देशभर में हथियारों व कारतूसों की तस्करी, शस्त्र कारोबारी भाइयों के घर और दुकान पर NIA का छापा

औरैया। जिले से देश के अलग-अलग हिस्सों में अवैध ढंग से हथियारों-कारतूसों व गोला-बारूद की तस्करी की जा रही है। नक्सल क्षेत्रों में भी यहां से हथियार आपूर्ति की बात सामने आई है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने इसे लेकर नामचीन शस्त्र व सराफा कारोबारी तीन भाइयों के घर और प्रतिष्ठानों पर बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे छापेमारी की।
निझाई मुहल्ला, जिला अस्पताल रोड किनारे नायरा पेट्रोल पंप सहित चार घरों, सराफा बाजार में गन हाउस की बिल्डिंग व दुकानों पर दोपहर बाद तक जांच जारी रखी। कमलकांत के करीबी व्यापारी नेता के नेवलगंज स्थित घर में भी टीम पहुंची। जहां पर व्यापारी व उसके स्वजन से पूछताछ की गई। पड़ोसी जनपद कानपुर देहात के एक पेट्रोल पंप पर भी जांच की। जहां के मैनेजर से कई घंटे तक पूछताछ हुई।
एनआईए ने जिले के अलावा बिहार, लखनऊ समेत अन्य जनपदों व प्रांतों की पुलिस टीम को साथ में लेकर कारोबारी कमलकांत वर्मा व उनके दोनों भाइयों के ठिकानों पर छापे मारे। जांच में सामने आया कि 17 दिसंबर 1995 को बंगाल के पुरुलिया जिले में विमान से एके-47, ग्रेनेड व पिस्टल आदि हथियार गिराए गए थे, इस प्रकरण में कारोबारी भाइयों के पिता महेश वर्मा को संदेह के घेरे में लिया गया था।
तत्कालीन एसपी संजय सिंघल के सामने पिता ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके साथ ही जून, 2025 में बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में रायफल, रिवाल्वर व पिस्टल के 3700 कारतूस औरैया निवासी शत्रुघ्न उर्फ लाला शर्मा से बरामद हुए थे, तब वह नालंदा जा रहा था।
लाला शर्मा शस्त्र कारोबारियों की कार का चालक था। छत्तीसगढ़ में भी अवैध शस्त्र पकड़े जा चुके हैं। इसके तार शस्त्र कारोबारी भाइयों से जुड़े होने की बात कही जा रही है। कारोबारी तीन भाई हैं। कमलकांत वर्मा तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। बड़ा भाई रविकांत वर्मा उर्फ लाले व्यापार मंडल कंछल गुट के जिलाध्यक्ष हैं।
मझले अजयकांत शशि वर्मा हैं। इनके पिता महेश वर्मा ने सराफा बाजार से कारोबार शुरू किया था। सोना-चांदी की दुकान थी व एक गन हाउस था। बसों का संचालन भी औरैया, कन्नौज, इटावा रूट पर करते थे।
बिहार में कारतूसों का जखीरा पकड़े जाने के बाद फिर से पुरुलिया जिले में हथियार गिराने के मामले की भी जांच शुरू हुई है। कारोबारी घर पर नहीं मिले हैं। उनके स्वजन से पूछताछ की गई। कमलकांत व उनके बड़े भाई के बेटों से भी पूछताछ हुई, जिन्हें साथ लेकर टीम उनके हर घर, गोदाम, पेट्रोल पंप पर पहुंची।
हालांकि, पूरी कार्रवाई में जांच टीम ने मीडिया से दूरी बनाई। किसी भी प्रकार की जानकारी देने से मना कर दिया। चर्चा यह भी रही कि टीम के साथ ईडी के भी कुछ अधिकारी थे। जो आय के माध्यमों की छानबीन करते रहे।
बताया गया कि कारोबारी के घरों से लाखों में नकदी भी मिली। जिसकी गिनती के लिए आटोमैटिक काउंटिंग मशीन की मदद ली गई। दोपहर करीब 12 बजे यह कार्य शुरू हुआ। जो आधे से पौन घंटे तक चला।
क्षेत्रीय कुछ लोगों में चर्चा रही कि पंजाब पुलिस ने कुछ वर्ष पहले कमलकांत को अवैध हथियारों की तस्करी में गिरफ्तार किया था। कई दिन तक रिमांड पर लेने के बाद जेल भेजा था। छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पंजाब, दिल्ली समेत अन्य प्रांतों में इनका नेटवर्क फैला है। नक्सलियों को भी हथियार सप्लाई किए जाने के मामले प्रकाश में आए हैं। एनआईए गहनता से पूरे इतिहास को खंगालने में लगी है।

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