अपने सहयोगियों के बयान से फिर फंस गई बीजेपी

- शिंदे ने बीएमसी चुनावों में सीटों के मामले में भाजपा को छकाया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भाजपा को अपने सहयोगी दलों के बयान में फंस गई है। एक तरफ बिहार में उसके सहयोगी हम पार्टी ने अभी संपन्न हुए विधान सभा चुनावों के परिणाम पर दिए बयान पर घमासाप मचा है तो वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना ने निकाया चुनाव की सीटों पर मांग करके भाजपा को बगलें झांकने को मजबूरकर दिया है। बता दें सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में अपने बयान दिए। इस वीडियो के सामने आने के बाद चुनावी व्यवस्था और लोकतंत्र पर बहस तेज हो गई है।
एक वीडियो में जीतन राम मांझी कहते हुए सुने जा रहे हैं कि, 2020 में 2600 वोट से हार रहे थे, तब कोशिश कर जीत दिला दी गई। इस बार 1600 वोट से हारे, लेकिन हमें बताया ही नहीं गया। उन्होंने उस समय के जिलाधिकारी का भी जिक्र किया, जो वर्तमान में त्रिपुरा में पदस्थ बताए जा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष लगातार वोट चोरी और चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाता रहा है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे रहा है।
जिलाधिकारी जीत मैनेज करा देते हैं : नारायण मांझी
वायरल वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर के गयाजी जिलाध्यक्ष नारायण मांझी ने कहा कि इस तरह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है, लेकिन उन्होंने अभी इसे नहीं सुना है। सुनने के बाद ही वे इस पर टिप्पणी कर पाएंगे। जानकारी के अनुसार, गया जिले के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर प्रखंड में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही थी।
मुंबई भाजपा अध्यक्ष ने गठित की समिति
मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित सतम ने बीएमसी चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन हेतु 20 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष अमित सतम के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नरवेकर, कई राज्य मंत्रिमंडल मंत्रियों और विधायकों को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
शिंदे ने 2017 वाले फॉर्मूले को लागू करने की कर दी डिमांड
महाराष्ट्र में आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के लिए शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीट बंटवारे की बातचीत में एक बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हुई बैठक में शिंदे सेना ने 2017 के बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के परिणामों का हवाला देते हुए उन सभी 84 सीटों की मांग की, जो उस समय अविभाजित शिवसेना ने जीती थीं। हालांकि, भाजपा ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। भाजपा का तर्क है कि 2017 की राजनीतिक परिस्थितियों और वर्तमान स्थिति में काफी अंतर है। भगवा पार्टी ने कहा कि शिंदे सेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच सीधा मुकाबला महायुति गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकता है। भाजपा ने कहा कि शिंदे सेना को केवल वही सीटें आवंटित की जाएंगी जहां उसकी सबसे मजबूत उपस्थिति है और सीट बंटवारा जीत की संभावना के फार्मूले के आधार पर तय किया जाएगा। बीएमसी की कुल 227 सीटों में से 77 सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच विवाद है। उम्मीद है कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेता अगले दो दिनों में गतिरोध को सुलझाने के प्रयास करेंगे।



