UAE में बदले Tax Rules, नया आदेश जारी

संयुक्त अरब अमीरात को लंबे समय से टैक्स फ्री देश के रूप में जाना जाता था। वहां व्यक्तिगत आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था और कंपनियों के मुनाफे पर भी कोई टैक्स नहीं था।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: संयुक्त अरब अमीरात को लंबे समय से टैक्स फ्री देश के रूप में जाना जाता था। वहां व्यक्तिगत आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था और कंपनियों के मुनाफे पर भी कोई टैक्स नहीं था।

इससे दुनिया भर के व्यापारी और निवेशक UAE की ओर आकर्षित होते थे। दुबई और अबू धाबी जैसे शहर व्यापार का बड़ा केंद्र बन गए। लेकिन पिछले कुछ सालों में UAE सरकार ने अपनी टैक्स व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं।

इसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। साल 2018 में UAE ने वैट शुरू किया, जो सामान और सेवाओं पर 5% टैक्स है। फिर साल 2023 में कॉर्पोरेट टैक्स लागू हुआ, यानी कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स। अब दिसंबर 2025 में एक नया बदलाव आया है, जिसके बारे में आप पूछ रहे हैं। यह 15 दिसंबर के आसपास घोषित हुआ और तुरंत प्रभावी हो गया।

सबसे पहले UAE की मौजूदा टैक्स व्यवस्था को समझ लीजिए। UAE में मुख्य टैक्स तीन तरह के हैं – वैट, एक्साइज टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स। वैट रोजमर्रा की चीजों पर लगता है, जैसे खरीदारी, रेस्टोरेंट बिल आदि। एक्साइज टैक्स सिगरेट, कोल्ड ड्रिंक जैसी हानिकारक चीजों पर लगता है। कॉर्पोरेट टैक्स कंपनियों और व्यवसायों के मुनाफे पर लगता है। यह टैक्स 2023 से शुरू हुआ।

नियम कुछ इस तरह है – अगर किसी कंपनी का सालाना मुनाफा 3 लाख 75 हजार दिरहम से कम है, तो कोई टैक्स नहीं। इससे ज्यादा मुनाफे पर 9% टैक्स लगता है। फ्री जोन में काम करने वाली कुछ कंपनियां अगर कुछ शर्तें पूरी करें तो टैक्स से छूट पा सकती हैं। यह टैक्स UAE को वैश्विक स्तर पर ज्यादा विश्वसनीय बनाता है, क्योंकि कई देशों का कहना था कि UAE टैक्स हेवन है, जहां कंपनियां टैक्स बचाने के लिए आती हैं।

अब बात करते हैं नए बदलाव की। UAE सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स कानून में कुछ संशोधन किए हैं। यह पूरी टैक्स व्यवस्था को बदलने वाला नहीं है, बल्कि मौजूदा नियमों को ज्यादा स्पष्ट और व्यापारियों के लिए आसान बनाने वाला है। मुख्य बदलाव यह है कि अब कंपनियां अपने अनुपयोगी टैक्स क्रेडिट का रिफंड यानी पैसा वापस मांग सकती हैं। पहले क्या होता था?

कई कंपनियां विदेशी टैक्स क्रेडिट, विदहोल्डिंग टैक्स क्रेडिट या सरकार की दी गई प्रोत्साहन स्कीमों से टैक्स में छूट पाती थीं। लेकिन अगर ये क्रेडिट पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हो पाते, तो वे बेकार हो जाते थे। अब नया नियम कहता है कि ऐसे बचे हुए क्रेडिट के लिए कंपनी रिफंड क्लेम कर सकती है। यानी सरकार पैसा वापस देगी। यह बदलाव कंपनियों के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि अब उनका पैसा फंसकर नहीं रहेगा।

इस नए कानून का नाम फेडरल डिक्री-लॉ है, जो कॉर्पोरेट टैक्स के पुराने कानून में संशोधन करता है। ऐसे में आपको बता दें कि पहले टैक्स चुकाते समय क्रेडिट का क्रम तय कर दिया गया है। पहले विदहोल्डिंग टैक्स क्रेडिट इस्तेमाल होगा, फिर विदेशी टैक्स क्रेडिट, फिर अन्य प्रोत्साहन। इससे कोई कन्फ्यूजन नहीं रहेगा कि कौन सा क्रेडिट पहले लगेगा। दूसरा, बचे हुए क्रेडिट पर रिफंड का अधिकार दिया गया है।

तीसरा, फेडरल टैक्स अथॉरिटी को अधिकार दिया गया है कि वह इन रिफंड को मैनेज करे और जरूरत पड़े तो कॉर्पोरेट टैक्स की कमाई से पैसा निकालकर रिफंड दे। यह बदलाव आधिकारिक गजट में प्रकाशन के साथ तुरंत लागू हो गया। आने वाले दिनों में कैबिनेट डिसीजन आएंगे, जो बताएंगे कि रिफंड कैसे क्लेम करना है, कितने समय में और कौन-कौन सी शर्तें हैं।

ऐसे में सवाल ये बनता है कि आखिर यह बदलाव क्यों जरूरी था? UAE में कॉर्पोरेट टैक्स नया-नया लागू हुआ है, इसलिए शुरुआत में कुछ मुश्किलें थीं। कई कंपनियां, खासकर जो विदेशी व्यापार करती हैं, उन्हें क्रेडिट के इस्तेमाल में दिक्कत आ रही थी। इस संशोधन से नियम ज्यादा पारदर्शी हो गए हैं।

