संख्या 406 का कम देख रहे थे. सर्वेश की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है. सूचना अपर पुलिस के साथ ही आलाधिकारी और तमाम शिक्षक पहुंच गए हैं.
परिवार ने आरोप लगाया कि बिना ट्रेनिंग के सर्वेश की BLO में ड्यूटी लगा दी. लगातार उन अपर टार्गेट बनाया जा रहा है, जिससे तंग आकर उन्होंने जान दी है. जबकि अधिकारियों ने प्रेशर से इनकार किया है. हालांकि अब सर्वेश सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो अपना दुःख बयान करते हुए नजर आ रहे हैं। और बता रहे हैं कि उनपर किस कदर प्रेशर था जिसके चलते उन्होंने मौत को गले लगा लिया है।
आपको बता दें कि 30 नवंबर को BLO सर्वेश सिंह ने फंदे से लटककर अपनी जान दी थी. शिक्षक सर्वेश सिंह ने 3 पेज के सुसाइड नोट में भी SIR वर्क प्रेशर का जिक्र किया था. ये सुसाइड नोट उनके कमरे से पुलिस ने बरामद किया। यह सुसाइड नोट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को संबोधित था। सुसाइड नोट का विषय एसआइआर गणना-प्रपत्र का टारगेट पूर्ण ना होने के संबंध में था। सर्वेश कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा- पहली बार यह काम मिला।
इसके विषय में पूर्ण जानकारी ना होने के कारण दिन-रात मेहनत के बाद भी अपना टारगेट पूरा नहीं कर पा रहा। इससे बहुत परेशान हूं और मानसिक संतुलन खराब हो गय हो जिससे आत्मघाती कदम उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा था कि मेरे परिवार ने बहुत हौंसला बढ़ाया, मगर मैं हार गया। मेरे ना होने के बाद मेरे किसी भी व्यक्ति पर कोई दोष नहीं लागू होना चाहिए। कहने को तो बहुत कुछ बाकी है, समय बहुत कम है। मुझे माफ करना। मेरे विद्यालय के बच्चों को बहुत प्यार देना। मैं जीना तो चाहता हूं पर क्या करूं। मुझे बहुत बेचैनी व घुटन एवं खुद को डरा महसूस कर रहा हूं।’
बीएलओ ने सुसाइड नोट में लिखा है- ‘मेरी चार छोटी बेटियां हैं। बेटियां का ख्याल रखना। बहुत मासूम हैं। मैं लिखते समय बहुत पीड़ा महसूस कर रहा हूं। अगर समय ज्यादा होता तो शायद मैं इस कार्य को पूर्ण कर देता क्योंकि यह समय मेरे लिए पर्याप्त नहीं था। मुझे माफ कर देना।’
हालांकि ये कोई मौत नहीं है अब तक कई BLOs ने इस SIR के चलते अपनी जान दे दी है। बताते चले कि SIR अभियान के बीच कर्मचारियों पर काम का बोझ और दबाव लगातार चर्चा का विषय बनता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, बीते एक हफ्ते में SIR ड्यूटी से जुड़े तीन बीएलओ आत्महत्या कर जान दे चुके हैं। वहींं छह अन्य कर्मियों की ड्यूटी के दौरान या स्वास्थ्य बिगड़ने से मौत हो गई है। परिजनों ने इन मौतों के पीछे कार्य का दबाव और छुट्टियों की अनदेखी को मुख्य कारण बताया है।
मुरादाबाद के सर्वेश सिंह की तरह बीते 25 नवंबर को फतेहपुर में लेखपाल रामलाल कोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों के अनुसार शादी से एक दिन पहले वह छुट्टी के लिए प्रयास कर रहे थे, लेकिन छुट्टी नहीं मिल रही थी। आरोप है कि मेंहदी की रस्म वाले दिन कानूनगो घर पहुंचे और ड्यूटी में लापरवाही बताकर सस्पेंशन की धमकी दी। इससे मानसिक रूप से टूटकर रामलाल ने आत्महत्या कर ली। वहीं परिवार ने अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की भी मांग उठाई थी।
इसी तरह गोंडा में बीएलओ विपिन यादव ने जहर खाकर जान दे दी थी। जहर खाने के बाद सामने आए वीडियो में उन्होंने SIR कार्य को लेकर अधिकारियों पर अत्यधिक दबाव और धमकी का आरोप लगाया था। विपिन यादव सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थे।
इसी तरह देवरिया में भी एसआईआर ड्यूटी में लगे लेखपाल आशीष कुमार की मौत हो गई थी। परिवार का कहना है कि लगातार ड्यूटी प्रेशर और तनाव के चलते उन्हें हार्ट अटैक आ गया था। इसके बाद बीएलओ रंजू दुबे की भी संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजनों ने दावा किया कि SIR काम का दबाव अधिक था, जिससे तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया था। बीती 26 नवंबर को बरेली में बीएलओ संतोष कुमार गंगवार की एसआईआर फॉर्म वितरण के दौरान मौत हो गई।
परिवार ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने काम का उन पर काफी दबाव डाल रखा था। वहीं BLO की हो रही लगातार मौतों के मामले को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार और चुनाव आयोग को घेरना शुरू कर दिया। इसी कड़ी में आप सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि चुनावी घोटाले के चक्कर में 26 बीएलओ की जान ले ली गई। इसके लिए यूपी के सभी जिलों में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। खैर लगातार हो रही BLO की मौत का मामला गरमाता ही जा रहा है अब देखना ये होगा कि इसको लेकर सरकार किस तरह के कदम उठाती है या फिर चंद वोटों के लालच के चलते ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा।



