शनल हेराल्ड केस: सोनिया-राहुल को राहत के बाद बोली कांग्रेस-KG का बच्चा भी समझ जाता, बदले के लिए चलाया केस

अभिषेक सिंघवी ने नेशनल हेराल्ड मामले पर कहा कि बिना तथ्य के यह मामला 2014 से चलाया जा रहा था. ईडी और सीबीआई कई मौकों पर यह साफ कह चुकी थी कि इस पूरे मामले में कोई भी एविडेंस नहीं है. इसके बावजूद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से कई कई घंटे की पूछताछ की गई. उन्होंने आगे कहा कि बिना कानून के खड़ा किया मुकदमा अपने बोझ से ही गिर गया.
सिंघवी ने कहा कि घबराहट और हड़बड़ाहट में इन लोगों ने एक अलग से एफआईआर दर्ज कर दिया. उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर को इस पर भी हम अलग से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. राजनीतिक तौर पर यह गंभीर मामला नहीं होता तो सिर्फ हास्यास्पद मामला होता. आपने फिर एक नई FIR ठोंक दी 3 अक्टूबर को, जिसे हम देखेंगे और जवाब देंगे. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस होता है लेकिन इस मामले में ना पैसे का ट्रांसफर है और न ही कोई वित्त को लेकर मामला है.
‘एक KG क्लास का बच्चा समझ जाएगा’
अभिषेक सिंघवी ने कहा कि ED सिर्फ चालाक है हम बेवकूफ हैं, उन्हें लगता है कि हमने बनाया यंग इंडियन कंपनी, इस अचल संपत्ति को खाने को लिए, जबकि यंग इंडियन से खरगे जी और सोनिया जी कुछ नहीं लेते हैं. उन्होंने कहा कि इस पर कहते हैं कि हमने ऋण ट्रांसफर कर दिया, एक KG क्लास का बच्चा इस मामले को समझ जाएगा, अगर ये मामला ना होता तो लोग इस पर हंसते.
गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस विषय पर सारी जानकारी अभिषेक सिंघवी ने दी है. उन्हें सब मालूम है मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा सिर्फ इतना कहूंगा कि राजनीतिक देश की भावना से यह पूरा कैसे बनाया गया. जिसमें कोई दम नहीं है उसमें दम भरने की कोशिश की जा रही है. 1938 में एक बार देश को आजादी दिलाने के लिए बनाई गई थी और जानबूझकर कांग्रेस के नेताओं को विशेष रूप से गांधी परिवार को बदनाम करने का यह पूरा मामला बन रहा है. कल के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को हम वेलकम करते हैं.
राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में दर्ज नई FIR से जुड़ी कार्यवाही पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच एक प्राइवेट शिकायत पर आधारित है, न कि किसी FIR पर. कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य आरोपियों को इस स्टेज पर FIR की कॉपी पाने का अधिकार नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने ED को इस मामले में आगे की जांच जारी रखने की इजाज़त दे दी.