व्यापारियों को विश्वास होगा कि उनका पैसा सुरक्षित है और जरूरत पड़ने पर वापस मिल जाएगा। UAE सरकार का मकसद है कि देश व्यापार के लिए आकर्षक बना रहे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन हो। इस बदलाव से छोटी-बड़ी कंपनियां दोनों फायदा उठा सकती हैं, खासकर वे जो सरकारी प्रोत्साहन स्कीमों का लाभ लेती हैं।

इसके अलावा UAE में कुछ और टैक्स बदलाव भी चल रहे हैं, जो 2025-2026 में प्रभावी होंगे। उदाहरण के लिए, बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों जिनकी वैश्विक कमाई 750 मिलियन यूरो से ज्यादा हो, पर डोमेस्टिक मिनिमम टॉप-अप टैक्स यानी DMTT लागू हो रहा है।

यह 15% का न्यूनतम टैक्स है, जो जनवरी 2026 से शुरू होगा। इसका मतलब है कि अगर कोई बड़ी कंपनी UAE में कम टैक्स दे रही है, तो उसे अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा ताकि कुल 15% हो जाए। यह वैश्विक नियम यानी OECD पिलर 2 का हिस्सा है। लेकिन छोटी कंपनियां और आम व्यापारी इससे प्रभावित नहीं होंगे।

इसी तरह वैट कानून में भी कुछ बदलाव आ रहे हैं जनवरी 2026 से, जैसे इनपुट टैक्स क्लेम करने की समय सीमा 5 साल कर दी गई है। अगर आप UAE में रहते हैं या व्यापार करते हैं, तो यह नए नियम आपके लिए क्या मायने रखते हैं? अगर आपकी कंपनी कॉर्पोरेट टैक्स देती है, तो अपने अकाउंटेंट से बात करें कि क्या आपके पास कोई अनुपयोगी क्रेडिट है।

अगर है, तो रिफंड क्लेम करने की तैयारी करें। FTA की वेबसाइट पर रजिस्टर करें और नियमित अपडेट चेक करें। छोटे व्यापारियों के लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है, क्योंकि बेसिक नियम वही हैं – 3 लाख 75 हजार दिरहम तक मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं। लेकिन रिकॉर्ड रखना जरूरी है, क्योंकि FTA अब ज्यादा सख्ती कर रही है। गलत रिटर्न भरने पर जुर्माना लग सकता है। UAE सरकार बार-बार कहती है कि ये बदलाव देश को मजबूत बनाने के लिए हैं। पहले तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था थी, अब टूरिज्म, व्यापार, टेक्नोलॉजी पर फोकस है।

टैक्स से आने वाला पैसा शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होता है। दुनिया भर के लोग UAE में इसलिए आते हैं क्योंकि यहां सुरक्षा, सुविधाएं और व्यापार के मौके अच्छे हैं। ये टैक्स बदलाव उस छवि को बनाए रखने के लिए हैं। कई लोग सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे हैं कि UAE ने पूरी टैक्स व्यवस्था बदल दी या अब हर किसी पर भारी टैक्स लगेगा – ऐसा नहीं है।

यह सिर्फ कॉर्पोरेट टैक्स में सुधार है, जो व्यापार को आसान बनाता है।अगर आप दुबई, अबू धाबी या किसी फ्री जोन में बिजनेस कर रहे हैं, तो अच्छी बात यह है कि फ्री जोन कंपनियां अभी भी कुछ छूट पा सकती हैं, अगर वे क्वालिफाइंग एक्टिविटी करती हैं। लेकिन नियमों का पालन करना जरूरी है। नए रिफंड नियम से कई कंपनियों को कैश फ्लो में मदद मिलेगी।

मान लीजिए आपकी कंपनी ने कोई प्रोत्साहन स्कीम ली, लेकिन पूरा क्रेडिट इस्तेमाल नहीं कर पाए, तो अब पैसा वापस मिल सकता है। इससे निवेश करने की क्षमता बढ़ेगी। अन्य शब्दों में कहें तो 15 दिसंबर 2025 का नया आदेश UAE की टैक्स व्यवस्था को पूरी तरह नहीं बदलता, बल्कि उसे बेहतर बनाता है। यह व्यापारियों को रिफंड का अधिकार देता है, नियम स्पष्ट करता है और अनिश्चितता दूर करता है। UAE अभी भी दुनिया के सबसे अच्छे व्यापारिक देशों में से एक है।

अगर आप वहां रहते हैं या प्लान कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। बस अपडेट रहें और प्रोफेशनल सलाह लें। आने वाले सालों में और छोटे-मोटे बदलाव आ सकते हैं, लेकिन बड़ा उद्देश्य यही है कि UAE आकर्षक और नियमों का पालन करने वाला देश बना रहे। UAE सरकार ने जिस तरह से कॉर्पोरेट टैक्स के नियमों में कुछ अहम बदलावों का ऐलान किया है। उसके बाद से लगातार इसे लेकर जमकर चर्चा हो रही है।

वहीं इन नए नियमों से कंपनियों के लिए टैक्स का हिसाब-किताब करना और टैक्स चुकाना अब ज्यादा आसान और स्पष्ट हो जाएगा। ऐसे में सरकार द्वारा जारी किए गए नए आदेश में यह साफ बताया गया है कि कंपनियाँ अपनी Tax Bill को कैसे कम कर सकती हैं और छूट का फायदा कैसे उठा सकते हैं।

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