सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों की दरें प्रदर्शित करने के आदेश पर लगाई रोक, 3 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें अस्पतालों को सेवाओं और दरों को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने केंद्र और केरल सरकार से जवाब मांगा है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें अस्पतालों को सेवाओं और दरों को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया था.

अदालत ने केंद्र और केरल सरकार से जवाब मांगा है, जिससे स्वास्थ्य सेवा में पारदर्शिता बनाम अस्पतालों की चुनौतियों पर बहस छिड़ गई है. इस मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी.

केरल में अस्पतालों के रिसेप्शन पर सेवाओं (Service) और दरों (Rate) को प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के निर्देशों पर अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और केरल सरकार से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी 2026 को होगी. जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने ये आदेश दिया है.

याचिका में केरल हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. हाई कोर्ट ने अस्पतालों को रिसेप्शन या प्रवेश डेस्क और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर दी जाने वाली सेवाओं की सूची, सामान्य रूप से की जाने वाली चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए बुनियादी और पैकेज दरों को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था.

सॉलिसिटर जनरल से भी सहायता करने के लिए कहा

सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भी सहायता करने के लिए कहा है. कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को भी इस मामले में अतिरिक्त पक्षकार बनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने अधिकारियों को मामले के लंबित रहने के दौरान एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ कोई भी जबरदस्ती कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया था.

हम अपीलकर्ताओं पर भारी जुर्माना लगाते

इससे पहले हाई कोर्ट ने कहा था, आमतौर पर हम अपीलकर्ताओं पर भारी जुर्माना लगाते क्योंकि उन्होंने एक्ट के नियमों को लागू करने या उनका पालन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इसके लागू होने के 7-8 साल से अधिक समय बाद भी ऐसा नहीं किया. इससे राज्य के नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों और एक्ट के तहत परिकल्पित लाभों से वंचित किया गया.

गाइडलाइंस का पालन न करने पर कार्रवाई होगी

हाई कोर्ट ने कहा था, सभी डिस्प्ले की गई रेट लिस्ट, ब्रोशर और वेबसाइट की जानकारी को अपडेट रखा जाएगा. सर्विसेज, रेट्स या शिकायत संपर्क डिटेल्स में कोई भी बदलाव तुरंत अपडेट किया जाएगा, जिसमें रिवीजन की तारीख साफ तौर पर बताई जाएगी. गाइडलाइंस का पालन न करने पर एक्ट के तहत रेगुलेटरी कार्रवाई की जाएगी.

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